जमशेदपुर: विजयादशमी के दिन मां दुर्गा का विसर्जन धूमधाम से किया जाता है. घाघीडीह सेंट्रल जेल में परिसर भी दुर्गा पूजा मनाई थी. मां दुर्गा की प्रतिमा को एक बड़े वाहन में सजाकर ढाकी की धुन पर जेल के अंदर ले जाया गया. जहां महिला बंदियों ने मां की पूजा अर्चना कर उन्हें भावभीनी विदाई दी. वहीं, जेल के सभी वार्ड में मां दुर्गा की प्रतिमा को घुमाया गया, जहां पुरुष बंदियों ने भी मां के दर्शन किए.
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जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में विजयादशमी के दिन जेल कर्मियों और बंदियों ने मां दुर्गा को भावभीनी विदाई दी. इस मौके पर डीजे और ढाकी की धुन पर रेल कर्मियों ने जमकर डांस किया. सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने बताया कि मां दुर्गा की प्रतिमा को जेल के सभी वार्ड में घुमाया जाता है और बंदियों को मां दुर्गा के दर्शन कराए जाते हैं.
सेंट्रल जेल परिसर में बने पंडाल में स्थापित मां दुर्गा की मूर्ति को वाहन में सजाकर जेल के अंदर ले जाया गया, जहां सबसे पहले महिला बंदियों ने मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर उन्हें भावभीनी विदाई दी. उसके बाद प्रतिमा को जेल के सभी वार्ड में घुमाया गया, जहां पुरुष बंदियों ने मां का दर्शन कर मां को विदाई दी है.
घाघीडीह सेंट्रल जेल परिसर में दुर्गा पूजा का आयोजन जेल के प्रबंधन और जेलकर्मी आपसी सहयोग से पूजा करते हैं और बंदियों के बीच भोग बांटा जाता है.
घाघीडीह सेंट्रल जेल के अधीक्षक नागेंद्र सिंह ने बताया है कि विजयादशमी के दिन मां की प्रतिमा को जेल के अंदर ले जाया जाता है, जहां सबसे पहले महिला बंदी मां का दर्शन करती हैं. फिर सभी वार्ड में मां की प्रतिमा को घुमाया जाता है. इसके बाद मां की प्रतिमा को घुमाते हुए बिष्टुपुर स्थित खरकई नदी में विसर्जित किया जाता है.