जमशेदपुरः विधायक सरयू राय ने कहा कि अगर ईडी के पास सबूत या प्रमाण है तो केवल समन देकर चुप बैठने का कोई मतलब नहीं बनता है. उनके पास पर्याप्त अधिकार है कि वे बिना वारंट के भी किसी को अपने साथ ले जा सकती है. उन्होंने कहा कि अगर ईडी मौसम देकर काम करती है कि वो मुख्यमंत्री हैं या मंत्री हैं तो यह गलत है. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इससे पहले जो अफसर ईडी के समन पर सिर्फ पूछताछ के लिए गए और वे जेल चले गए तो शायद उन अफसरों ने गलती की. उन्होंने कहा कि ये तो ईडी पर ही निर्भर करता है कि वे हेमंत सोरेन पर कार्रवाई करेगी या मौसम की तरह बदलते रहेगी.
सीएम हेमंत सोरेन चल रहे सधी हुई राजनीतिक चालः जमशेदपुर (पूर्वी) के विधायक ने कहा कि इतना जरूर है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक सधी हुई राजनीतिक चाल चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांडेय से सरफराज अहमद को इस्तीफा दिलवा दिया गया और वह भी विधानसभा की अवधि के एक साल बाकी होने के महज 6 दिन पहले. विधायक ने कहा उन्होंने अपने हिसाब से ठीक काम किया है. क्योंकि जनप्रतिनिधि अधिनियम 151 धारा कहती है कि एक साल के भीतर कोई सीट खाली होती है तो चुनाव नहीं होगा, लेकिन हेमंत सोरेन ने 6 दिन पहले इस काम को करवा दिया.
भाजपा को मामले में ज्यादा बयानबाजी से बचना चाहिएः इसलिए इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा बयानबाजी नहीं करना चाहिए. अगर ऐसा लगता है कि कुछ गलत है तो उन्हें सीधा चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए. वहीं दूसरी ओर इन लोगों को इस्तीफा के दूसरे दिन से चुनाव की मांग नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कोई बाध्य नहीं है, ना आप जब चाहिएगा चुनाव करा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस शह-मात के खेल में भारतीय जनता पार्टी से बेहतर चाल हेमंत सोरेन या झारखंड मुक्ति मोर्चा चल रही है.
गांडेय विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे पर कहाः पिछले दो साल से देखा जा रहा है कि भाजपा कठघरे में खड़ी हो जाती है और हेमंत सोरेन अपना काम कर जाते हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक सरफराज का मामला है डील तो होते ही रहती है. क्या भाजपा ने पहले ऐसा नहीं किया है क्या. उन्होंने कहा कि वे अपनी सरकार बचाने के लिए यह डील की है तो इसमें गलत क्या है. उन्होंने तो अपनी पार्टी के साथ ही किया है.
ईडी अपना कार्य प्रोफेशनल ढंग से नहीं कर रहीः वहीं ईडी की टीम पर बंगाल जैसा हमला हो सकता है इस सवाल पर सरयू राय ने कहा कि ईडी की टीम को अपने साथ फोर्स लेकर जाना चाहिए, लेकिन मैं इतना कहना चाहूंगा कि ईडी अपना कार्य प्रोफेशनल ढंग से नहीं कर रही है. जिस तरह से ईडी दावा कर रही है कि उनके पास सबूत हैं तो उन्हें बाकायदा हेमंत सोरेन से पूछताछ करने के लिए ले जाना चाहिए. अगर जवाब नहीं देते हैं तो उन्हें जेल भेज देना चाहिए था.
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