ETV Bharat / state

जमशेदपुर के ग्रामीण इलाकों में लचर स्वास्थ्य सेवा, 2.5 लाख लोगों के लिए मात्र 4 डॉक्टर - Poor healthcare in rural areas

राज्य में स्वास्थ्य केंद्रों की दयनीय स्थिति के कारण ग्रामीण जनता परेशान है. जमशेदपुर के पोटका प्रखंड में लगभग 2.5 लाख की अबादी वाले स्वास्थ्य केंद्र में मात्र 4 डॉक्टर कार्यरत हैं. वहीं, स्वास्थ्य संसाधनों की भारी कमी है.

पोटका स्वास्थ्य केंद्र
author img

By

Published : Aug 23, 2019, 5:13 AM IST

जमशेदपुर: राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों के प्रति सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है. जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र की हालत नाजुक है. लगभग 2.5 लाख की जनसंख्या वाले प्रखंड में स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तो बनाई गई हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स की कमी से लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

देखें पूरी खबर

स्वास्थ्य केंद्रों की लचर व्यवस्था और संसाधनों की कमी के कारण पोटका प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा हो रही है. पोटका स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्र के लगभग 2.5 लाख ग्रामीण जनता निर्भर है. लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या पर अस्पताल में मात्र 4 डॉक्टर कार्यरत हैं. वहीं, नर्स और कर्मचारियों की भी संख्या बहुत कम है. अस्पताल में उपचार की कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं है. इसके साथ ही 108 नंबर वाली मात्र 2 एंबुलेंस है.

पोटका स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ मृत्युंजय धवालिया बताते हैं कि इस स्वास्थ्य केंद्र में जरुरत की दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हैं. साथ ही यहां नर्सों की संख्या भी बहुत कम है. गांव में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए डॉक्टर और नर्स 24 घंटा उपलब्ध होने चाहिए. उन्होंने बताया कि कई बार शिकायतें होने के बावजूद भी हमें पूरे साधन नहीं मिलते हैं.

ये भी पढें:- राज्यस्तरीय SGFI हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन, 17 जिलों के खिलाड़ी ले रहे हिस्सा

फिलहाल, पोटका प्रखंड के लोग अच्छे इलाज के लिए क्षेत्र से बाहर जाने को मजबूर हैं. पोटका ग्रामीण क्षेत्र के लोग इलाज के लिए नजदीक के ओडिशा और और कोलकाता जाने को मजबूर हैं. बता दें कि राज्य सरकार की लचर व्यवस्था के कारण ग्रामीण लोग अच्छे इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं. राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों की मौजूदा स्थिति के प्रति सरकार को गंभीर होना होगा. सुविधाएं बढ़ानी होंगी और कड़ी मॉनीटरिंग करनी होगी. तभी अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का सपना पूरा हो सकेगा.

जमशेदपुर: राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों के प्रति सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है. जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र की हालत नाजुक है. लगभग 2.5 लाख की जनसंख्या वाले प्रखंड में स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तो बनाई गई हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स की कमी से लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

देखें पूरी खबर

स्वास्थ्य केंद्रों की लचर व्यवस्था और संसाधनों की कमी के कारण पोटका प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा हो रही है. पोटका स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्र के लगभग 2.5 लाख ग्रामीण जनता निर्भर है. लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या पर अस्पताल में मात्र 4 डॉक्टर कार्यरत हैं. वहीं, नर्स और कर्मचारियों की भी संख्या बहुत कम है. अस्पताल में उपचार की कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं है. इसके साथ ही 108 नंबर वाली मात्र 2 एंबुलेंस है.

पोटका स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ मृत्युंजय धवालिया बताते हैं कि इस स्वास्थ्य केंद्र में जरुरत की दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हैं. साथ ही यहां नर्सों की संख्या भी बहुत कम है. गांव में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए डॉक्टर और नर्स 24 घंटा उपलब्ध होने चाहिए. उन्होंने बताया कि कई बार शिकायतें होने के बावजूद भी हमें पूरे साधन नहीं मिलते हैं.

ये भी पढें:- राज्यस्तरीय SGFI हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन, 17 जिलों के खिलाड़ी ले रहे हिस्सा

फिलहाल, पोटका प्रखंड के लोग अच्छे इलाज के लिए क्षेत्र से बाहर जाने को मजबूर हैं. पोटका ग्रामीण क्षेत्र के लोग इलाज के लिए नजदीक के ओडिशा और और कोलकाता जाने को मजबूर हैं. बता दें कि राज्य सरकार की लचर व्यवस्था के कारण ग्रामीण लोग अच्छे इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं. राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों की मौजूदा स्थिति के प्रति सरकार को गंभीर होना होगा. सुविधाएं बढ़ानी होंगी और कड़ी मॉनीटरिंग करनी होगी. तभी अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का सपना पूरा हो सकेगा.

Intro:Body:जमशेदपुर
जमशेदपुर के पोटका प्रखंड क्षेत्र में रहने वाली आबादी लड़ाई लाख सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत दयनीय है ।
लगभग ढाई लाख जनसंख्या वाले प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य के नाम पर चारों ओर बिल्डिंग तो बनाई गई है ।परंतु डॉक्टर नर्स या कर्मचारी की कमी और उपचार के कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं है। क्षेत्र के प्रखंड मुख्यालय समीप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हल्दीपोखर,मानपुर में उप स्वास्थ्य केंद्र तथा जुड़ी में रेफरल स्वास्थ्य केंद्र के अलावा पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की 54 ग्रेड अपग्रेड केंद्र बताए जाते हैं। लेकिन इसमें हल्दीपोखर उपकेंद्र एक डॉक्टर जुड़ी रेफरल एवं पोटका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 डॉक्टर है। जो कार्यरत हैं। इन चार डॉक्टरों से ही इलाके के ढाई लाख लोगो की सेवा हो रही है। पूरे क्षेत्र में 108 एंबुलेंस मात्र दो हैं जिनके भी चालक और सह चालक एवं गाड़ियों को रखने की व्यवस्था शुन्य के समान है 108 के चालक अर्धचालक जोड़ी स्थित रेफरल अस्पताल जो सरकार की नजर में गिरने वाली भवन बताई जाती है उसी के एक कमरे में वह अपना गुजारा कर रहे हैं। इन सभी बाबत पूछने पर प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ मृत्युंजय धवालिया ने अपनी बात रखते हुए बताया की इनके यहां जरूरत की दवाई भी उच्च अधिकारी को लिखने पर ही प्राप्त होती है उन्होंने बताया की उनके आने से पूर्व यहां के केंद्र में 2/2 एंबुलेंस हुआ करती थी ।साथ ही डॉक्टर और नर्सों की संख्या भी अत्यधिक थी। वर्तमान मटका प्रखंड क्षेत्र ग्रामीण बहुल है। यहां गांव में स्वास्थ सुविधा देने के लिए जहां-जहां केंद्र का निर्माण है वहां डॉक्टर और नर्स 24 घंटा उपलब्ध होने चाहिए उन्होंने बताया कि कई बार इंद्र की शिकायतें होने के बावजूद भी हमें पूरे साधन नहीं मिलते पोटका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर एवं दवा केंद्र तथा कार्यालय चलाने के रूम के साथ एक ही गर्भवती महिलाओं को रखने की व्यवस्था के नाम पर कमरा है। किसी प्रकार के तत्काल मरीज पहुंच जाने पर उन्हें बैठा में और सुलाने की भी व्यवस्था इनके पास नहीं है। ने बताया कितने महीनों से मांग करने पर वर्तमान सीएस के पास रखी एक एंबुलेंस उन्हें मिली है जिसे कुछ लागत लगाकर चलने लायक बनाया जा सकता है। वर्तमान में क्षेत्र से मरीजों को लाने एवं रेफर कर जमशेदपुर पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस का ही इस्तेमाल किया जाता है।108 एंबुलेंस क्षेत्र के एनएच पर घटना दुर्घटना के लिए दी गई है लेकिन प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्रों की दयनीय स्थिति लचर व्यवस्था के कारण इन्हें भी गांव से मरीजों को लाने में लगाया गया है। डॉ मृत्युंजय ने बताया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भवन निर्माण होने की बात सुनी गई है जमीन परिपूर्ण है नापी जोकि भी हो चुकी है लेकिन भवन निर्माण का दूर-दूर तक कोई कार्य होता नहीं दिखता पूरे क्षेत्र के लोग अपने स्वास्थ की व्यवस्था करने के लिए नजदीक के उड़ीसा राज्य के कटक और भुवनेश्वर अन्यथा कोलकाता या फिर बेंगलुरु की शरण करते हैं पूरे क्षेत्र में निर्धन व्यक्तियों की संख्या अत्यधिक है सरकार के लचर व्यवस्था के कारण सभी बहार जाने को मजबूर बताए जाते हैं।
वाइट देने वाले डॉक्टर मृत्युंजय धवालिया व हरी प्रमाणिकConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.