जमशेदपुरः देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर को मंदी की मार झेलनी पड़ रही है. इसके बाद औद्योगिक नगर, लौहनगरी में अगस्त महीने में टाटा मोटर्स ने 3 बार ब्लॉक क्लोजर किया गया था. बाजार के मौजूदा हालात को लेकर उत्पादन बंद कर दी गई थी. टाटा मोटर्स में सोमवार से कामगारों ने काम शुरू किया. काम शुरू करने के साथ ही कामगारों के चेहरे पर खुशी लौट आई है.
मंदी की मार झेल रही ऑटोमोबाइल सेक्टर में देश की दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स ने 15 अगस्त से 18 अगस्त तक उत्पादन बंद किया था. लगातार 4 दिनों की बंदी के बाद कंपनी दोबारा 19 अगस्त को खोली गई. ब्लॉक क्लोजर से आने के बाद कामगारों में खुशी है. कामगारों ने बताया ब्लॉक क्लोजर होने के बाद मन दुखी हो गया है. कंपनी की परिस्थिति के मुताबिक और आर्थिक मंदी के कारण ब्लॉक क्लोजर जैसी समस्या होती है.
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ब्लॉक क्लोजर होने से अस्थायी कामगारों और स्थायी कामगारों दोनों को समस्या हो रही थी. एक महीने में 700 से ज्यादा गाड़ियां बनाई जाती थी. लेकिन इस महीने कम गाड़ियां बनाई गई हैं. अस्थायी तौर पर काम कर रहे मजदूरों को ब्लॉक क्लोजर में बारी-बारी से काम पर लगाया गया है.
टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर खत्म होने के बाद कामगारों के जीवन में फिर से खुशियां लौट आई है. जरूरत है सरकार इस आर्थिक मंदी से निपटने के लिए किसी नए रास्ते की तलाश करे.