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जमशेदपुरः बाल तस्करी पर कार्यशाला का शुभारंभ, ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ बनेगा एक्शन प्लान - जमशेदपुर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर कार्यशाला

बाल तस्करी एवं बाल विवाह को लेकर जमशेदपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का शुभारंभ हुआ. कार्यशाला में बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले अनेक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. कार्यशाला में इस सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन प्लान बनेगा.

कार्यशाला
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Published : Jan 23, 2021, 5:00 AM IST

Updated : Jan 23, 2021, 11:26 AM IST

जमशेदपुरः बाल तस्करी एवं बाल विवाह को रोकने हेतु दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा स्थित गोबरघुसी के बाल कल्याण आश्रम में शुरू हुआ. दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला में देश के अलग अलग राज्यों से प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

देखें पूरी खबर

कार्यशाला का उदघाटन जिले के उपायुक्त सूरज कुमार और एसएसपी डॉ. तमिल वाणन व बाहर से आए प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

कार्यशाला के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो व पद्मश्री सुनीता कृष्णन उपायुक्त, सूरज कुमार वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिलवानन एवं नेशनल एक्शन कोआर्डिनेशन ग्रुप के अध्यक्ष राजन मोहंती तथा अतिथियों ने बाल संरक्षण एवं अधिकार पर अपने विचार रखे. इस दौरान बाल कल्याण आश्रम में प्रशिक्षण उत्पादन केंद्र का शुभारंभ ऑनलाइन प्रियंक कानूनगो द्वारा किया गया.

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिले के उपायुक्त सूरज कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम की परिकल्पना बहुत ही अंत समय में की गई जो काफी सराहनीय है तथा आभार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का जो उन्होंने इस जिले को इस कार्यशाला हेतु चुनाव किया.

उन्होंने सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि गर्व से बताना चाहता हूं कि समृद्ध जिला होने के नाते पूर्वी सिहभूम जिले में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले नहीं के बराबर होते है.

उपायुक्त ने कहा है कि व्यक्ति एवं परिवार की परिस्थिति ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए जिम्मेदार होती है, जिनमें अधिकांश मामले अपने द्वारा ठगी के ही सामने आते हैं. उपायुक्त ने आशा जताते हुए कहा कि मुझे पूर्ण उम्मीद है कि देश को बाल संरक्षण एवं बाल अधिकार पर उम्दा पॉलिसी इस दो दिवसीय अधिवेशन के माध्यम से मिलेंगे.

यह भी पढ़ेंः चाक-चौबंद होगी रांची की कानून व्यवस्था, प्रशासन ने उठाए विशेष कदम

वहीं जिले के एसएसपी डॉक्टर एम तमिल वाणन ने कहा कि बाल तस्करी एवं बाल विवाह को रोकने हेतु जो भी आवश्यक सहयोग पुलिस प्रशासन से चाहिए होगा हम उसकी पूर्ति के लिए तत्पर हैं तथा पुलिस प्रशासन द्वारा भी सजगता एवं संवेदनशीलता से इस मामले में कार्य किया जा रहा है.

उन्होंने कहा है कि कोरोना काल के पश्चात लोगों की मजबूरी हो गई है रोजगार के लिए पलायन करना लेकिन हम आश्वस्त करना चाहेंगे कि बाल संरक्षण एवं अधिकार का हनन नहीं होगा.

कार्यशाला में उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत, पटमदा प्रखंड विकास पदाधिकारी शंकराचार्य समद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ चंचल कुमारी भी मौजूद थीं.

जमशेदपुरः बाल तस्करी एवं बाल विवाह को रोकने हेतु दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा स्थित गोबरघुसी के बाल कल्याण आश्रम में शुरू हुआ. दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला में देश के अलग अलग राज्यों से प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

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कार्यशाला का उदघाटन जिले के उपायुक्त सूरज कुमार और एसएसपी डॉ. तमिल वाणन व बाहर से आए प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

कार्यशाला के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो व पद्मश्री सुनीता कृष्णन उपायुक्त, सूरज कुमार वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिलवानन एवं नेशनल एक्शन कोआर्डिनेशन ग्रुप के अध्यक्ष राजन मोहंती तथा अतिथियों ने बाल संरक्षण एवं अधिकार पर अपने विचार रखे. इस दौरान बाल कल्याण आश्रम में प्रशिक्षण उत्पादन केंद्र का शुभारंभ ऑनलाइन प्रियंक कानूनगो द्वारा किया गया.

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिले के उपायुक्त सूरज कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम की परिकल्पना बहुत ही अंत समय में की गई जो काफी सराहनीय है तथा आभार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का जो उन्होंने इस जिले को इस कार्यशाला हेतु चुनाव किया.

उन्होंने सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि गर्व से बताना चाहता हूं कि समृद्ध जिला होने के नाते पूर्वी सिहभूम जिले में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले नहीं के बराबर होते है.

उपायुक्त ने कहा है कि व्यक्ति एवं परिवार की परिस्थिति ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए जिम्मेदार होती है, जिनमें अधिकांश मामले अपने द्वारा ठगी के ही सामने आते हैं. उपायुक्त ने आशा जताते हुए कहा कि मुझे पूर्ण उम्मीद है कि देश को बाल संरक्षण एवं बाल अधिकार पर उम्दा पॉलिसी इस दो दिवसीय अधिवेशन के माध्यम से मिलेंगे.

यह भी पढ़ेंः चाक-चौबंद होगी रांची की कानून व्यवस्था, प्रशासन ने उठाए विशेष कदम

वहीं जिले के एसएसपी डॉक्टर एम तमिल वाणन ने कहा कि बाल तस्करी एवं बाल विवाह को रोकने हेतु जो भी आवश्यक सहयोग पुलिस प्रशासन से चाहिए होगा हम उसकी पूर्ति के लिए तत्पर हैं तथा पुलिस प्रशासन द्वारा भी सजगता एवं संवेदनशीलता से इस मामले में कार्य किया जा रहा है.

उन्होंने कहा है कि कोरोना काल के पश्चात लोगों की मजबूरी हो गई है रोजगार के लिए पलायन करना लेकिन हम आश्वस्त करना चाहेंगे कि बाल संरक्षण एवं अधिकार का हनन नहीं होगा.

कार्यशाला में उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत, पटमदा प्रखंड विकास पदाधिकारी शंकराचार्य समद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ चंचल कुमारी भी मौजूद थीं.

Last Updated : Jan 23, 2021, 11:26 AM IST
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