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ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ की रणनीति, कहा- ट्रेन मार्ग से सबसे ज्यादा मानव तस्करी

जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन परिसर स्थित सभागार में आरपीएफ अधिकारियों ने जवानों के साथ अहम बैठक की है और मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए चर्चा करते हुए रणनीति बनाई.

RPF meeting at Tatanagar railway station
RPF meeting at Tatanagar railway station
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Published : May 9, 2022, 7:17 AM IST

जमशेदपुर: शहर के टाटानगर रेलवे स्टेशन में आरपीएफ ने मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अहम बैठक की. जिसमें टाटानगर आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि ट्रेन मार्ग के जरिए सबसे ज्यादा मानव तस्करी होती है. जिस पर लगाम लगाने के लिए रणनीति बनाई गई है. सहायक सुरक्षा आयुक्त केसी नायक की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) के रांची, चक्रधरपुर, झारसुगड़ा सहित अन्य स्थानों में कार्यरत आरपीएफ के अधिकारी और कॉन्स्टेबल शामिल हुए.

इसे भी पढ़ें: पलामू के नक्सल प्रभावित इलाके में बदलाव की वाहक बन हैं महिलाएं, मानव तस्करी को रोकने और शिक्षा को लेकर समाज में लाईं जागरूकता

बैठक में मानव तस्करों की पहचान करना और तस्करी की गई महिलाओं और युवतियों को सुरक्षित घर वापसी कराने के लिए चर्चा की गई. इस दौरान सभी आरपीएफ के अधिकारियों और कॉन्स्टेबल को ड्यूटी के दौरान ऐसे मामलों की गहनता से जांच करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. मानव तस्करी को रोकने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा के पीएलवी और चाइल्ड लाइन से मिलकर कार्य करने के लिए कहा गया है.


टाटानगर आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त केसी नायक ने बताया कि मानव तस्करी करने वाले सड़क से ज्यादा ट्रेन मार्ग का इस्तेमाल करते हैं, जिससे दूसरे प्रदेशों में आसानी से पहुंचा जा सके. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी व बेरोजगारी का फायदा उठाकर तस्कर ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. उन्होंने नाबालिग के पकड़े जाने पर उसे रेलवे चाइल्ड लाइन (Railway Child Line) के हवाले करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले की सूचना को तत्काल आपस में साझा करें ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की जा सके.

जमशेदपुर: शहर के टाटानगर रेलवे स्टेशन में आरपीएफ ने मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अहम बैठक की. जिसमें टाटानगर आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि ट्रेन मार्ग के जरिए सबसे ज्यादा मानव तस्करी होती है. जिस पर लगाम लगाने के लिए रणनीति बनाई गई है. सहायक सुरक्षा आयुक्त केसी नायक की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) के रांची, चक्रधरपुर, झारसुगड़ा सहित अन्य स्थानों में कार्यरत आरपीएफ के अधिकारी और कॉन्स्टेबल शामिल हुए.

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बैठक में मानव तस्करों की पहचान करना और तस्करी की गई महिलाओं और युवतियों को सुरक्षित घर वापसी कराने के लिए चर्चा की गई. इस दौरान सभी आरपीएफ के अधिकारियों और कॉन्स्टेबल को ड्यूटी के दौरान ऐसे मामलों की गहनता से जांच करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. मानव तस्करी को रोकने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा के पीएलवी और चाइल्ड लाइन से मिलकर कार्य करने के लिए कहा गया है.


टाटानगर आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त केसी नायक ने बताया कि मानव तस्करी करने वाले सड़क से ज्यादा ट्रेन मार्ग का इस्तेमाल करते हैं, जिससे दूसरे प्रदेशों में आसानी से पहुंचा जा सके. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी व बेरोजगारी का फायदा उठाकर तस्कर ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. उन्होंने नाबालिग के पकड़े जाने पर उसे रेलवे चाइल्ड लाइन (Railway Child Line) के हवाले करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले की सूचना को तत्काल आपस में साझा करें ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की जा सके.

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