जमशेदपुर: जिला के कदमा थाना क्षेत्र में रहने वाली एक दलित महिला ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के चालक पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. कोर्ट ने पीड़िता की याचिका पर कदमा थाने की पुलिस को कार्रवाई का आदेश दिया है.
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ड्राइवर पर दलित महिला के आरोप
पूरे मामले की जानकारी देते हुए महिला के वकील ने जो जानकारी दी है वो काफी हैरान करने वाली है. उन्होंने बताया की 2012 में जब पीड़ित महिला अपने पति के खिलाफ कोर्ट में तलाक का केस लड़ रही थी. तभी उसका संपर्क स्वास्थ्य मंत्री के निजी चालक प्रद्युत उर्फ मुन्ना से हुआ. जिसके बाद मुन्ना की नजदीकियां पीड़ित महिला से बढ़ने लगी. इसी बीच आरोपी ड्राइवर मुन्ना ने शादी का झांसा देकर अपने विश्वास में लिया और कदमा के त्रिशुल टावर में उसके साथ शारिरिक संबंध बनाया. इस दौरान उसका अश्लील वीडियो भी बनाई गई, जिसे बाद में वायरल करने की धमकी देकर महिला के साथ कई बार दुष्कर्म किया गया.
पीड़ित महिला को कई जगह घुमाता रहा आरोपी
महिला के वकील के मुताबिक पीड़ित महिला को अपने झांसे में लेने के बाद आरोपी उसे झारखंड के अलग अलग जिलों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा, आरोपी ने पीड़ित महिला को पुरी, उज्जैन, देवघर और रांची भी ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया.
स्वास्थ्य मंत्री आवास पर भी गई थी पीड़ित
आरोपी प्रद्युत उर्फ मुन्ना उसे रांची स्थित मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास भी लेकर गया. जहां उसने मंत्री के आवास की देखभाल करने वाले गुणाधर और बुचा नाम के व्यक्ति को उसे अपनी पत्नी बताया और उसके साथ दुष्कर्म किया. महिला के मुताबिक वह गुणाधर को कहकर मंत्री के घर की सीसीटीवी भी बंद करवा देता था ताकि कोई उसे अंदर ले जाते न देख सके.
महिला से आरोपी ने ठगे रुपए
इस बीच प्रद्दुत सिंह की नौकरी छूटने के बाद महिला ने अपने फुफेरे भाई को गारंटर बनवाकर प्रद्युत को जेसीबी के लिए लोन भी दिलवाया.2020 में जब उसने प्रद्युत पर शादी का दबाव बनाया तो प्रद्युत ने पति के साथ तलाक के बाद शादी करने की बात कही. जनवरी 2021 में पति से तलाक होने के बाद महिला ने जब शादी का दबाव बनाया तो प्रद्युत शादी से इंकार करने लगा का और जान से मारने की धमकी भी देने लगा. महिला ने मार्च में उसके साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया. महिला के आरोपों के मुताबिक मारपीट की शिकायत वरीय पुलिस अधीक्षक से की गई थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से पीड़ित महिला को डर है की प्रदुयत उसे जान से मार देगा, महिला ने एसपी, डीआईजी,आईजी डीजीपी, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, महिला आयोग और अन्य अधिकारियों को पत्र लिख न्याय की गुहार लगाई है.
एससी एसटी एक्ट में केस दर्ज
महिला के वकील के मुताबिक पीड़ित महिला अनुसूचित जाति से है और उसका उपजाति घासी है. इस लिए यह मामला एससी-एसटी एक्ट का बनाया गया है. महिला की दो बेटियां हैं उसने अपनी जाति घासी बताकर केस दर्ज कराया है.
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
महिला ने यह भी बताया कि उसने जमशेदपुर के डीसी, एसएसपी, सिटी एसपी से गुहार लगायी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद वह कोर्ट का सहारा लेने को मजबूर हो गई. कोर्ट ने इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है. हालांकि इस मामले में एसएसपी डॉक्टर एम तमिल वानन ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है पीड़िता से पूछताछ कर मामले कि जांच की जाएगी और कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.