घाटशिलाः पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित मुसाबनी प्रखंड के सिपाही लाइन में मां बेटी की मौत हो गयी. शनिवार सुबह लगभग 6 बजे लोहे के तार पर कपड़ा सुखाने के क्रम में उसमें करंट आने से बासो सोरेन (60 वर्ष) और उनकी बेटी मालती सोरेन इसकी चपेट में आ गये.
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परिजन सुमन और शबनम ने बताया कि सुबह उनकी नानी लोहे के तार पर जब कपड़ा सुखा रही थी, उसी वक्त वह अचानक तार पर कपड़े डालते ही बेहोश होकर गिर गईं. इसी क्रम में उनकी मौसी मालती उन्हें बचाने गई तो वो भी करंट की चपेट में आ गईं. इस घटना की जानकारी पाकर आसपास के लोग लकड़ी का डंडा लेकर पहुंचे ताकि बिजली के तार से उनको अलग किया जा सके.
इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से मुसाबनी थाना को इसकी सूचना दी गयी. जानकारी मिलते ही मुसाबनी थाना प्रभारी अंचित कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी आसपास के लोगों से ली. मुसाबनी ने पुलिस ने दोनों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, इसके बाद घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
मां और बेटी मूल रूप से गुड़ाबांधा प्रखंड के रहने वाले हैं वो वो अपनी तीन बेटी और दो नतिनी के साथ मुसाबनी एक नंबर में रहते थे. उनकी बड़ी बेटी की दो बेटी और एक बेटा है, पुत्री जमशेदपुर में रहकर काम करती है और बेटा हैदराबाद में काम करने गया हुआ है. फिलहाल स्थानीय लोगों की ओर से कोई मुआवजे की पहल नहीं की गई है. बता दें कि मुसाबनी में एक साल पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी. जिसमें एक अंचल कर्मचारी अपने घर में बिजली के करंट की चपेट में आ गये थे.
मालूम हो कि एक सप्ताह पूर्व उपायुक्त ने भी एक विभागीय जिला स्तरीय बैठक में बरसात को देखते हुए घरों में कपड़ा सुखाने के लिए उपयोग किये जाने वाले लोहे की तार को घातक बताया था. डीसी ने इसे जानलेवा करार देते हुए बिजली विभाग को इसका प्रचार प्रसार करने के लिए कहा था. साथ ही सभी प्रखंड को भी लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाने की बात कही है. लेकिन बिजली विभाग और प्रखंड पदाधिकारी ने इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की है.