जमशेदपुर: कोविड-19 के इस लॉकडाउन ने आम इंसान की जिंदगी जीने का तरीका बदल गया है. लोगों की लाइफ स्टाइल में काफी बदलाव देखे जा रहे हैं. लंबे समय से घरों में रहने वाले अब बाहर निकलने के लिए बेचैन हैं. ऐसे में मानसिक संतुलन बनाये रखना एक चुनौती है. जमशेदपुर के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ दीपक गिरि ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मामले में कई टिप्स दिए.
मानसिक तनाव
कोरोना महामारी को लेकर देश में किए गए लॉकडाउन में पिछले 50 दिनों से जनता अपने घरों में कैद है. खुले आसमान में बीतने वाली लाइफ स्टाइल एक सीमित दायरे में सिमट कर रह गई है. ऐसे में लोग अब मानसिक तनाव में नजर आ रहे हैं. बाहर से आने वालों को देख और उनसे दूरी बनाना, उनमें कोरोना पॉजिटिव होने का ख्याल आना, इन सब बातों से आम इंसान खुद को कैसे मानसिक रूप से मजबूत बनाकर रखें, इन सब मुद्दों पर जमशेदपुर के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है और आम जनता को कई सुझाव दिए हैं.
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कोरोना के साथ ही है जीना
डॉ. दीपक गिरि ने बताया कि बच्चों को घर में पढ़ाई के अलावा खाली समय में घर के किसी काम मे लगाएं. जिससे उनका मन लगा रहेगा. बड़े बुजुर्गों के साथ बातें करें, पुराने दिनों को याद कर उस पर सकारात्मक चर्चा करें, साथ ही महिलाएं घर के काम के बाद सिलाई-कढ़ाई या संगीत में अपना मन लगाएं. उनहोंने बताया कि मोहल्लों में एम्बुलेंस को आते देख लोगों में कोरोना पॉजिटिव की सोच की मानसिकता को बदलने के लिए यह समझना होगा कि कोरोना से डरना नहीं, बचना है. इसके लिए मानसिक संतुलन बनाना जरूरी है, जिससे हम सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का सही रूप से पालन कर सकें और इस बात का ख्याल रखें कि आपसी संबंध में दूरी न बन जाए. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि आज लोगों को मानसिक रूप से तैयार रहना होगा कि हमे कोरोना के साथ ही जीना है.