जमशेदपुरः विधानसभा की चुनाव की तिथि की घोषणा होने में कुछ ही दिन ही रह गए हैं. सभी दलों ने अपने-अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, घाटशिला सीट को लेकर जेएमएम और कांग्रेस आमने-सामने हैं. जहां जेएमएम सीट पर इस बार जीत का दावा कर रही है, तो वहीं कांग्रेस किसी भी हालत में इस सीट को छोड़ने के मूड में नहीं है. अगर हालात यही रहे तो, दोनों पार्टियों के बीट होने वाले गठबंधन में दरार जरूर पड़ सकती है.
घाटशिला विधानसभा सीट से एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू चुनाव लड़ने के मूड में हैं. इसके लिए उन्होंने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चलाना शुरु कर दिया है. उनका साफ तौर पर कहना है कि वह किसी भी हालत में इस सीट से चुनाव लड़ेंगे.
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वहीं, जेएमएम के जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन ने भी इसी सीट पर दावा ठोकते हुए यहां पर अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि वह प्रदीप बालमुचू को हराकर इस सीट पर कब्जा किए थे. हालांकि उन्होंने कहा कि वह पिछले विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक लक्ष्मण टुडू से कम ही अंतर से हारे थे, इसलिए इस सीट पर जेएमएम ही चुनाव लड़ेगी और प्रत्याशी के रूप में मैं रहूंगा.
बता दें कि, प्रदीप बालमुचू लगातार 3 बार घाटशिला विधानसभा सीट से नेतृत्व कर चुके हैं, हालांकि 2009 के विधानसभा चुनाव में प्रदीप बालमुचू को हराकर जेएमएम के रामदास सोरेन ने हरा कर इस सीट पर कब्जा किया था, लेकिन 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण टुडू ने रामदास सोरेन को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं, प्रदीप बालमुचू ने अपनी बेटी को यहां से प्रत्याशी बनाकर उतारा था, लेकिन वह 3 नंबर में थी. अब देखना है कि आने वाले विधनसभा चुनाव में अगर कांग्रेस और जेएमएम का गठबंधन होता है, तो यह सीट किसके खाते में जाती हैं.