ETV Bharat / state

राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्वों में विलीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय, जवानों ने दी सलामी - Lokayukta Justice DN Upadhyay

झारखंड के लोकायुक्त न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय (Lokayukta Justice DN Upadhyay) का पार्थिव शरीर दिल्ली से विशेष एंबुलेंस के जरिए शुक्रवार जमशेदपुर पहुंचा. जमशेदपुर के स्वर्णरेखा घाट (Jamshedpur Swarnrekha Ghat) पर जवानों ने सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

Lokayukta Justice DN Upadhyay cremated with state honors in jamshedpur
राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्वों में विलीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय, जवानों ने दी सलामी
author img

By

Published : Jul 1, 2021, 6:38 PM IST

जमशेदपुर: दिल्ली से विशेष एंबुलेंस के जरिए गुरुवार को लोकायुक्त न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय का पार्थिव शरीर जमशेदपुर पहुंचा. यहां स्वर्णरेखा घाट पर उन्हें जवानों ने सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय का मंगलवार की रात दिल्ली के एम्स (AIIMS) में निधन हो गया था.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के लोकायुक्त का दिल्ली AIIMS में निधन, कोरोना से थे ग्रसित


निधन के बाद स्व. डीएन उपाध्याय (DN Upadhyay) के पार्थिव शरीर को विशेष एम्बुलेंस से दिल्ली से जमशेदपुर लाया गया था. शरीर के साथ उनकी बेटी और पत्नी भी मौजूद रहीं. गुरुवार सुबह 11 बजे सीतारामडेरा भुइयांडीह पटेल नगर (Sitaramdera Bhuyandih Patel Nagar) स्थित उनके आवास पर पहुंचा, जहां परिवार वालों के अलावा आस पास के लोग मौजूद थे. इस दौरान उन्हें सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

देखें पूरी खबर

बेटे ने दी मुखाग्नि

दोपहर के वक्त घर से तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को भुइयांडीह सुवर्णरेखा घाट लाया गया. जिला के तमाम वरीय अधिकारी, पदाधिकारियों के अलावा जमशेदपुर न्यायालय (Jamshedpur Court) के जिला जज और अन्य अधिवक्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सीटी एसपी सुभाषचंद्र जाट ने उन्हें श्रधांजलि दी है. पुलिस के जवानों ने राइफल नीचे झुका कर उन्हें सलामी दी. उनके इकलौते पुत्र निशांत उपाध्याय ने मुखाग्नि दी और उनकी बेटी को तिरंगा सौंपा गया.

Lokayukta Justice DN Upadhyay cremated with state honors in jamshedpur
लोकायुक्त न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

न्यायिक फैसले के लिए हमेशा जाने जायेंगे जस्टिस डी एन उपाध्याय
जस्टिस डी एन उपाध्याय एक कुशल न्यायिक अधिकारी रहे. बतौर झारखंड हाई कोर्ट के जज उन्होंने कई फैसले सुनाये जो हमेशा याद रखा जायेगा. हाई कोर्ट से सेवानिवृत्ति के बाद झारखंड के लोकायुक्त बने. जस्टिस उपाध्याय का अभी एक साल का कार्यकाल शेष था. 67 साल के जस्टिस डीएन उपाध्याय फरवरी 2022 में लोकायुक्त झारखंड के पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे.

Lokayukta Justice DN Upadhyay cremated with state honors in jamshedpur
जवानों ने दी सलामी
जमशेदपुर में शुरू हुई थी प्रारंभिक शिक्षा10 अगस्त 1954 को जमशेदपुर में जन्मे जस्टिस ध्रुव नारायण उपाध्याय की प्रारंभिक शिक्षा यहीं हुई. उन्होंने आर डी टाटा हायर सेकेंडरी स्कूल जमशेदपुर से स्कूलिंग की. जिसके बाद उन्होंने कोऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से स्नातक करने के बाद वहीं से एलएलबी किया. 3 जनवरी 1979 से 1997 तक जमशेदपुर सिविल कोर्ट में वकालत की. बचपन से ही बेहद ही मृदभाषी और बेबाक बोलने के कारण अलग पहचान रखनेवाले डी एन उपाध्याय बतौर लोकायुक्त सरकारी सिस्टम में फैली खामियों पर टिप्पणी करने से परहेज नहीं करते थे. राज्य में फैले भ्रष्टाचार और उस पर अंकुश लगाने के लिए लोकायुक्त की भूमिका को सशक्त करने की मांग करते रहे.

जमशेदपुर: दिल्ली से विशेष एंबुलेंस के जरिए गुरुवार को लोकायुक्त न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय का पार्थिव शरीर जमशेदपुर पहुंचा. यहां स्वर्णरेखा घाट पर उन्हें जवानों ने सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय का मंगलवार की रात दिल्ली के एम्स (AIIMS) में निधन हो गया था.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के लोकायुक्त का दिल्ली AIIMS में निधन, कोरोना से थे ग्रसित


निधन के बाद स्व. डीएन उपाध्याय (DN Upadhyay) के पार्थिव शरीर को विशेष एम्बुलेंस से दिल्ली से जमशेदपुर लाया गया था. शरीर के साथ उनकी बेटी और पत्नी भी मौजूद रहीं. गुरुवार सुबह 11 बजे सीतारामडेरा भुइयांडीह पटेल नगर (Sitaramdera Bhuyandih Patel Nagar) स्थित उनके आवास पर पहुंचा, जहां परिवार वालों के अलावा आस पास के लोग मौजूद थे. इस दौरान उन्हें सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

देखें पूरी खबर

बेटे ने दी मुखाग्नि

दोपहर के वक्त घर से तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को भुइयांडीह सुवर्णरेखा घाट लाया गया. जिला के तमाम वरीय अधिकारी, पदाधिकारियों के अलावा जमशेदपुर न्यायालय (Jamshedpur Court) के जिला जज और अन्य अधिवक्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सीटी एसपी सुभाषचंद्र जाट ने उन्हें श्रधांजलि दी है. पुलिस के जवानों ने राइफल नीचे झुका कर उन्हें सलामी दी. उनके इकलौते पुत्र निशांत उपाध्याय ने मुखाग्नि दी और उनकी बेटी को तिरंगा सौंपा गया.

Lokayukta Justice DN Upadhyay cremated with state honors in jamshedpur
लोकायुक्त न्यायमूर्ति डीएन उपाध्याय का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

न्यायिक फैसले के लिए हमेशा जाने जायेंगे जस्टिस डी एन उपाध्याय
जस्टिस डी एन उपाध्याय एक कुशल न्यायिक अधिकारी रहे. बतौर झारखंड हाई कोर्ट के जज उन्होंने कई फैसले सुनाये जो हमेशा याद रखा जायेगा. हाई कोर्ट से सेवानिवृत्ति के बाद झारखंड के लोकायुक्त बने. जस्टिस उपाध्याय का अभी एक साल का कार्यकाल शेष था. 67 साल के जस्टिस डीएन उपाध्याय फरवरी 2022 में लोकायुक्त झारखंड के पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे.

Lokayukta Justice DN Upadhyay cremated with state honors in jamshedpur
जवानों ने दी सलामी
जमशेदपुर में शुरू हुई थी प्रारंभिक शिक्षा10 अगस्त 1954 को जमशेदपुर में जन्मे जस्टिस ध्रुव नारायण उपाध्याय की प्रारंभिक शिक्षा यहीं हुई. उन्होंने आर डी टाटा हायर सेकेंडरी स्कूल जमशेदपुर से स्कूलिंग की. जिसके बाद उन्होंने कोऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से स्नातक करने के बाद वहीं से एलएलबी किया. 3 जनवरी 1979 से 1997 तक जमशेदपुर सिविल कोर्ट में वकालत की. बचपन से ही बेहद ही मृदभाषी और बेबाक बोलने के कारण अलग पहचान रखनेवाले डी एन उपाध्याय बतौर लोकायुक्त सरकारी सिस्टम में फैली खामियों पर टिप्पणी करने से परहेज नहीं करते थे. राज्य में फैले भ्रष्टाचार और उस पर अंकुश लगाने के लिए लोकायुक्त की भूमिका को सशक्त करने की मांग करते रहे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.