जमशेदपुर: राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों के प्रति सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है. जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र की हालत नाजुक है. लगभग 2.5 लाख की जनसंख्या वाले प्रखंड में स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तो बनाई गई हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स की कमी से लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है.
स्वास्थ्य केंद्रों की लचर व्यवस्था और संसाधनों की कमी के कारण पोटका प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा हो रही है. पोटका स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्र के लगभग 2.5 लाख ग्रामीण जनता निर्भर है. लेकिन इतनी बड़ी जनसंख्या पर अस्पताल में मात्र 4 डॉक्टर कार्यरत हैं. वहीं, नर्स और कर्मचारियों की भी संख्या बहुत कम है. अस्पताल में उपचार की कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं है. इसके साथ ही 108 नंबर वाली मात्र 2 एंबुलेंस है.
पोटका स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ मृत्युंजय धवालिया बताते हैं कि इस स्वास्थ्य केंद्र में जरुरत की दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हैं. साथ ही यहां नर्सों की संख्या भी बहुत कम है. गांव में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए डॉक्टर और नर्स 24 घंटा उपलब्ध होने चाहिए. उन्होंने बताया कि कई बार शिकायतें होने के बावजूद भी हमें पूरे साधन नहीं मिलते हैं.
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फिलहाल, पोटका प्रखंड के लोग अच्छे इलाज के लिए क्षेत्र से बाहर जाने को मजबूर हैं. पोटका ग्रामीण क्षेत्र के लोग इलाज के लिए नजदीक के ओडिशा और और कोलकाता जाने को मजबूर हैं. बता दें कि राज्य सरकार की लचर व्यवस्था के कारण ग्रामीण लोग अच्छे इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं. राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों की मौजूदा स्थिति के प्रति सरकार को गंभीर होना होगा. सुविधाएं बढ़ानी होंगी और कड़ी मॉनीटरिंग करनी होगी. तभी अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का सपना पूरा हो सकेगा.