जमशेदपुर: गोपाल मैदान में चल रहे आदि महोत्सव मे उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब मंच पर हो रहे डांस में कलाकारों के बीच एक अनजान व्यक्ति डांस ग्रुप में घुस गया और डांस करने लगा. पहले तो लोगों को लगा कि कलाकारों के साथ ही वह व्यक्ति है. लेकिन स्टेज पर गीत गा रही महिला के द्वारा आपत्ति किए जाने पर पूरा माहौल बदल गया. राज्यपाल के बगल में बैठे डीडीसी, एसएसपी तुरंत हरकत में आए और मौजूद पुलिस कर्मियों को उस व्यक्ति को स्टेज से उतारने का आदेश दिया.
जिसके बाद वहां मौजूद पुलिस ने तुरंत उस व्यक्ति को स्टेज से नीचे उतारा. इस दौरान कुछ देर के लिए कार्यक्रम को भी रोक दिया गया. हालांकि इसके बाद फिर कार्यक्रम ठीक से संपन्न हुआ. लेकिन व्यक्ति के अचानक मंच पर डांस ग्रुप में घुस जाना और डांस करना वहां मौजूद राज्यपाल की सुरक्षा में सेंध माना जा रहा है. हालांकि इस बारे में बिष्टुपुर थाना प्रभारी अंजनी कुमार ने कहा कि व्यक्ति लोहरदगा के डांस ग्रुप के साथ ही आया था, लेकिन वह मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
इससे पहले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आदि महोत्सव का उद्घाटन किया और कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह महोत्सव केवल हमारी संस्कृति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की समृद्ध विविधता को भी दर्शाता है. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही जनजाति समुदाय भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं. इस समुदाय का समृद्ध इतिहास और परंपरा प्रेरणादायक है और इसकी पूरे विश्व में एक अमिट छाप है.
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड राज्य वीरों की भूमि है. इस राज्य में भगवान बिरसा मुंडा समेत कई महान विभूतियां हुए हैं, जिन्होंने मातृभूमि व समाज के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को पूरे देश में 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. भगवान बिरसा मुंडा एक समाज सुधारक और दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष किया. राष्ट्र के लिए उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा.
राज्यपाल ने कहा कि जनजाति समुदाय की कला जीवंत हैं, उन्होंने उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की. प्रधानमंत्री जी ने लोगों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'वोकल फॉर लोकल' का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 24 जिलों की विभिन्न पंचायतों के भ्रमण के दौरान, लोगों से संवाद किया और उनके कौशल को निकट से देखा. उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी समाज की महिलाएं परिश्रमी हैं और विकास के लिए लालायित हैं. हमारी जनजाति समुदाय की बहनें महिला स्वयं सहायता समूहों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं.