जमशेदपुर: जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर पोटका विधानसभा क्षेत्र के कोवाली थाना क्षेत्र के हल्दीपोखर में राम नवमी झंडा विसर्जन जुलूस के दौरान पत्थरबाजी हुई. जिसके बाद आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर हल्दीपोखर बाजार पूरी तरह से बंद है. पत्थरबाजों पर कार्रवाई की मांग को लेकर लोग सड़क पर बैठ गए हैं. वहीं, क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य और पोटका की पूर्व भाजपा विधायक ने और प्रशासन से न्याय की मांग के साथ पोटका के सीओ को हटाने की मांग की है.
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जमशेदपुर से पोटका विधानसभा क्षेत्र के कोवाली थाना क्षेत्र इलाके के हल्दीपोखर में शुक्रवार को माहौल खराब करने की कोशिश की गई. उपद्रवियों ने रामनवमी झंडा विसर्जन जुलूस के दौरान पत्थरबाजी की. जिसके बाद शनिवार को आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर हल्दीपोखर बाजार पूरी तरह से बंद है. पत्थरबाजों पर कार्रवाई की मांग को लेकर लोग सड़क पर बैठ गए हैं. प्रदर्शन कर रहे लोग पोटका के सीओ को अविलंब हटाने की मांग कर रहे हैं.
शुक्रवार की शाम अखाड़ा जुलूस निकालने के दौरान हल्दीपोखर में एक अखाड़े का झंडा अधिक ऊंचाई होने के कारण टूट गया था. इसके बाद अखाड़ा कमेटी के लोगों ने झंडा को ठीक कर फिर से झंडा को खड़ा किया. इसी दौरान पत्थरबाजी हो गई, जिसमें मुखिया समेत कई लोग घायल भी हुए. घटना के दौरान भगदड़ मच गई थी. क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य सूरज मंडल ने बताया कि झंडा का कुछ हिस्सा टूटने के बाद उसे ठीक कर दिया गया था सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, तभी अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई. जिसमें कई लोग घायल भी हुए.
सूरज मंडल ने बताया कि पोटका के सीओ (अंचल अधिकारी) इम्तियाज अहमद ने घटना के दौरान मौजूद रहने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में लोगों में आक्रोश है, उन्होंने कहा कि लोगों की मांग है कि इस पूरे मामले में पत्थरबाजी करने वाले पर कार्रवाई की जाए और पोटका के सीओ इम्तियाज अहमद को अभिलंब हटाया जाए.
इस घटना के बाद क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन अखाड़ा कमेटी कार्रवाई की मांग पर अड़ी है. वहीं, इस पूरे मामले में पोटका विधानसभा क्षेत्र की पूर्व भाजपा विधायक मेनका सरदार ने कहा है कि पोटका के अंचल अधिकारी का रवैया जुलूस के दौरान ठीक नहीं था. ऐसे मामले में उनके द्वारा अनदेखी की गई है. इस तरह की घटना से धार्मिक भावना पर ठेस पहुंचा है. पत्थरबाजी की घटना को अंजाम देने वाले पर कार्रवाई करते हुए ऐसे सीओ को अभिलंब हटाया जाए.