जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला में पटमदा प्रखंड (Patmada Block) के गोबरघुसी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, द एशिया फाउंडेशन, जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम और बाल कल्याण संघ की ओर से आयोजित संवर्धन कार्यक्रम -II का शुभारंभ समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए उपायुक्त सूरज कुमार (Deputy Commissioner Suraj Kumar) ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चे इस तरह की घटनाओं का ज्यादा शिकार होते हैं.
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि वैसे चुनौतीपूर्ण माहौल में रहने वाले बच्चों को पहले ही चिन्हित करें और उनके परिवार को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए. उन्होंने आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन की ओर से हर स्तर पर मदद करके संवर्धन-ll कार्यक्रम के बेहतर परिणाम देने की कोशिश करूंगा. जिला के प्रत्येक पदाधिकारी इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे. विकट परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को चिन्हित करने में सरकार का सहयोग करेंगे, ताकि प्रत्येक बच्चों को उनका अधिकार और सुरक्षा मुहैया कराया जा सके.
मील का पत्थर साबित होगा कार्यक्रम- अर्जुन मुंडा
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने जिला और राज्य के उन बच्चों का बेहतर देखभाल करने की कोशिश कर सकते हैं, जो बच्चे कल किन्हीं विकट परिस्थिति में जाने की संभावना में हैं. संवर्धन कार्यक्रम (promotion program) का सुखद प्रभाव हम ने पहले खूंटी जिला में देखा, जहां 3000 से अधिक बच्चों को चिन्हित किया गया और उन परिवारों को सरकार की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का सफल प्रयास किया गया.
केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का पूर्वी सिंहभूम जिला में किया जाना एक मील का पत्थर साबित होगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से हम बच्चों को चिन्हित कर उन्हें सरकार की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का सफल प्रयास करेंगे. इन बच्चों के बचपन और ऐसे परिवार, जो समाजिक व आर्थिक रूप से उपेक्षित हैं, उन परिवारों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करेंगे, ताकि हमारा समाज एक सशक्त समाज बन सके. उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थिति में रह रहे बच्चों को निकालना और मुख्यधारा से जोड़ना हम सबका पहला दायित्व है.
सांसद विद्युत वरण महतो ने क्या कहा?
सांसद विद्युत वरण महतो (MP Vidyut Varan Mahto) ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम हमारे जिला के लिए काफी महत्वपूर्ण है. हमारे राज्य और जिला के बच्चे का किसी भी तरह का शोषण नहीं हो, बल्कि वह शोषण रहित वातावरण में रहे और पढ़ लिखकर एक अच्छा इंसान बने यह हमारा प्रयास है. बाल कल्याण संघ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार, द एशिया फाउंडेशन नई दिल्ली और जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम का सामूहिक प्रयास सराहनीय है. इस तरह के प्रयास से जिला के बच्चों को नया मुकाम मिलेगा और बच्चों को खतरे की स्थिति में जाने से बचाया जा सकेगा. साथ ही इस तरह के परिवार जो कठिन परिस्थिति में जीवन बसर कर रहे हैं, उन परिवारों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना बहुत ही सराहनीय काम है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने क्या कहा?
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य रोजी ताबा (Rosie Taba, member of the National Commission for Protection of Child Rights) ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से हम जहां बच्चों को उनके अधिकार को सुनिश्चित करा रहे हैं, वहीं उन बच्चों को आगे बढ़ने लिए भी मदद कर रहे हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर काफी संवेदनशील है. झारखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाना और बच्चों के विषय में इस तरह गंभीर चर्चा जिले और राज्य के लिए सुखद है. इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण को बेहतर करने का प्रयास है.
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संवर्धन कार्यक्रम के शुभारंभ पर खूंटी जिला में किया गया संवर्धन कार्यक्रम-I के रिपोर्ट का विमोचन किया गया. संवर्धन कार्यक्रम-II की रूपरेखा और पृष्ठभूमि की जानकारी प्रमोद कुमार वर्मा ने पीपीटी के माध्यम से सभी उपस्थित सदस्यों को दिया. इस मौके पर खूंटी जिले के बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान को संवर्धन-I में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया और जिलe में बाल अधिकार पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, अंचक अधिकारी पटमदा को प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र देकर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों की ओर से सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिलe के उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्या ठाकुर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंचल कुमारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी पटमदा/बोड़ाम/घाटशिला/धालभूमगढ़/चाकुलिया/डुमरिया और सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी तथा कई पदाधिकारी मौजूद रहे.