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जमशेदपुर: कोटा में फंसे राज्य के कई बच्चे, अभिभावक परेशान - Many children of the state trapped in Kota

लॉकडाउन के कारण राज्य के कई बच्चे कोटा में फंस गये हैं. जो बार-बार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनके हाथ केवल निराशा ही लग रही है.

Many children of the state trapped in Kota
कोटा में फंसे राज्य के कई बच्चे
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Published : Apr 22, 2020, 11:05 AM IST

जमशेदपुर: 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से कोटा में यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई प्रदेशों के हजारों बच्चे फंसे हैं. जिसमें जमशेदपुर के भी कई बच्चे कोटा में फंसे हैं. जिसके कारण बच्चों के परिजन काफी परेशान हो रहे हैं. मदद के लिए बच्चों के परिजन जिला परिवहन कार्यालय में काफी संख्या पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां से भी सभी को निराशा ही मिल रही है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- जनता को नहीं होने देंगे किसी चीज की कमी, अधिकारियों का दिलाया जा रहा समस्याओं पर ध्यान

तीन बार किया गया आवेदन
इस सबंध में सुदंरनगर के रहने वाले रंजीत नाथ ने बताया कि उसकी बेटी कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही है. पढ़ाई खत्म होने के बाद उसे वापस जमशेदपुर लौटना था, लेकिन उसी वक्त लाॅकडाउन हो गया. उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल को लाॅकडाउन की समाप्ति होने के बाद आने का कार्यक्रम बनाया गया था, लेकिन एक बार फिर लाॅकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया. जिस कारण वह नहीं आ सकी.

हॉस्टल मे 72 लड़कियां थीं. सभी वापस घर चली गयी है. अब मेरी बेटी और मणिपुर की एक लड़की वहीं फंसी रह गई है. वहां आने के लिए तीन-तीन बार आवेदन दिया गया है, लेकिन किसी आवेदन की स्वीकृति नही मिली है. अब समझ नही आ रहा है क्या करे.

क्या है जिला पदाधिकारी का कहना
इस सबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन ने बताया कि कोटा और अन्य स्थानों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार ने अभी कोई दिशा निर्देश नहीं दिये हैं. अभी सिर्फ अति आवश्यक कार्यो के लिए पास बनाया जा रहा है. उन्होंने बच्चों से अपील की है कि लाॅकडाउन का पालन करें. ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके. हम बच्चों की मदद के लिए प्रयास कर रहे हैं और जल्द ही उनकी मदद की जायेगी.

जमशेदपुर: 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से कोटा में यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई प्रदेशों के हजारों बच्चे फंसे हैं. जिसमें जमशेदपुर के भी कई बच्चे कोटा में फंसे हैं. जिसके कारण बच्चों के परिजन काफी परेशान हो रहे हैं. मदद के लिए बच्चों के परिजन जिला परिवहन कार्यालय में काफी संख्या पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां से भी सभी को निराशा ही मिल रही है.

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तीन बार किया गया आवेदन
इस सबंध में सुदंरनगर के रहने वाले रंजीत नाथ ने बताया कि उसकी बेटी कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही है. पढ़ाई खत्म होने के बाद उसे वापस जमशेदपुर लौटना था, लेकिन उसी वक्त लाॅकडाउन हो गया. उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल को लाॅकडाउन की समाप्ति होने के बाद आने का कार्यक्रम बनाया गया था, लेकिन एक बार फिर लाॅकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया. जिस कारण वह नहीं आ सकी.

हॉस्टल मे 72 लड़कियां थीं. सभी वापस घर चली गयी है. अब मेरी बेटी और मणिपुर की एक लड़की वहीं फंसी रह गई है. वहां आने के लिए तीन-तीन बार आवेदन दिया गया है, लेकिन किसी आवेदन की स्वीकृति नही मिली है. अब समझ नही आ रहा है क्या करे.

क्या है जिला पदाधिकारी का कहना
इस सबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन ने बताया कि कोटा और अन्य स्थानों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार ने अभी कोई दिशा निर्देश नहीं दिये हैं. अभी सिर्फ अति आवश्यक कार्यो के लिए पास बनाया जा रहा है. उन्होंने बच्चों से अपील की है कि लाॅकडाउन का पालन करें. ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके. हम बच्चों की मदद के लिए प्रयास कर रहे हैं और जल्द ही उनकी मदद की जायेगी.

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