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विधानसभा का शीतकालीन सत्र जनहित में आवश्यक हैः विधायक सरयू राय - जमशेदपुर न्यूज

विधायक सरयू राय(MLA Saryu Rai) ने झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने और जनहित से जु़ड़े कार्यों के लिए शीतकालीन सत्र बेहद जरूरी है.

MLA Saryu Rai
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Published : Nov 28, 2022, 6:46 AM IST

जमशेदपुरः झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने की(MLA Saryu Rai on winter session of assembly) है. उन्होंने कहा है कि राज्य के विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और राज्य के द्वितीय अनुपूरक बजट के माध्यम से मानसून सत्र के बाद हुए अधिकाई व्यय का समंजन और आगले साल के बजट के लिये संसाधनों के प्रबंधन पर विचार करने के लिए विधानसभा का शीतकालीन सत्र शीघ्र आहूत किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत करने की तैयारी, जानिए सरकार की क्या है तैयारी

सरयू राय ने बताया कि विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र एक दिन पहले 4 अगस्त 2022 को समाप्त हुआ. सत्रावसान करने के बदले सरकार ने 5 सितंबर 2022 को एक दिवसीय विस्तारित सत्र बुलाया और पुनः 11 नवंबर 2022 को एक दिवसीय सत्र बुलाया. दोनों दिन केवल सरकार के एजेंडा पर सत्र चला. जनता के एजेंडा पर कोई बात नहीं हुई.

आम तौर पर विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 माह से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिये. हो सकता है कि राज्य सरकार शीतकालीन सत्र नहीं बुलाकर सीधे बजट सत्र बुलाये. इस तरह संवैधानिक प्रावधान का तो उल्लंघन नहीं होगा. परंतु जनता के जो विषय शीतकालीन सत्र में उठने चाहिए वे नहीं उठ पाएंगे. राज्य में विकास, रोजगार, भ्रष्टाचार, वित्तीय एवं भौतिक संसाधन, व्यय की गुणवत्ता, घोषणाओं के क्रियान्वयन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण से जुड़े जनता के ऐसे अनेक मामले हैं जिनपर विचार के लिए शीतकालीन सत्र जनहित में आवश्यक है.

जमशेदपुरः झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने की(MLA Saryu Rai on winter session of assembly) है. उन्होंने कहा है कि राज्य के विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और राज्य के द्वितीय अनुपूरक बजट के माध्यम से मानसून सत्र के बाद हुए अधिकाई व्यय का समंजन और आगले साल के बजट के लिये संसाधनों के प्रबंधन पर विचार करने के लिए विधानसभा का शीतकालीन सत्र शीघ्र आहूत किया जाना चाहिए.

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सरयू राय ने बताया कि विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र एक दिन पहले 4 अगस्त 2022 को समाप्त हुआ. सत्रावसान करने के बदले सरकार ने 5 सितंबर 2022 को एक दिवसीय विस्तारित सत्र बुलाया और पुनः 11 नवंबर 2022 को एक दिवसीय सत्र बुलाया. दोनों दिन केवल सरकार के एजेंडा पर सत्र चला. जनता के एजेंडा पर कोई बात नहीं हुई.

आम तौर पर विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 माह से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिये. हो सकता है कि राज्य सरकार शीतकालीन सत्र नहीं बुलाकर सीधे बजट सत्र बुलाये. इस तरह संवैधानिक प्रावधान का तो उल्लंघन नहीं होगा. परंतु जनता के जो विषय शीतकालीन सत्र में उठने चाहिए वे नहीं उठ पाएंगे. राज्य में विकास, रोजगार, भ्रष्टाचार, वित्तीय एवं भौतिक संसाधन, व्यय की गुणवत्ता, घोषणाओं के क्रियान्वयन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण से जुड़े जनता के ऐसे अनेक मामले हैं जिनपर विचार के लिए शीतकालीन सत्र जनहित में आवश्यक है.

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