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भारत-चीन झड़प में पूर्वी सिंहभूम के गणेश हांसदा शहीद, भाई ने कहा- देश के लिए जान देने को तैयार

भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में झड़प के दौरान झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जवान गणेश हांसदा शहीद हो गए. गणेश का सितंबर 2018 में सेना में चयन हुआ था. शहीद के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने कहा कि वह भी देश के जान देने को तैयार है.

GANESH HANSDA BROTHER
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Published : Jun 17, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 12:18 AM IST

जमशेदपुरः झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जवान गणेश हांसदा भारत-चीन सैनिकों की झड़प में मंगलवार की रात शहीद हो गए. इस झड़प में भारत के कुल 20 सैनिक शहीद हुए हैं. गणेश हांसदा का सेना में चयन 2018 के सितंबर महीने में रांची स्थित मोरहाबादी मैदान की चयन रैली में हुआ था. चयन के बाद उन्होंने बिहार के दानापुर में 9 महीने तक प्रशिक्षण लिया.

औप पढ़ें- भारत-चीन सीमा पर तनाव : राहुल बोले, अब तक चुप क्यों हैं प्रधानमंत्री मोदी

भाई भी देश के लिए जान देने को तैयार

प्रशिक्षण पूरी करने के बाद गणेश एक महीने के लिए घर आए थे. उनकी पहली पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी. वहीं लगातार देश की सेवा करते रहे. इस बीच पिछले दिसंबर महीने में वह दूसरी बार गांव आए थे, फिर फरवरी में लद्दाख चले गए थे. बीच-बीच में वह वहां से घर फोन कर के लोगों का हाल समाचाल लेते रहते थे. गणेश के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने बताया कि कल रात अचानक सैन्य अधिकारी ने शहीद होने की सूचना दी, तब से माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है.

देखें पूरी खबर

गांव में शोक का माहौल है. बड़े भाई दिनेश हांसदा ने दुख व्यक्त किया लेकिन कहा कि देश के लिए भाई का शहीद होना गर्व की बात है. शहीद के बड़े भाई ने कहा कि वह भी देश के लिए जान देने को तैयार है.

वहीं शहीद के परिवार का ढांढस बांधने पहुंचे सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि वह शहीद गणेश हांसदा के परिजनों को हरसंभव मदद करेंगे. उन्होंने शहीद के परिवार के लिए एक लाख रुपए देने की घोषणा की है. मौके पर पहुंचे विधायक समीर मोहंती ने कहा कि यह गर्व की बात है कि उनके क्षेत्र का लड़का देश के लिए शहीद हुआ. उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार को हर तरह से मदद की जाएगी. समीर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गणेश हांसदा के भाई को नौकरी देने की बात की है.

जमशेदपुरः झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जवान गणेश हांसदा भारत-चीन सैनिकों की झड़प में मंगलवार की रात शहीद हो गए. इस झड़प में भारत के कुल 20 सैनिक शहीद हुए हैं. गणेश हांसदा का सेना में चयन 2018 के सितंबर महीने में रांची स्थित मोरहाबादी मैदान की चयन रैली में हुआ था. चयन के बाद उन्होंने बिहार के दानापुर में 9 महीने तक प्रशिक्षण लिया.

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भाई भी देश के लिए जान देने को तैयार

प्रशिक्षण पूरी करने के बाद गणेश एक महीने के लिए घर आए थे. उनकी पहली पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी. वहीं लगातार देश की सेवा करते रहे. इस बीच पिछले दिसंबर महीने में वह दूसरी बार गांव आए थे, फिर फरवरी में लद्दाख चले गए थे. बीच-बीच में वह वहां से घर फोन कर के लोगों का हाल समाचाल लेते रहते थे. गणेश के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने बताया कि कल रात अचानक सैन्य अधिकारी ने शहीद होने की सूचना दी, तब से माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है.

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गांव में शोक का माहौल है. बड़े भाई दिनेश हांसदा ने दुख व्यक्त किया लेकिन कहा कि देश के लिए भाई का शहीद होना गर्व की बात है. शहीद के बड़े भाई ने कहा कि वह भी देश के लिए जान देने को तैयार है.

वहीं शहीद के परिवार का ढांढस बांधने पहुंचे सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि वह शहीद गणेश हांसदा के परिजनों को हरसंभव मदद करेंगे. उन्होंने शहीद के परिवार के लिए एक लाख रुपए देने की घोषणा की है. मौके पर पहुंचे विधायक समीर मोहंती ने कहा कि यह गर्व की बात है कि उनके क्षेत्र का लड़का देश के लिए शहीद हुआ. उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार को हर तरह से मदद की जाएगी. समीर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गणेश हांसदा के भाई को नौकरी देने की बात की है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 12:18 AM IST
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