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जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल की लापरवाही, गंभीर स्थिति में भी मरीज को नहीं मिला एंबुलेंस

जमशेदपुर का एमजीएम अस्पताल अपनी लापरवाही की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहता है. एक बार फिर एमजीएम अस्पताल प्रबंधन की ओर से लापरवाही देखने को मिली है. एक नवजात बच्ची की हालत बेहद खराब होने के बाबजूद दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया.

एमजीएम अस्पताल की लापरवाही
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Published : Sep 12, 2019, 7:31 AM IST

जमशेदपुर: सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद एमजीएम अस्पताल में सुधार नहीं हो पा रहा है. अस्पताल किसी न किसी मामले को लेकर विवादों में घिरा रहता है. एक बार फिर एक नवजात बच्ची की हालत बेहद खराब होने के बाबजूद दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एमजीएम प्रबंधन ने एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया.

देखें पूरी खबर


नवजात बच्ची की चोरी
वहीं, एमजीएम अस्पताल की ओर से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण एक निजी संस्थान की मदद से बीमार नवजात को टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया. बता दें कि 4 सितंबर को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल से एक नवजात बच्ची की चोरी हो गई थी. जो 6 सितंबर को घाटशिला के गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र के जंगल में एक बोरे में पाई गई थी. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने बच्ची को घाटशिला पुलिस को सौंप दिया था.

ये भी देखें- DC ने दी योजनाओं की जानकारी, प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की लोगों से की अपील

एंबुलेंस के लिए भटकना पड़ा
वहीं, घाटशिला पुलिस ने उस बच्ची को इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था. बुधवार को बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. बच्ची को दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए सहयोग संस्था के सदस्यों को एंबुलेंस के लिए अस्पताल में काफी भटकना पड़ा. कोई भी एंबुलेंस उस बच्चा को ले जाने के लिए तैयार नहीं था और जो थे वे मन मर्जी भाड़ा मांगने लगे. उसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से अस्पताल के बाहर से एक एंबुलेंस को मंगाया गया और उस नवजात को इलाज के लिए टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया.

जमशेदपुर: सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद एमजीएम अस्पताल में सुधार नहीं हो पा रहा है. अस्पताल किसी न किसी मामले को लेकर विवादों में घिरा रहता है. एक बार फिर एक नवजात बच्ची की हालत बेहद खराब होने के बाबजूद दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एमजीएम प्रबंधन ने एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया.

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नवजात बच्ची की चोरी
वहीं, एमजीएम अस्पताल की ओर से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण एक निजी संस्थान की मदद से बीमार नवजात को टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया. बता दें कि 4 सितंबर को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल से एक नवजात बच्ची की चोरी हो गई थी. जो 6 सितंबर को घाटशिला के गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र के जंगल में एक बोरे में पाई गई थी. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने बच्ची को घाटशिला पुलिस को सौंप दिया था.

ये भी देखें- DC ने दी योजनाओं की जानकारी, प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की लोगों से की अपील

एंबुलेंस के लिए भटकना पड़ा
वहीं, घाटशिला पुलिस ने उस बच्ची को इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था. बुधवार को बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. बच्ची को दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए सहयोग संस्था के सदस्यों को एंबुलेंस के लिए अस्पताल में काफी भटकना पड़ा. कोई भी एंबुलेंस उस बच्चा को ले जाने के लिए तैयार नहीं था और जो थे वे मन मर्जी भाड़ा मांगने लगे. उसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से अस्पताल के बाहर से एक एंबुलेंस को मंगाया गया और उस नवजात को इलाज के लिए टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया.

Intro:जमशेदपुर । मुख्यमंत्री रघुवर दास के गृह क्षेत्र और मंत्री सरयू राय की लाख प्रयास के बावजूद एमजीएम अस्पताल सुधार नहीं रहा है। यहां अस्पताल किसी ना किसी मामले को लेकर विवादों में घिरा रहता है। एक बार फिर एमजीएम अस्पताल विवादों में घिर गया है। ताजा मामला एक नवजात बच्ची का हालत खराब होने पर दूसरे अस्पताल के लिए लाख प्रयास के बावजूद अस्पताल प्रबंधन के द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया। उसके बाद दूसरे एंबुलेंस से उस नवजात को टाटा मोटर्स ले जाया गया। दरअसल 4 सितंबर को एमजीएम अस्पताल से एक नवजात बच्ची की चोरी हो गई थी ।6 सितम्बर को घाटशिला के गुङाबांदा थाना क्षेत्र के जंगल मे बोरे बंद कर पाई गई । स्थानीय ग्रामीणों ने बच्ची को घाटशिला पुलिस को सौंप दिया वहां से घाटशिला पुलिस ने उस बच्ची इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस नवजात बच्ची का आज तबीयत ज्यादा खराब हो जाने पर सहयोग नामक संस्था ने उसे इलाज के लिए टाटा मोटर्स में भर्ती करवाया वही उस बच्ची को ले जाने के लिए सहयोग संस्था के सदस्यों को एंबुलेंस के लिए अस्पताल में काफी भटकना पड़ा कोई भी एंबुलेंस उस बच्चा को ले जाने के लिए तैयार नहीं था और जो थे वे अनाप शनाप मे भाङा मांगने लगे। अंत मे सहयोग संस्था ने देने में
भी जा रहा था उन्होंने अपना दर इतना बता दिया कि सहयोग संस्था को ओ पैसे देने में असमर्थता जताई ।उसके बाद स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप से अस्पताल के बाहर से एक एंबुलेंस को मंगाया गया। उसके बाद उस नवजात को इलाज के लिए टाटा मोटर्स ले जाया गया।




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