जमशेदपुर: झारखंड चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसै-वैसे छोटी-मोटी बातों को लेकर नेताओं के बीच दरार नजर आने लगा है. बीजेपी में भी विवाद को लेकर मामला सामने आया है. दरअसल, भाजपा प्रदेश कमेटी ने चुनावी जनसंपर्क अभियान के लिए 'घर-घर रघुवर' का नारा दिया है, जिसपर मंत्री सरयू राय ने आपत्ति जतायी थी.
क्या है विवाद
सरयू राय ने 'घर-घर रघुवर' के नारे पर अपनी आपत्ति जताते हुए पार्टी को एक नए नारे का सुझाव दिया है. उन्होंने पार्टी से 'घर-घर भाजपा, घर-घर कमल, बाद में मैं, पहले दल' के नारे के चयन का सुझाव दिया है. इसे लेकर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा से बात भी की है. हालांकि पार्टी की ओर से इस मामले में अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं, लेकिन रविवार को मंत्री सरयू राय ने अपने विधानसभा क्षेत्र बिष्टुपुर मंडल के प्रवास कार्यक्रम में 'घर-घर रघुवर' के नारे वाले बैनर की जगह 'घर-घर भाजपा, घर घर कमल, बाद में मैं, पहले दल' के नारे वाले बैनर लगा लिया. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हावी है कि मंत्री सरयू राय और मुख्यमंत्री रघुवर दास के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
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लक्ष्मण गिलुवा ने इस नारे का लिया था निर्णय
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने 'घर-घर रघुवर' नारे के साथ 9 सितंबर से जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया था. इसी नारे के साथ बीजेपी प्रदेश कमेटी ने कई कार्यक्रम की भी घोषणा की है.
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क्या कह रहे हैं सरयू राय
इस पूरे मामले पर मंत्री सरयू राय का कहना है कि उन्होंने किसी नारे को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई है, बल्कि दूसरे नारे के इस्तेमाल का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि कार्यकर्ता जो चाहे उस नारे का इस्तेमाल जनसंपर्क अभियान के दौरान कर सकते हैं. वो 'घर-घर रघुवर' या 'घर-घर भाजपा, घर घर कमल, बाद में मैं, पहले दल' के नारे से भी जनता तक पहुंच सकते हैं. दूसरे नारे को लेकर कोई मतभेद या मनभेद वाली बात नहीं है.