घाटशिला/पूर्वी सिंहभूमः जिला के घाटशिला अनुमंडल स्थित मुसाबनी प्रखंड के रिटायर शिक्षक सबर जाति के लोबिन सबर आज सबर बच्चों के बीच शिक्षा की ज्योति जला रहे हैं. झारखंड राज्य में विलुप्ति के कगार पर पहुंचे सबर जाति के लोगों के बीच देश की आजादी के बाद आज भी शिक्षा ना के बराबर है. झारखंड में तो केवल गिने-चुने सबर जाति के लोग ही शिक्षित हैं लेकिन रिटायर्ड शिक्षक लोबिन सबर इस परंपरा को तोड़ने में लगे हैं.
दरअसल, जब वह शिक्षक के रुप में कार्यरत थे तो प्रत्येक रविवार को अपने घर में सबर बच्चों को शिक्षा देते थे लेकिन उनका ट्रांसफर दूसरे जिले में हो जाने के कारण सबर बच्चों को शिक्षा देने काम अधूरा रह गया था. आज वह रिटायर हो गए हैं तो उन्होंने सबर जाति को शिक्षित बनाने के लिए अपने घर में ही करीबन 40 से 80 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहे हैं और इसका साथ दे रही है घर की बेटी नीलिमा सबर वह भी अपने बड़े पापा लोबिन सबर के साथ सबर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहे हैं.
ये भी पढ़ें-हरिणा ग्राम देवता का अस्तित्व खतरे में , बीसीसीएल की मनमानी से नागरिकों में आक्रोश
रिटायर शिक्षक लोबिन सबर बताते हैं कि उनके पढ़ाए गए बच्चे आज सरकारी उच्च पद पर कार्यरत हैं. उनका मुख्य उद्देश्य पूरे झारखंड के सबर जाति को शिक्षित करने का है और इसकी शुरुआत उन्होंने अपने घर से ही कर दिया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण अभी वो दूसरे क्षेत्र के बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं लेकिन जिला में जहां-जहां सबर बच्चे रहते हैं वे वहां के बच्चों को मूलभूत सुविधा के साथ-साथ शिक्षा प्रदान करेंगे.
लोबिन सबर का कहना है कि इसके लिए वो झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर सबर जाति को शिक्षित करने के अपने उद्देश्य को रखेंगे और राज्य के मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध करेंगे कि सबर जाति के बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष पैकेज देने का भी अनुरोध करेंगे.