जमशेदपुरः जिले के सरकारी अस्पतालों से स्वास्थ्य सचिव के आदेश पर हटाए गए आउटसोर्सकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री से कदमा स्थित कार्यालय में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने काम पर रखे रहने की गुहार लगाई. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया है कि स्वास्थ्य सचिव से बात हुई है कि कोरोना काल मे अपनी जान जोखिम में डाल कर काम करने वाले आउटसोर्सकर्मियों को चरणबद्ध तरीके से समायोजित किया जाए. इस पर धरने पर बैठे आउटसोर्सकर्मियों ने धरना समाप्त कर दिया.
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जमशेदपुर के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले आउटसोर्सकर्मियों की संख्या कम करने का फैसला लिया गया. इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य सचिव के आदेश पर हटाए गए आउटसोर्सकर्मी धरने पर बैठे थे. इसको लेकर जमशेदपुर में स्वास्थ्य मंत्री के कदमा स्थित कार्यालय में कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. आउटसोर्सकर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री से गुहार लगाई कि कोरोना काल में वो जिम्मेदारी पूर्वक काम कर रहे थे. इस बीच सरकार ने उन्हें हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया. आउटसोर्सकर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री से वापस काम पर रखने की गुहार लगाई है.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि स्वास्थ्य सचिव द्वारा राज्य भर में स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्सकर्मियों की संख्या को कम करने का आदेश दिया है. इसके तहत पूर्वी सिंहभूम में 157 आउटसोर्सकर्मियों को काम पर नहीं आने का नोटिस दिया गया है. आउटसोर्सकर्मियों से बातचीत करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया है कि स्वास्थ्य सचिव से वार्ता हुई है कोरोना काल के संकट की घड़ी में जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया है वैसे लोगों को बेरोजगार होने से बचाया जाएगा. उन्होंने बताया है कि चरणबद्ध तरीके से सभी हटाए गए कर्मियों को समायोजित किया जाएगा. इधर स्वास्थ्य मंत्री से आश्वासन मिलने पर धरने पर बैठे हटाए गए आउटसोर्सकर्मियों ने तत्काल अपना धरना समाप्त कर दिया.