चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय के छात्र अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 9 मई को विश्वविद्यालय में आंदोलन करेगा. छात्र संघ के सचिव सुबोध महाकुड ने बताया कि कोल्हान विश्वविद्यालय अनुसूचित जनजाति आर्थिक रूप से पिछड़ा क्षेत्र है. भारत का संविधान भी इस क्षेत्र में विशेष सुविधा देने की वकालत करता है. लेकिन कई बार छात्र हित के मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन को अवगत कराने के बावजूद इस ओर कोई सार्थक पहल नहीं किया गया है. जिसे देखते हुए छात्र संघ ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है.
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क्या है छात्र संघों की मांगें: छात्र संघों कई मांगों को लेकर आंदोलन पर उतारू है. उनकी पहली मांग है कि काफी विलंब से चल यूजी सेमेस्टर पांच को छह में प्रमोट किया जाए ताकि समय रहते पढ़ाई पूरा किया जा सके. इसके अलावे कोल्हन विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेज में निर्धन छात्र कोष की स्थापना की जाए ताकि वैश्य विद्यार्थी जो गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर है उनका नामांकन निर्धन छात्र कोष के माध्यम से कॉलेजों में हो सके. विगत दिनों वोकेशनल विभाग में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों एवं शिक्षक की बहाली हेतु विश्वविद्यालय द्वारा अभ्यर्थी को बहाली करना था. परंतु 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस पर कोई पहल नहीं हो रहा है. इस पर संज्ञान लेते हुए अनुसूची जारी की जाए. अंत में कोल्हन विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेज में खेल नीति, खेल सामग्री के साथ साथ खेल शिक्षक उपलब्ध कराया जाए.