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जमशेदपुर: आंध्र भक्त श्री राम मंदिर में मनाई गई रामनवमी, कोविड गाइडलाइन का हुआ पालन - Follow Corona Guideline

पूरे देश में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए रामनवमी मनाई गया. जमशेदपुर के आंध्र भक्त श्री राम मंदिर में भगवान राम का अभिषेकम कर जन्मोत्सव मनाया गया. मंदिर में हनुमान जी के केसरिया झंडे को स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा अर्चना की गई.

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रामनवमी पूजा
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Published : Apr 21, 2021, 9:38 PM IST

जमशेदपुर: शहर में 1919 में स्थापित आंध्र भक्त श्री राम मंदिर में रामनवमी के अवसर पर भगवान राम का अभिषेकम कर जन्मोत्सव मनाया गया. उनकी प्रतिमा को अलंकृत कर पूजा और आरती की गई, जिसके बाद नवग्रह स्थापन पंचामृत से अभिषेकम किया गया, जिसमें पंडित आचार्य संतोष कुमार और पंडित आचार्य शेषाद्री द्वारा दूध, दही, घी, मधु और फलों के रश से भगवान राम की मंत्रोच्चार के बीच अभिषेकम किया गया.

इसे भी पढे़ं: रामनवमी में महावीरी झंडा का होता है विशेष महत्व, आप भी जानें क्यों फहराया जाता है ध्वज

मंदिर में हनुमान जी के केसरिया झंडे को स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा अर्चना की गई, जिसमें जजमान के रूप में एम महेश, वाई श्रीनिवास और एम नानाजी बैठे थे. पूजा में भगवान को भोग के रूप में प्रसाद अर्पित किया गया. मंदिर में शाम के समय सीता राम कल्याण महोत्सवम का आयोजन दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार पंडित संतोष कुमार और पंडित शेषाद्री द्वारा सम्पन्न कराया गया, जिसमें भगवान राम और सीता की प्रतिमा को जरीयुक्त सिल्क वस्त्रों और सोने हीरे, मोती के आभूषणों से अलंकृत किया गया.

पूजा के समय ये थे मौजूद

दक्षिण भारतीय परंपरा में रामनवमी के अवसर पर सीता राम का विवाहत्सव मनाया जाता है, जिसे अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है. इस बार मंदिर में कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ही भक्तों को मंदिर में प्रवेश कराया गया. दर्शन के समय सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखा गया था. भक्तो की संख्या को सीमित रखा गया था. नवरात्र के नवमी में जिन भक्तों ने अपना नाम एवं गोत्र दर्ज कराया था, उनकी ही विशेष पूजा की गई. इस अवसर पर अध्यक्ष बीडी गोपाल कृष्णा, महासचिव दुर्गा प्रसाद, उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता जम्मी भास्कर, उपाध्यक्ष वाई. श्रीनिवास, एम महेश, एम नानाजी, पी प्रकाश, मनमड राव, सहित कमिटी के पदाधिकारी एवं भक्त उपस्थित थे.

जमशेदपुर: शहर में 1919 में स्थापित आंध्र भक्त श्री राम मंदिर में रामनवमी के अवसर पर भगवान राम का अभिषेकम कर जन्मोत्सव मनाया गया. उनकी प्रतिमा को अलंकृत कर पूजा और आरती की गई, जिसके बाद नवग्रह स्थापन पंचामृत से अभिषेकम किया गया, जिसमें पंडित आचार्य संतोष कुमार और पंडित आचार्य शेषाद्री द्वारा दूध, दही, घी, मधु और फलों के रश से भगवान राम की मंत्रोच्चार के बीच अभिषेकम किया गया.

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मंदिर में हनुमान जी के केसरिया झंडे को स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा अर्चना की गई, जिसमें जजमान के रूप में एम महेश, वाई श्रीनिवास और एम नानाजी बैठे थे. पूजा में भगवान को भोग के रूप में प्रसाद अर्पित किया गया. मंदिर में शाम के समय सीता राम कल्याण महोत्सवम का आयोजन दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार पंडित संतोष कुमार और पंडित शेषाद्री द्वारा सम्पन्न कराया गया, जिसमें भगवान राम और सीता की प्रतिमा को जरीयुक्त सिल्क वस्त्रों और सोने हीरे, मोती के आभूषणों से अलंकृत किया गया.

पूजा के समय ये थे मौजूद

दक्षिण भारतीय परंपरा में रामनवमी के अवसर पर सीता राम का विवाहत्सव मनाया जाता है, जिसे अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है. इस बार मंदिर में कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ही भक्तों को मंदिर में प्रवेश कराया गया. दर्शन के समय सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखा गया था. भक्तो की संख्या को सीमित रखा गया था. नवरात्र के नवमी में जिन भक्तों ने अपना नाम एवं गोत्र दर्ज कराया था, उनकी ही विशेष पूजा की गई. इस अवसर पर अध्यक्ष बीडी गोपाल कृष्णा, महासचिव दुर्गा प्रसाद, उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता जम्मी भास्कर, उपाध्यक्ष वाई. श्रीनिवास, एम महेश, एम नानाजी, पी प्रकाश, मनमड राव, सहित कमिटी के पदाधिकारी एवं भक्त उपस्थित थे.

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