ETV Bharat / state

निजीकरण का मतलब उद्योगों को बेचना नहीं, बल्कि पुनर्जीवित करना है: फग्गन सिंह कुलस्ते

केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि निजीकरण का मतलब उद्योगों को बेचना नहीं, बल्कि उसे पुनर्जीवित करना है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी के हितों को ध्यान में रखकर फैसले ले रही है.

author img

By

Published : Aug 27, 2021, 7:21 PM IST

Faggan Singh Kulaste
फग्गन सिंह कुलस्ते

जमशेदपुर: केंद्रीय ऊर्जा एवं इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने निजीकरण के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सार्वजनिक उद्योग कारखानों के निजीकरण का अर्थ उसे बेचना नहीं है, बल्कि उन्हें पुनर्जीवित कर विकास करना है. शुक्रवार को फग्गन सिंह जमशेदपुर पहुंचे थे और पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने यह बातें कही.

यह भी पढ़ें: JPSC की नियमावली में शामिल हो हिंदी भाषा, सैकड़ों छात्रों ने सीएम हेमंत को लिखा पत्र

सभी के हित को देखते हुए फैसले ले रही सरकार

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रकार का फैसला सरकार सभी के हितों को ध्यान पर रखकर ले रही है ताकि बीमार पड़े उद्योगों को एक जीवनदान मिल सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि इसका गलत अर्थ नहीं लगाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने टाटा परिवार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि टाटा घराना हमेशा ही देश की तरक्की में अहम भूमिका निभाते आया है. टाटा घराने का नाम आज देश के अग्रणी पंक्ति पर केवल इसलिए है क्योंकि उन्होंने केवल व्यापार ही नहीं किया बल्कि देश हित और देश के विकास में अहम भूमिका लगातार अदा करती आई है.

फग्गन सिंह ने कोरोना काल में स्टील उद्योगों में हुए नुकसान और मजदूरों की छंटनी के सवाल पर कहा कि कोरोना ने डेढ़ वर्षों तक उद्योगों पर अपना प्रकोप रखा है और अब धीरे-धीरे फिर से इसे पटरी पर लाया जा रहा है. सरकार की ओर से कई योजनाओं के माध्यम से स्टील सेक्टर को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है.

मंत्री कुलस्ते ने टाटा स्टील सेंटर फॉर एक्सीलेंस टीएसआरडीएस सीएसआर के तहत संचालित मस्ती की पाठशाला का निरीक्षण किया. टीएसआरडीएस में उन्होंने साहिया से बातचीत की. इसके बाद वह सर दोराबजी टाटा पर पहुंचे जहां उन्होंने उनकी जयंती के उपलक्ष्य पर सर दोराबजी टाटा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. केंद्रीय मंत्री को टाटा स्टील के अधिकारियों ने पार्क सर दोराबजी टाटा और उनकी पत्नी जिनकी प्रतिमा भी पार्क में स्थापित की गई है, उनके संबंध में जानकारी दी.

जमशेदपुर: केंद्रीय ऊर्जा एवं इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने निजीकरण के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सार्वजनिक उद्योग कारखानों के निजीकरण का अर्थ उसे बेचना नहीं है, बल्कि उन्हें पुनर्जीवित कर विकास करना है. शुक्रवार को फग्गन सिंह जमशेदपुर पहुंचे थे और पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने यह बातें कही.

यह भी पढ़ें: JPSC की नियमावली में शामिल हो हिंदी भाषा, सैकड़ों छात्रों ने सीएम हेमंत को लिखा पत्र

सभी के हित को देखते हुए फैसले ले रही सरकार

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रकार का फैसला सरकार सभी के हितों को ध्यान पर रखकर ले रही है ताकि बीमार पड़े उद्योगों को एक जीवनदान मिल सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि इसका गलत अर्थ नहीं लगाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने टाटा परिवार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि टाटा घराना हमेशा ही देश की तरक्की में अहम भूमिका निभाते आया है. टाटा घराने का नाम आज देश के अग्रणी पंक्ति पर केवल इसलिए है क्योंकि उन्होंने केवल व्यापार ही नहीं किया बल्कि देश हित और देश के विकास में अहम भूमिका लगातार अदा करती आई है.

फग्गन सिंह ने कोरोना काल में स्टील उद्योगों में हुए नुकसान और मजदूरों की छंटनी के सवाल पर कहा कि कोरोना ने डेढ़ वर्षों तक उद्योगों पर अपना प्रकोप रखा है और अब धीरे-धीरे फिर से इसे पटरी पर लाया जा रहा है. सरकार की ओर से कई योजनाओं के माध्यम से स्टील सेक्टर को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है.

मंत्री कुलस्ते ने टाटा स्टील सेंटर फॉर एक्सीलेंस टीएसआरडीएस सीएसआर के तहत संचालित मस्ती की पाठशाला का निरीक्षण किया. टीएसआरडीएस में उन्होंने साहिया से बातचीत की. इसके बाद वह सर दोराबजी टाटा पर पहुंचे जहां उन्होंने उनकी जयंती के उपलक्ष्य पर सर दोराबजी टाटा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. केंद्रीय मंत्री को टाटा स्टील के अधिकारियों ने पार्क सर दोराबजी टाटा और उनकी पत्नी जिनकी प्रतिमा भी पार्क में स्थापित की गई है, उनके संबंध में जानकारी दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.