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जमशेदपुरः पांच हजार लोगों के रहने वाली बस्ती टूटने की खबर से हड़कंप, डर का माहौल

जमशेदपुर में इन दिनों बिरसानगर के मोची बस्ती और विद्यापति नगर के सैकड़ों घर टूटने की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. टाटा स्टील के प्रतिनिधियों ने दोनों बस्तियों का सर्वे किया जिसके बाद से खबर आग की तरह फैल गई है और लोगों में हड़कंप मच गया है.

जमशेदपुरः पांच हजार लोगों के रहने वाली बस्ती टूटने की बात, लोगों में डर का माहौल
बस्ती वासी
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Published : Dec 19, 2019, 11:06 AM IST

Updated : Dec 19, 2019, 1:04 PM IST

जमशेदपुरः इन दिनों पूरे शहर में चर्चा है कि 86 बस्ती के तहत आने वाले बिरसानगर के मोची बस्ती और विद्यापति नगर के सैकड़ों घर टूट जाएंगे. कुछ पुराने मामलों का हवाला देकर बताया जा रहा है कि टाटा स्टील के पक्ष में डिग्री हुई है. टाटा स्टील के प्रतिनिधियों ने दोनों बस्तियों का सर्वे किया, जिसके बाद से खबर आग की तरह फैल गई है और लोगों में हड़कंप मच गया है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें- 54 प्रत्याशियों की किस्मत स्ट्रॉन्ग रूम में कैद, चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच 23 दिसंबर को आएगा नतीजा

नहीं मिला नोटिस

अभी तक किसी को लिखित नोटिस नहीं मिली है. जमशेदपुर कोर्ट में चल रहे इस मामले में कभी बस्ती वासियों को न पहले नोटिस मिला और न अब तक मिला. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. बुधवार को बड़ी संख्या में बिरसानगर जोन नंबर 8 की मोची बस्ती के लोग कोर्ट परिसर में पहुंचे. जहां उन्होंने कानूनी जानकारी लेने की कोशिश की. उन लोगों ने अपने अधिवक्ता को बताया कि कभी नोटिस आया ही नहीं. साथ ही बस्ती वासियों का कहना है कि उनकी बस्ती उन 86 बस्ती में आती है, जो सालों पहले टाटा लीज से मुक्त हो चुकी है. बस्ती वासियों का कहना है कि वहां वे लोग दो पीढ़ियों से रह रहे हैं. उनके आधार और राशन कार्ड बने हुए हैं. विधायक फंड से विकास कार्य हुए हैं और टाटा स्टील ने भी स्कूल बना कर दिया है. टाटा स्टील ने 1985 में एक केस किया था जिसकी 1991 में डिग्री हो जाने का दावा है. उसी डिग्री को लेकर एग्जीक्यूशन के लिए टाटा स्टील की ओर से जमशेदपुर कोर्ट में एक मामला चल रहा है. जिसकी कोई भी नोटिस बस्ती वासियों को नहीं मिली है.

जमशेदपुरः इन दिनों पूरे शहर में चर्चा है कि 86 बस्ती के तहत आने वाले बिरसानगर के मोची बस्ती और विद्यापति नगर के सैकड़ों घर टूट जाएंगे. कुछ पुराने मामलों का हवाला देकर बताया जा रहा है कि टाटा स्टील के पक्ष में डिग्री हुई है. टाटा स्टील के प्रतिनिधियों ने दोनों बस्तियों का सर्वे किया, जिसके बाद से खबर आग की तरह फैल गई है और लोगों में हड़कंप मच गया है.

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नहीं मिला नोटिस

अभी तक किसी को लिखित नोटिस नहीं मिली है. जमशेदपुर कोर्ट में चल रहे इस मामले में कभी बस्ती वासियों को न पहले नोटिस मिला और न अब तक मिला. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. बुधवार को बड़ी संख्या में बिरसानगर जोन नंबर 8 की मोची बस्ती के लोग कोर्ट परिसर में पहुंचे. जहां उन्होंने कानूनी जानकारी लेने की कोशिश की. उन लोगों ने अपने अधिवक्ता को बताया कि कभी नोटिस आया ही नहीं. साथ ही बस्ती वासियों का कहना है कि उनकी बस्ती उन 86 बस्ती में आती है, जो सालों पहले टाटा लीज से मुक्त हो चुकी है. बस्ती वासियों का कहना है कि वहां वे लोग दो पीढ़ियों से रह रहे हैं. उनके आधार और राशन कार्ड बने हुए हैं. विधायक फंड से विकास कार्य हुए हैं और टाटा स्टील ने भी स्कूल बना कर दिया है. टाटा स्टील ने 1985 में एक केस किया था जिसकी 1991 में डिग्री हो जाने का दावा है. उसी डिग्री को लेकर एग्जीक्यूशन के लिए टाटा स्टील की ओर से जमशेदपुर कोर्ट में एक मामला चल रहा है. जिसकी कोई भी नोटिस बस्ती वासियों को नहीं मिली है.

Intro:एंकर-- इन दिनों पूरे शहर में चर्चा है कि 86 बस्ती के तहत आने वाले बिरसानगर के मोची बस्ती और विद्यापति नगर के सैकड़ों घर टूट जाएंगे कुछ पुराने मामलों का हवाला देकर बताया जा रहा है.कि टाटा स्टील के पक्ष में डिग्री हुई है.टाटा स्टील के प्रतिनिधियों ने दोनों बस्तियों का सर्वे किया जिसके बाद से खबर आग की तरह फैल गई है और लोगों में हड़कंप मच गया है।


Body:वीओ1-- खास बात यह है कि अभी तक किसी को लिखित नोटिस नहीं मिला है. जमशेदपुर कोर्ट में चल रहे इस मामले में कभी बस्ती वासियों को नोटिस ना पहले मिला और ना अब तक मिला इस मामले में कोर्ट में सुनवाई भी होनी है.बुधवार को बड़ी संख्या में बिरसानगर जोन नंबर 8 के मोची बस्ती के लोग कोर्ट परिसर में पहुंचे जहां उन्होंने कानूनी जानकारी लेने की कोशिश की उन लोगों ने अपने अधिवक्ता को बताया कि कभी नोटिस आया ही नहीं साथ ही बस्ती वासियों और कहना है. कि उनकी बस्ती 86 बस्ती में आती है. जो सालों पहले टाटा लीज से मुक्त हो चुकी है। बस्ती वासियों का कहना है वहां वे लोग दो पीढ़ियों से रह रहे हैं. उनके आधार और राशन कार्ड बने हुए हैं. विधायक फंड से विकास कार्य हुए हैं और टाटा स्टील ने भी स्कूल बना कर दिया है।
बाइट-- स्थानीय बिरसानगर बस्ती वासी
बाइट--स्थानीय बिरसानगर बस्ती वासी
वीओ2-- टाटा स्टील ने 1985 में एक केस किया था जिसकी 1991 में डिग्री हो जाने का दावा है. उसी डिग्री को लेकर एग्जीक्यूशन के लिए टाटा स्टील की ओर से जमशेदपुर कोर्ट में एक मामला चल रहा है.जिसकी कोई भी नोटिस बस्ती वासियों को नहीं मिली है।
बाइट--पीएन गोप(अधिवक्ता जमशेदपुर कोर्ट)


Conclusion:ऐसे में कानून अचानक कोई भी बस्ती नहीं तोड़ सकती है.86 बस्ती के टाटा लीज से बाहर हो जाने के सवाल पर भी देखना होगा कि जिस विशेष जमीन की बात हो रही है. क्या यह वाकई लीज से बाहर है. या नहीं ऐसे में टूटने का सवाल उठना हास्य पद है. जब मालिकाना हक की बातें हो रही हो तो यह बस्ती कैसे टूटेगी।
Last Updated : Dec 19, 2019, 1:04 PM IST
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