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जमशेदपुरः निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने PM मोदी को लिखा पत्र, मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा

जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर टाटा के 86 बस्तियों को मालिकाना अधिकार देने की घोषणा करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मालिकाने के सवाल पर जनता के साथ वादा खिलाफी करने के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास को पद से इस्तीफा देने की मांग की है.

Independent candidate Saryu Rai wrote letter to PM in Jamshedpur
निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय
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Published : Dec 2, 2019, 10:52 AM IST

जमशेदपुरः झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि वह आगामी 3 दिसंबर को जमशेदपुर दौरे में टाटा के 86 बस्तियों को मालिकाना अधिकार देने की घोषणा करें. इसके साथ ही उन्होंने मालिकाने के सवाल पर जनता के साथ वादा खिलाफी करने के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास को पद से इस्तीफा देने की मांग की है.

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पत्र में सरयू राय ने कहा कि जब साल 2005 में 86 बस्तियों को टाटा लीज से अलग कर सर्वे कराया गया तो, मैंने कहा था कि बिना कानून बनाए. इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. उन्होंने काफी प्रयास किया कि सरकार इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाए. सरकार तैयार नहीं हुई तो उन्होंने 86 बस्तियों को मालिकाना हक देने संबंधी निजी विधेयक दिनांक 10 फरवरी 2006 को झारखंड विधानसभा में प्रस्तुत किया, लेकिन रघुवर दास जो उस समय राज्य के वित्त और नगर विकास मंत्री थे उन्होंने इस विधेयक का समर्थन नहीं किया.

ये भी पढ़ें-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- झारखंड में बीजेपी ने चोरी से बनाई सरकार


जमशेदपुर में बंद हो रहे उद्योग धंधे और इनके यहां से पलायन को विकट समस्या बताते हुए सरयू राय ने लिखा कि पिछले हफ्ते विधानसभा चुनाव के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में कहीं भी बस्तियों के मालिकाना बिना वैकल्पिक व्यवस्था के मकानों को तोड़ने, उद्योगों के बीमार बंद होने के पलायन और रोजगार जैसे मुद्दों का जिक्र नहीं है. जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के लिए अलग से चार पृष्ठों का घोषणा पत्र जारी हो रहा है, उसमें भी बस्तियों, रोजगार, भय और आतंक के बारे में 1 शब्द भी नहीं कहा गया है. उन्होंने आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री इस पर पहल करते हुए मुख्यमंत्री को तत्काल हटाए ताकि मालिकाना सही जमशेदपुर की ज्वलंत समस्याओं का समाधान हो सके.

जमशेदपुरः झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि वह आगामी 3 दिसंबर को जमशेदपुर दौरे में टाटा के 86 बस्तियों को मालिकाना अधिकार देने की घोषणा करें. इसके साथ ही उन्होंने मालिकाने के सवाल पर जनता के साथ वादा खिलाफी करने के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास को पद से इस्तीफा देने की मांग की है.

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पत्र में सरयू राय ने कहा कि जब साल 2005 में 86 बस्तियों को टाटा लीज से अलग कर सर्वे कराया गया तो, मैंने कहा था कि बिना कानून बनाए. इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. उन्होंने काफी प्रयास किया कि सरकार इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाए. सरकार तैयार नहीं हुई तो उन्होंने 86 बस्तियों को मालिकाना हक देने संबंधी निजी विधेयक दिनांक 10 फरवरी 2006 को झारखंड विधानसभा में प्रस्तुत किया, लेकिन रघुवर दास जो उस समय राज्य के वित्त और नगर विकास मंत्री थे उन्होंने इस विधेयक का समर्थन नहीं किया.

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जमशेदपुर में बंद हो रहे उद्योग धंधे और इनके यहां से पलायन को विकट समस्या बताते हुए सरयू राय ने लिखा कि पिछले हफ्ते विधानसभा चुनाव के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में कहीं भी बस्तियों के मालिकाना बिना वैकल्पिक व्यवस्था के मकानों को तोड़ने, उद्योगों के बीमार बंद होने के पलायन और रोजगार जैसे मुद्दों का जिक्र नहीं है. जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के लिए अलग से चार पृष्ठों का घोषणा पत्र जारी हो रहा है, उसमें भी बस्तियों, रोजगार, भय और आतंक के बारे में 1 शब्द भी नहीं कहा गया है. उन्होंने आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री इस पर पहल करते हुए मुख्यमंत्री को तत्काल हटाए ताकि मालिकाना सही जमशेदपुर की ज्वलंत समस्याओं का समाधान हो सके.

Intro:जमशेदपुर जमशेदपुर से निर्दलीय प्रत्याशी सरयू रहने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुप्त लिखकर कहा है कि वही आगामी 3 दिसंबर को अपने जमशेदपुर दौरे में टाटा की 86 से अधिक बस्तियों को मालिकाना अधिकार देने की घोषणा करें ।श्री राय ने इसके साथ ही मालिकाना के सवाल पर जनता के साथ वादा खिलाफी करने के लिए रघुवर दास को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी पत्र में श्री राय ने कहा कि हाल ही में आपकी मंत्री परिषद ने दिल्ली को 1731 बस्तियों को मालिकाना हक देने का निर्णय लिया है ।संभवता लोकसभा के इसी सत्र मैं यह विधायकक पारित होने वाला है ।जमशेदपुर में 86 से अधिक बस्तियों के लिए मालिकाना हक देने की मांग विगत 20 वर्षों से उठ रही है। राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं जमशेदपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रघुवर दास इस मुहिम के अगुवा रहे है।


Body:वर्ष 2005 मे जब टाटा लीज समझौते का नवीनीकरण हुआ है तब 17 सौ एकङ मे फैलीं इन बस्तियों को यह तर्क देते हुए टाटा लीज से अलग किया गया कि मालिकाना हक दिया जाएगा ।
वर्ष 2006 में बस्तियों का सर्वेक्षण भी प्रारंभ हुआ ।विगत सभी चुनाव में भाजपा की ओर से उठाए जाने वाला यह एक प्रमुख विषय रहा है परंतु अचानक राज्य के मुख्यमंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा के प्रत्याशी रघुवर दास ने पिछले कुछ महीनों से सार्वजनिक रूप से कहना आरंभ किया है की बस्तियों को मालिकाना हक देना उनका मुद्दा कभी नहीं रहा है और मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता है रघुवर दास की इस बदली हुई बोली से यहां के बस्ती वासियों में आक्रोश है।


Conclusion:श्री राय है लिखा है कि जब वर्ष 2005 में 86 बस्तियों को टाटा लीज से अलग कर सर्वे कराया गया तो मैंने कहा था कि बिना कानून बनाए इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता। उन्होंने काफी प्रयास किया कि सरकार इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाए ।सरकार तैयार नहीं हुई तो उन्होंने 86 बस्तियों को मालिकाना हक देने संबंधी निजी विधेयक दिनांक 10 2 2006 को झारखंड विधानसभा में प्रस्तुत किया। परंतु रघुवर दास जो उस समय राज्य के वित्त एवं नगर विकास मंत्री थे ने इस विधेयक का समर्थन नहीं किया।
मालिकाना की मांग और विगत 5 वर्षों से मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों द्वारा जमशेदपुर में जनता और पदाधिकारियों के साथ की गई बदसलूकी जमशेदपुर में बंद हो रहे उद्योग धंधे और इनके यहां से पलायन को विकट समस्या बताते हुए श्री राय ने लिखा है कि गत सप्ताह विधानसभा चुनाव के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में कहीं भी बस्तियों के मालिकाना बिना वैकल्पिक व्यवस्था के मकानों को तोड़ने,उद्योगों के बीमार बंद होने के पलायन और रोजगार जैसे मुद्दों का जिक्र नहीं है। जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के लिए अलग से चार पृष्ठों का घोषणा पत्र जारी हो रहा है उसने भी बस्तियों रोजगार भय और आतंक के बारे में 1 शब्द भी नहीं कहा गया है ।श्री राय ने आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री इस पर पहल करते हुए मुख्यमंत्री को तत्काल हटाए ताकि मालिकाना सही जमशेदपुर की ज्वलंत समस्याओं का समाधान हो सके।
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