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पीपला की घटना से ग्रामीणों में दहशत, तालाब के ऊपर से तार हटाने की मांग

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Published : Jun 15, 2021, 4:26 PM IST

पूर्वी सिंहभूम के पिपला में तालाब में नहाने के दौरान बिजली का तार गिरने से 3 बच्चों सहित 4 लोगों की हुई दर्दनाक मौत के बाद गांव में भारी दहशत में हैं. तालाब के ऊपर से गुजरने वाली 11 हजार वोल्ट के तार को ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से हटाने की मांग की है.

Panic in villagers after Peepla incident
पीपला की घटना के बाद ग्रामीण में दहशत

घाटशिला/पूर्वी सिंहभूमः जिले के एमजीएम थाना क्षेत्र के पिपला में तालाब में नहाने के दौरान बिजली का तार गिरने से 3 बच्चों सहित 4 लोगों की हुई दर्दनाक मौत के बाद घाटशिला के मुसाबनी प्रखंड के गिरिसडांगा गांव के लोग पूरी तरह से दहशत में हैं. इस तरह की घटना मुसाबनी के गिरीशडांगा गांव में भी घटने की पूर्ण संभावना बनी हुई है. गिरीशडांगा गांव के एक मात्र तालाब के ऊपर 11 हजार वोल्ट और 220 वोल्ट के तार गुजरे हैं.

ये भी पढ़ेंः-पूर्वी सिंहभूम में टूटकर गिरा बिजली का तार, करंट से तालाब में नहा रही महिला और तीन बच्चों की मौत

तालाब पर सैकड़ों लोग का आवागमन

तालाब में पूरे गांव के तकरीबन 600 से 700 लोग प्रतिदिन नहाते और कपड़ा धोते हैं. छोटे-छोटे बच्चे भी इसी तालाब में घंटों नहाते और खेलते हैं. गांव के बच्चों को इस तालाब में अक्सर देखा जाता है, लेकिन इन बच्चों पर या फिर ग्रामीण जो तालाब में नहाते हैं उनके सिर पर दोहरी मौत मंडरा रही है. तालाब के ऊपर से एक नहीं बल्कि दो-दो बिजली की पॉवर सप्लाई है.

देखें पूरी खबर

आवेदन के बाद भी विभाग ने नहीं हटाया तार

इस तालाब के ऊपर से एक तरफ 11 हजार वोल्ट की जर्जर लाइन गुजर रही है, तो दूसरी तरफ 440 वोल्ट के तार और जर्जर पोल भी हैं जो कभी भी टूटकर तालाब में गिर सकते हैं. गांव के ग्रामीण भी पोल और तालाब पर 11 हजार वोल्ट के तार को हटाने के लिए कई बार आवेदन देकर इसे यहां से दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग विद्युत विभाग से कर चुके हैं, लेकिन आवेदन देने के बाद भी विद्युत विभाग अब तक तालाब के ऊपर से तार नहीं हटा पाया है.

ग्रामीणों ने की पोल हटाने की मांग

पीपला में घटना घटने के बाद यहां मुसाबनी प्रखंड के गिरीशडांगा के गांव के लोग भी डरे और सहमे हैं. कहीं इस तरह की घटना यहां भी न घट जाए. गांव के मुखिया प्रधान सोरेन, गांव के पंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि व भाजपा नेता भरत चंद्र भगत समेत ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से जर्जर तार और पोल को हटाने की मांग की है. भरत चंद्र भगत ने कहा कि समय रहते अगर ध्यान नहीं दिया गया तो कोई बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसकी सारी जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होगी.

घाटशिला/पूर्वी सिंहभूमः जिले के एमजीएम थाना क्षेत्र के पिपला में तालाब में नहाने के दौरान बिजली का तार गिरने से 3 बच्चों सहित 4 लोगों की हुई दर्दनाक मौत के बाद घाटशिला के मुसाबनी प्रखंड के गिरिसडांगा गांव के लोग पूरी तरह से दहशत में हैं. इस तरह की घटना मुसाबनी के गिरीशडांगा गांव में भी घटने की पूर्ण संभावना बनी हुई है. गिरीशडांगा गांव के एक मात्र तालाब के ऊपर 11 हजार वोल्ट और 220 वोल्ट के तार गुजरे हैं.

ये भी पढ़ेंः-पूर्वी सिंहभूम में टूटकर गिरा बिजली का तार, करंट से तालाब में नहा रही महिला और तीन बच्चों की मौत

तालाब पर सैकड़ों लोग का आवागमन

तालाब में पूरे गांव के तकरीबन 600 से 700 लोग प्रतिदिन नहाते और कपड़ा धोते हैं. छोटे-छोटे बच्चे भी इसी तालाब में घंटों नहाते और खेलते हैं. गांव के बच्चों को इस तालाब में अक्सर देखा जाता है, लेकिन इन बच्चों पर या फिर ग्रामीण जो तालाब में नहाते हैं उनके सिर पर दोहरी मौत मंडरा रही है. तालाब के ऊपर से एक नहीं बल्कि दो-दो बिजली की पॉवर सप्लाई है.

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आवेदन के बाद भी विभाग ने नहीं हटाया तार

इस तालाब के ऊपर से एक तरफ 11 हजार वोल्ट की जर्जर लाइन गुजर रही है, तो दूसरी तरफ 440 वोल्ट के तार और जर्जर पोल भी हैं जो कभी भी टूटकर तालाब में गिर सकते हैं. गांव के ग्रामीण भी पोल और तालाब पर 11 हजार वोल्ट के तार को हटाने के लिए कई बार आवेदन देकर इसे यहां से दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग विद्युत विभाग से कर चुके हैं, लेकिन आवेदन देने के बाद भी विद्युत विभाग अब तक तालाब के ऊपर से तार नहीं हटा पाया है.

ग्रामीणों ने की पोल हटाने की मांग

पीपला में घटना घटने के बाद यहां मुसाबनी प्रखंड के गिरीशडांगा के गांव के लोग भी डरे और सहमे हैं. कहीं इस तरह की घटना यहां भी न घट जाए. गांव के मुखिया प्रधान सोरेन, गांव के पंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि व भाजपा नेता भरत चंद्र भगत समेत ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से जर्जर तार और पोल को हटाने की मांग की है. भरत चंद्र भगत ने कहा कि समय रहते अगर ध्यान नहीं दिया गया तो कोई बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसकी सारी जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होगी.

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