जमशेदपुर: लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के वर्तमान हालात को देखते हुए ट्रेड यूनियन गोलबंद होकर प्रवासी मजदूरों के पक्ष में आंदोलन करने की तैयारी में है. जमशेदपुर में इंटक नेता ने बताया है कि लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने और देश के कई प्रदेशों में मजदूरों के खिलाफ श्रम कानून में बदलाव किए जाने का विरोध किया जाएगा.
ट्रेड यूनियन एक जुट होकर प्रवासी मजदूरों के पक्ष में उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए लॉकडाउन के बाद आंदोलन करने की तैयारी में जुट गई है. देशव्यापी होने वाले इस आंदोलन में सभी ट्रेड यूनियन अपने अपने प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे. इंटक नेता राकेश्वर पांडेय ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया है कि वर्तमान में देश में प्रवासी मजदूरों को रोजगार एक बड़ा मुद्दा है. इसके लिए सरकार, कंपनी और ट्रेड यूनियन को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, झारखंड इससे अछूता नहीं है, झारखंड में कांग्रेस सरकार में शामिल है ऐसे में राज्य सरकार पर यूनियन दबाव बनाएगी की जल्द से जल्द उद्योग स्थापित हो सके और मजदूरों को रोजगार मिल सके.
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राकेश्वर पांडेय ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के आने से रोजगार पर हमला जैसी स्थिति बनेगी, ऐसे में किस मजदूर को कितना भुगतान किया जा रहा है, इसकी मॉनिटरिंग के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. यूनियन ने मांग की है कि प्रवासी मजदूरों को जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते है उन्हें तत्काल राहत के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कैश उपलब्ध कराए. उनहोंने कहा कि देश के कई प्रदेशों में मजदूरों के खिलाफ श्रम कानून में बदलाव किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं, ऐसे में सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है, जिसे लेकर देशभर में आंदोलन किया जाएगा.