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Jamshedpur News: परसुडीह को नगर पालिका में शामिल करने का विरोध, प्रदर्शन से बात नहीं बनी तो जाएंगे कोर्ट- माझी परगना महाल

जमशेदपुर के परसुडीह को नगर पालिका में शामिल करने का विरोध माझी परगना महाल द्वारा किया जा रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल करना संविधान के विरुद्ध है. इस मामले को लेकर वे न्यायालय तक जाएंगे.

Jamshedpur Villagers protest against inclusion of Parsudih in municipality
जमशेदपुर के परसुडीह को नगर पालिका में शामिल करने का विरोध
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Published : May 7, 2023, 7:17 AM IST

Updated : May 7, 2023, 7:24 AM IST

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जमशेदपुरः लौहनगरी जमशेदपुर में माझी परगना महाल के नेतृत्व में भारी संख्या में ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर परसुडीह को नगर पालिका में शामिल किए जाने का विरोध किया. प्रदर्शनकारी कृष्णा हांसदा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल करना संविधान के विरुद्ध है इस मामले को लेकर वो कोर्ट तक जाएंगे.

जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष माझी परगना महाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने परसुडीह क्षेत्र को नगरपालिक में शामिल करने का विरोध किया है. उन्होंने जिला प्रशाशन द्वारा परसुडीह क्षेत्र को नगरपालिका क्षेत्र में शामिल किये जाने के प्रस्ताव को गलत करारा दिया है. उन्होंने कहा कि यह सविधान के विरुद्ध है क्योंकि पूर्व से ही यहां रूढ़ि प्रथा चलती आ रही है. पांचवीं अनुसूची शिड्यूल क्षेत्र में नई व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सकता है और इसका विरोध माझी परगना महाल करता है. उन्होंने कहा कि अगर बात नहीं बनी तो वो न्यायालय तक जाएंगे.

पारंपरिक परिधान में पहुंचे ग्रामीण झारखंड में ओलचिकी भाषा की पढ़ाई के साथ साथ संथाली भाषा को प्रमुखता से मान्यता देने की मांग भी उनके द्वारा की गयी. उनका कहना है कि झारखंड राज्य में संथाली भाषा को आज तक राज भाषा का दर्जा नहीं दिया गया है, जो एक चिंता का विषय है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है और संथाली भाषा को अविलंब मान्यता दिया जाना चाहिए. माझी परगना महाल ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्विद्यालय के शिक्षा तक ओलचिकि लिपि में पठन पाठन की व्यवस्था को शुरू किया जाना चाहिए. जिससे यहां के बच्चे अपनी भाषा संस्कृति को पहचान सके और आगे उसका निर्वहन हो सके.

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जमशेदपुरः लौहनगरी जमशेदपुर में माझी परगना महाल के नेतृत्व में भारी संख्या में ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर परसुडीह को नगर पालिका में शामिल किए जाने का विरोध किया. प्रदर्शनकारी कृष्णा हांसदा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल करना संविधान के विरुद्ध है इस मामले को लेकर वो कोर्ट तक जाएंगे.

जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष माझी परगना महाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने परसुडीह क्षेत्र को नगरपालिक में शामिल करने का विरोध किया है. उन्होंने जिला प्रशाशन द्वारा परसुडीह क्षेत्र को नगरपालिका क्षेत्र में शामिल किये जाने के प्रस्ताव को गलत करारा दिया है. उन्होंने कहा कि यह सविधान के विरुद्ध है क्योंकि पूर्व से ही यहां रूढ़ि प्रथा चलती आ रही है. पांचवीं अनुसूची शिड्यूल क्षेत्र में नई व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सकता है और इसका विरोध माझी परगना महाल करता है. उन्होंने कहा कि अगर बात नहीं बनी तो वो न्यायालय तक जाएंगे.

पारंपरिक परिधान में पहुंचे ग्रामीण झारखंड में ओलचिकी भाषा की पढ़ाई के साथ साथ संथाली भाषा को प्रमुखता से मान्यता देने की मांग भी उनके द्वारा की गयी. उनका कहना है कि झारखंड राज्य में संथाली भाषा को आज तक राज भाषा का दर्जा नहीं दिया गया है, जो एक चिंता का विषय है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है और संथाली भाषा को अविलंब मान्यता दिया जाना चाहिए. माझी परगना महाल ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्विद्यालय के शिक्षा तक ओलचिकि लिपि में पठन पाठन की व्यवस्था को शुरू किया जाना चाहिए. जिससे यहां के बच्चे अपनी भाषा संस्कृति को पहचान सके और आगे उसका निर्वहन हो सके.

Last Updated : May 7, 2023, 7:24 AM IST
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