जमशेदपुर: भारतीय जन मोर्चा के द्वारा कोल्हान प्रभारी संजीव आचार्य और जिला संयोजक रामनारायण शर्मा के संयुक्त नेतृत्व में शुक्रवार को साकची शहीद चौक पर इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए इमरजेंसी के विरोध को प्रतिकार दिवस के रूप में मनाया गया. इसमें जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले नेता और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी शामिल हुए.
सरयू ने इस दौरान कहा कि 1974 में महंगाई सहित जनहित के विभिन्न मुद्दों को लेकर छात्रों का एक आंदोलन जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में शुरू हुआ. उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की चुनाव निरस्त होने और आंदोलन से घबड़ाकर 25 जून 1975 को पूरे देश में लोकतंत्र का गला घोटते हुए आपातकाल लगाया गया. आपातकाल के समय देश के विपक्ष के सभी बड़े नेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत हजारों आंदोलनकारी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था.
1977 में जब आपातकाल के बाद चुनाव हुआ तो स्वयं इंदिरा गांधी भी लोकतंत्र का चुनाव हार गईं. इसका आक्रोश जनता में इतना ज्यादा था कि उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर इंदिरा गांधी की निरंकुश शासन को उखाड़ फेंका और लोकतंत्र की बहाली करवायी. सरयू ने यह भी कहा कि परिवर्तन की बातें चलती रहेगी. देश में कोई भी अगर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास करेगा तो वो सफल नहीं होगा.