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नारी चेतना कार्यक्रम में छात्राओं को दी गई गुड टच, बैड टच की जानकारी, जानें कैसे पहचानें

मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा की ओर से विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में नारी चेतना सप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें छात्राओं को गुड टच, बैड टच की जानकारी दी गई.

Nari Chetna Weekly Program organized in Jamshedpur
नारी चेतना कार्यक्रम में छात्राओं को दी गई गुड टच, बैड टच की जानकारी
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Published : Mar 2, 2021, 10:56 PM IST

जमशेदपुर: मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा की ओर से विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में नारी चेतना सप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसी क्रम में दूसरे दिन मंगलवार को रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित पंजाब कन्या उच्च विद्यालय में छात्राओं को गुड टच और बैड टच की जानकारी दी गई.

ये भी पढ़ें-ग्रामीणों को 'चारा' बना सुरक्षा बलों को 'ट्रैप' करने की साजिश, खुफिया विभाग ने किया आगाह

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीएवी स्कूल की शिक्षिका वंदना अग्रवाल ने बताया कि अगर कोई आपको टच करे और उससे आपको खराब अनुभव न हो तो ये गुड टच और उससे बुरा लगे तो ये बैड टच होता है. अगर कोई अनजान व्यक्ति प्राइवेट पार्ट्स गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है. उन्होंने कहा कि बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरुकता की कमी होती है. माता-पिता अपना कर्तव्य केवल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देने तक सीमित मानते हैं. लेकिन वर्तमान समय में बच्चों को यौन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में बताना भी जरूरी है. माता-पिता अपने बच्चों को गुड टच, बैड टच के बारे में बताने में संकोच करते हैं, जिसके कारण बच्चे यौन शोषण के शिकार होते हैं. यह कार्यक्रम शाखा अध्यक्ष मनीषा संघी के नेतृत्व में सचिव उषा चैधरी, मुस्कान अग्रवाल, ज्योति अग्रवाल, अर्चना, रीति आदि के सहयोग से संपन्न हुआ.

जमशेदपुर: मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा की ओर से विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में नारी चेतना सप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसी क्रम में दूसरे दिन मंगलवार को रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित पंजाब कन्या उच्च विद्यालय में छात्राओं को गुड टच और बैड टच की जानकारी दी गई.

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कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीएवी स्कूल की शिक्षिका वंदना अग्रवाल ने बताया कि अगर कोई आपको टच करे और उससे आपको खराब अनुभव न हो तो ये गुड टच और उससे बुरा लगे तो ये बैड टच होता है. अगर कोई अनजान व्यक्ति प्राइवेट पार्ट्स गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है. उन्होंने कहा कि बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरुकता की कमी होती है. माता-पिता अपना कर्तव्य केवल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देने तक सीमित मानते हैं. लेकिन वर्तमान समय में बच्चों को यौन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में बताना भी जरूरी है. माता-पिता अपने बच्चों को गुड टच, बैड टच के बारे में बताने में संकोच करते हैं, जिसके कारण बच्चे यौन शोषण के शिकार होते हैं. यह कार्यक्रम शाखा अध्यक्ष मनीषा संघी के नेतृत्व में सचिव उषा चैधरी, मुस्कान अग्रवाल, ज्योति अग्रवाल, अर्चना, रीति आदि के सहयोग से संपन्न हुआ.

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