घाटशिलाः नवरात्री त्योहार पर हर तरफ गरबा और डांडिया की धुन पर लोग जमकर झूमते गाते नजर आते हैं. वहीं, घाटशिला में भी गुजराती समाज ने गरबा और डांडिया कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें महिला और पुरुषों के साथ छोटे-छोटे बच्चों ने भी जमकर गरबा किया. इस बार गुजराती समाज के लोगों में गरबा-डांडिया कार्यक्रम की स्वर्ण जयंती को लेकर विशेष उत्साह है. लोगों ने कहा कि गरबा और डांडिया खेलने से लोगों के बीच आपस में प्रेम भाव बना रहता है.
इस बार घाटशिला में गुजराती समाज के लोग धूमधाम से घाटशिला में गरबा-डंडिया के स्थापना की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं. घाटशिला अनुमंडल के लोग भी इस गरबा और डांडिया उत्सव का साल भर इंतजार करते हैं. इस उत्सव को लेकर दूर-दूर से लोग घाटशिला आते हैं. खास बात यह है कि 9 दिनों तक चलने वाले इस गरबा और डांडिया कार्यक्रम में हर दिन विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. जिसमें महिलाओं पुरुषों के साथ बच्चों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन होता है. जिसमें 10वें दिन बेहतर गरबा और डांडिया करने वाले को पुरस्कार स्वरूप सम्मानित किया जाता है.
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गुजराती समाज के लोगों ने बताया कि साल 1969 से गुजराती समाज के द्वारा घाटशिला में शारदीय नवरात्र पर गरबा का आयोजन किया जाता है. 9 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में गुजराती समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोग भी पारंपारिक डांडिया में भाग लेते हैं. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि गरबा और डांडिया के जरिया समाज को प्रेम-भाव के साथ भक्ती का संदेश दें.
इस मौके पर घाटशिला गुजराती समाज के संरक्षक छगन लाल चौहान ने कहा कि हमारे यहां पिछले 50 वर्षों से यह कार्यक्रम किया जा रहा है. जिसमें हर धर्म और प्रांत के लोग भाग लेते हैं. वहीं, रुपेश चौहान का कहना है कि गरबा के लिए पूरे साल इंतजार करते हैं और तैयारी करते हैं. विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम लगातार 9 दिनोतक चलता है, जिसमे बच्चों और युवाओं के प्रतिभाओं को निखारा जाता है.