जमशेदपुर: शहर के बिस्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में जनजातीय आदि महोत्सव का शनिवार से शुभारंभ हो गया. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने शनिवार शाम आदि महोत्सव का उद्घाटन किया. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह महोत्सव आगामी 16 अक्टूबर तक चलेगा.
जनजातीय संस्कृति और कला को बाजारों तक पहुंचाने का मंच- अर्जुन मुंडाः इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परंपरा और कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने का एक बेहतर मंच है. यह हमारे पूर्वजों, विभिन्न आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली और स्वयं आदिवासियों के योगदान का उत्सव है. यह महोत्सव विशेष रूप से पीवीटीजी यानी कमजोर जनजातीय समूहों, वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित लगभग 336 जनजातीय कारीगरों और कलाकारों की मेजबानी कर रहा है.
देश के कोने-कोने से आए आदिवासी भाई बहनों की कला, संगीत, चित्रकारी और व्यंजनों के अलावा आदि महोत्सव कारीगरों से मिलने, उनके जीवन जीने के तरीके के बारे में जानने और जनजातीय संस्कृति और परंपरा से रूबरू होने का बेहतर अवसर है. मंत्री ने कहा कि आदि महोत्सव एक भारत श्रेष्ठ भारत की अनुभूति को पूर्ण करता है. आगामी 16 अक्टूबर तक चलने वाले इस आदि महोत्सव में झारखंड के लोग जनजातीय रंग में रंगते हुए नजर आने वाले हैं. आम लोगों के समर्थन से इन सभी कलाकारों को उत्साह भी बढ़ेगा.
आदि महोत्सव में 336 आदिवासी कारीगरों को मंचः इस वर्ष यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित 336 आदिवासी कारीगरों और कलाकारों की प्रतिभा को उजागर कर रहा है. इस कार्यक्रम में झारखंड के 30 कारीगरों के स्टॉल, लगभग 11 वीडीवीके और 5 व्यंजन के स्टॉल शामिल हैं. इस कार्यक्रम में 15 व्यंजन स्टालों सहित अन्य राज्यों के 68 कारीगरों द्वारा प्रदर्शनी में हिस्सा लिया जा रहा है. इसमें आभूषण, धातु, कपड़ा, पेंटिंग, बांस, बेंत और व्यंजन समेत अन्य श्रेणियों में कलाकारों की प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा. विभिन्न मंत्रालय और उनके विभाग भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेंगे.
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आज जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आदि महोत्सव का शुभारंभ हुआ। आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है।यह हमारे आदिवासी पूर्वजों, विभिन्न अद्वितीय आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली pic.twitter.com/XWq6c7PVLA
— Arjun Munda (@MundaArjun) October 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आज जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आदि महोत्सव का शुभारंभ हुआ। आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है।यह हमारे आदिवासी पूर्वजों, विभिन्न अद्वितीय आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली pic.twitter.com/XWq6c7PVLA
— Arjun Munda (@MundaArjun) October 7, 2023आज जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आदि महोत्सव का शुभारंभ हुआ। आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है।यह हमारे आदिवासी पूर्वजों, विभिन्न अद्वितीय आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली pic.twitter.com/XWq6c7PVLA
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जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एक अग्रणी संगठन के रूप में ट्राइफेड, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने, विपणन सहायता, ब्रांडिंग प्रदान करने और उनकी अनूठी कला, संस्कृति और उत्पादों को सशक्त बाजार देने की अपनी प्रतिबद्धता जारी रखेगा. इस कार्यक्रम केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा के अलावा जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, टाटा स्टील के कॉर्पोरेट मामले के वीपी चाणक्य चौधरी, जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय, ट्राइफेड एमडी गीतांजलि गुप्ता, जमशेदपुर उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, जमशेदपुर एसपी (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग सहित अन्य सम्मानित गणमान्य लोग मौजूद रहे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा और बारी मुर्मू सहित कई लोग भी शामिल रहे.
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और स्वयं आदिवासियों के योगदान का उत्सव है। आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है।इस वर्ष यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित 336 pic.twitter.com/AA71iL0rPo
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">और स्वयं आदिवासियों के योगदान का उत्सव है। आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है।इस वर्ष यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित 336 pic.twitter.com/AA71iL0rPo
— Arjun Munda (@MundaArjun) October 7, 2023और स्वयं आदिवासियों के योगदान का उत्सव है। आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है।इस वर्ष यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित 336 pic.twitter.com/AA71iL0rPo
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