ETV Bharat / state

घाटशिला में प्रगतिशील लेखक संघ का सम्मेलन, साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प

घाटशिला में दो दिवसीय तीसरे झारखंड राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान बास्ता सोरेन द्वारा रचित पुस्तक 'ओलचिकी का व्याकरण' और 'हालका हलकाओं' को प्रदर्शनी में लगाई गई और लोगों से साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की गई.

घाटशिला में तीसरे झारखंड राज्य सम्मेलन का आयोजन
author img

By

Published : Jul 29, 2019, 7:40 AM IST

पूर्वी सिंहभूम: घाटशिला के मऊभंडार स्थित ताम्र प्रतिभा मंच मैदान में प्रगतिशील लेखक संघ के दो दिवसीय तीसरे झारखंड राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन का उद्घाटन महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सह प्रसिद्ध साहित्यकार विभूति नारायण राय के द्वारा किया गया.

डॉ. सुनीता देवदूत सोरेन का बयान

वहीं, कार्यक्रम की शुरूआत में शेखर मल्लिक और उनके साथियों की ओर से ‘ये वक्त की आवाज है मिलकर चलो', 'ये जिंदगी का राग है मिल के चलो' से किया गया. इस अवसर पर संघ के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन, बिहार संघ के महासचिव रवीन्द्रनाथ राय, वरिष्ठ लेखक खगेन्द्र ठाकुर, संघ के झारखंड अध्यक्ष जयनंदन, राकेश मिश्र, घाटशिला के अध्यक्ष शेखर मल्लिक, कॉमरेढ़ बास्ता सोरेन, एटक के महासचिव कॉमरेड ओमप्रकाश सिंह, विनीत तिवारी, सुधीर सुमन, शैलेन्द्र, अशोक शुभदर्शी आदि मंच पर उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें-घाटशिला मामले की जांच शुरू, डॉक्टर ने दी थी महिला को पुरुष गर्भ निरोधक इस्तेमाल करने की सलाह

इस अवसर पर डॉ. केके लाल की ओर से पुस्तक मेला का भी आयोजन किया गया. इस दौरान बास्ता सोरेन द्वारा रचित पुस्तक 'ओलचिकी का व्याकरण' और 'हालका हलकाओं' को प्रदर्शनी में लगाई गई.

पहले दिन कार्यक्रम तीन सत्रों में हुआ संचालित
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विभूति नारायण राय ने बताया कि वे साहित्य को जन-जन तक ले जाने में असफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि साहित्य को जन-जन तक ले जाने की जरुरत है. वहीं, वहां उपस्थित राजेन्द्र राजन ने बताया कि हमें सभी मतभेद भुलाकर एक साथ आना होगा. इस प्रकार ही साहित्य को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है. पहले सत्र का उद्घाटन राजेन्द्र राजन और संचालन डॉ. मिथिलेश सिंह ने किया.

दूसरे दिन कार्यक्रम
रविवार सुबह बिरसा चौक से लेकर अंबेडकर चौक तक विशाल रैली का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया. उसके बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात पर चर्चा की गई. इस मौके पर उपस्थित लोगों में कॉमरेड ओपी सिंह, प्रो मित्रेश्वर, डॉ. सुनीता देवदूत सोरेन, घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीएन प्रसाद, डॉ. नरेश कुमार, प्रो. इंदल पासवान, भुवनेश्वर तिवारी सहित कई साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे.

पूर्वी सिंहभूम: घाटशिला के मऊभंडार स्थित ताम्र प्रतिभा मंच मैदान में प्रगतिशील लेखक संघ के दो दिवसीय तीसरे झारखंड राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन का उद्घाटन महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सह प्रसिद्ध साहित्यकार विभूति नारायण राय के द्वारा किया गया.

डॉ. सुनीता देवदूत सोरेन का बयान

वहीं, कार्यक्रम की शुरूआत में शेखर मल्लिक और उनके साथियों की ओर से ‘ये वक्त की आवाज है मिलकर चलो', 'ये जिंदगी का राग है मिल के चलो' से किया गया. इस अवसर पर संघ के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन, बिहार संघ के महासचिव रवीन्द्रनाथ राय, वरिष्ठ लेखक खगेन्द्र ठाकुर, संघ के झारखंड अध्यक्ष जयनंदन, राकेश मिश्र, घाटशिला के अध्यक्ष शेखर मल्लिक, कॉमरेढ़ बास्ता सोरेन, एटक के महासचिव कॉमरेड ओमप्रकाश सिंह, विनीत तिवारी, सुधीर सुमन, शैलेन्द्र, अशोक शुभदर्शी आदि मंच पर उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें-घाटशिला मामले की जांच शुरू, डॉक्टर ने दी थी महिला को पुरुष गर्भ निरोधक इस्तेमाल करने की सलाह

इस अवसर पर डॉ. केके लाल की ओर से पुस्तक मेला का भी आयोजन किया गया. इस दौरान बास्ता सोरेन द्वारा रचित पुस्तक 'ओलचिकी का व्याकरण' और 'हालका हलकाओं' को प्रदर्शनी में लगाई गई.

पहले दिन कार्यक्रम तीन सत्रों में हुआ संचालित
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विभूति नारायण राय ने बताया कि वे साहित्य को जन-जन तक ले जाने में असफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि साहित्य को जन-जन तक ले जाने की जरुरत है. वहीं, वहां उपस्थित राजेन्द्र राजन ने बताया कि हमें सभी मतभेद भुलाकर एक साथ आना होगा. इस प्रकार ही साहित्य को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है. पहले सत्र का उद्घाटन राजेन्द्र राजन और संचालन डॉ. मिथिलेश सिंह ने किया.

दूसरे दिन कार्यक्रम
रविवार सुबह बिरसा चौक से लेकर अंबेडकर चौक तक विशाल रैली का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया. उसके बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात पर चर्चा की गई. इस मौके पर उपस्थित लोगों में कॉमरेड ओपी सिंह, प्रो मित्रेश्वर, डॉ. सुनीता देवदूत सोरेन, घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीएन प्रसाद, डॉ. नरेश कुमार, प्रो. इंदल पासवान, भुवनेश्वर तिवारी सहित कई साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे.

Intro:घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम)

घाटशिला के मऊभंडार स्थित ताम्र प्रतिभा मंच मैदान में प्रगतिशील लेखक संघ(प्रलेस) के दो दिवसीय तीसरे झारखंड राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सह प्रसिद्ध साहित्यकार विभूति नारायण राय के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में शेखर मल्लिक व साथियों की ओर से ‘ये वक्त की आवाज है मिलकर चलो, ये जिंदगी का राग है मिल के चलो... की प्रस्तुती दी। स्वागत संबोधन शेखर मल्लिक ने दिया। इस अवसर पर प्रलेस के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन, बिहार प्रलेस के महासचिव रवीन्द्रनाथ राय, वरिष्ठ लेखक खगेन्द्र ठाकुर, झारखंड प्रलेस के अध्यक्ष जयनंदन, राकेश मिश्र, घाटशिला प्रलेस के अध्यक्ष शेखर मल्लिक, कॉमरेढ बास्ता सोरेन, एटक के महासचिव कामरेड ओमप्रकाश सिंह, विनीत तिवारी, सुधीर सुमन, शैलेन्द्र, अशोक शुभदर्शी आदि मंचासीन थे। प्रलेस के डॉ के के लाल की ओर से पुस्तक मेला का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉमरेड बास्ता सोरेन की पुत्री डॉ सुनीता देवदूत सोरेन की ओर से बास्ता सोरेन द्वारा रचित पुस्तक ओलचिकी का व्याकरण व हालका हलकाओं भी प्रदर्शनी में लगाई गई थी। Body:पहले दिन कार्यक्रम तीन सत्रों में हुआ संचालित

उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विभूति नारायण राय ने बताया कि हम साहित्य को जन जन तक ले जाने में असफल रहे हैं। हमें साहित्य को जन जन तक ले जाना होगा। वहीं राजेन्द्र राजन ने बताया कि हमें सभी मतभेद भुलाकर एक साथ आना होगा। तभी साहित्य को हम जन जन तक पहुंचाने में सफल होंगे। पहले सत्र का उद्घाटन राजेन्द्र राजन व संचालन डॉ मिथिलेश सिंह ने किया।

दूसरे दिन कार्यक्रम
सुबह बिरसा चौक से लेकर अंबेडकर चौक तक विशाल रैली का आयोजन किया गया इसमें हजारों की संख्या में लोग जुटे हैं उसके बाद कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर आज के मौजूदा हालात पर चर्चाएं की गई

यह थे मौजूद

मौके पर उपस्थित लोगो में कॉमरेड ओपी सिंह, प्रो मित्रेश्वर, डॉ सुनीता देवदूत सोरेन, घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ बीएन प्रसाद, डॉ नरेश कुमार, प्रो इंदल पासवान, भुवनेश्वर तिवारी आदि के साथ कई साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।
Conclusion:अर्पिता श्रीवास्तव ने रजिया व कैफी आजमी की जीवनी व संघर्षों की जानकारी दी। शशि कुमार व विनीत श्रीवास्तव ने भी कैफी व रजिया के बारे में जानकारी दी। दूसरे सत्र की अध्यक्षता विभूति नारायण राय व संचालन अर्पिता श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम के तीसरे सत्र में अस्मिता के सवाल, संघर्ष व आदिवासी को लेकर चर्चा की गई। तीसरे सत्र कह अध्यक्षता महादेव टोपनो, अरूण कमल ने की। वहीं संचालन डॉ सुनीता देवदूत सोरेन, सत्यम श्रीवास्तव व शांभवी प्रियदर्शी ने की। इस अवसर पर डॉ सुनीता देवदूत सोरेन ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।
बाईट
डॉ सुनीता देवदूत सोरेन

रिपोर्ट
कन्हैया हेंब्रम
घाटशिला
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.