जमशेदपुर: झारखंड जनतांत्रिक महासभा ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से स्कूलों की फीस माफ करने की मांग की है. इस मामले को लेकर जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के माध्यम से शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के नाम ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि रांची में अभिभावकों, निजी स्कूलों के प्रबंधकों और झारखंड सरकार के बीच तृपक्षीय बैठक में निर्णय लिया गया है कि लाॅकडाउन की अवधि में टयूशन फीस अभिभावकों को देना होगी. यह फैसला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, इसलिए सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करते हुए पूरी फीस माफ करने पर विचार करें.
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ज्ञापन में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण भारत ही नहीं पूरा विश्व आर्थिक गतिविधियां बंद होने के कारण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. अब लोग भुखमरी के शिकार होने लगे हैं. कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लाॅकडाउन किया है. लाॅकडाउन होने के कारण काम धंधा पूरी तरह बंद हो गया है. अब लोगों को खाने पीने में परेशानी हो रही है. शहर के समाजिक और राजनितिक संगठनों ने खाने पीने की समस्या तो कुछ हद तक सुलझा ली है. लेकिन जिन्हें खाने पीने में परेशानी हो रही है, वह कैसे स्कूलों की फीस देंगे. इसलिए सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करते हुए पूरी फीस माफ करवाए.
मंगलवार को हुई थी बैठक
बता दें कि मंगलवार को अभिभावक संघ और निजी स्कूल प्रबंधन के साथ शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की 4 घंटे मैराथन बैठक चली थी. इस बैठक में स्कूलों में फीस माफी पर मुख्य रूप से चर्चा हुई. बैठक के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि, निजी स्कूल प्रबंधन ने 2 महीने की ट्यूशन फीस और तीन महीने की बस फीस माफ कर दी है. अभिभावकों को अब 12 महीने के जगह सिर्फ 10 महीने का स्कूल फीस और 9 महीने का बस फीस देनी होगी. बैठक में महज यह तय हुआ कि निजी स्कूल फिलहाल लॉकडाउन अवधि की ट्यूशन फीस अभिभावकों से वसूलेंगे. वहीं, बस भाड़ा सहित अन्य कोई भी शुल्क अभी नहीं लेंगे.