जमशेदपुर: लौहनगरी के रूप में प्रसिद्ध जमशेदपुर कभी नौ किलोमीटर में बसा शहर के रूप में जाना जाता था. लोग इसे प्लानिंग सिटी के रूप में जानते थे. धीरे-धीरे इस शहर का दायरा बढ़ता गया और रोजगार के लिए लोग यहां आने लगे. इस शहर की आबादी जैसे-जैसे बढ़ने लगी वैसे ही तेजी से फ्लैट्स बनने लगे. जमशेदपुर में महानगरों की तरह बड़ी कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे कॉलोनी में काफी संख्या में लोग रह रहे हैं जिसे आज के समय में सोसायटी कहा जाता है. सोसायटी में आम तौर पर सारी सुविधाएं होती हैं. इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ता. पिछले कुछ सालों में जमशेदपुर में भी गेटेड सोसायटी का चलन तेजी से बढ़ा है.
सोसायटी में सारी सुविधाओं का इंतजाम
गेटेड सोसायटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि एक गेट के अंदर हमें सारी सुविधाएं मिल जाती है. जिम, क्लब हाउस, प्ले ग्राउंड और पार्क से लेकर सारी सुविधाएं हैं. किसी काम के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है. सोसाइटी में बच्चे सुरक्षित रहते हैं. अगर किसी काम से बाहर जाना पड़ता है तो इस बात की फिक्र नहीं रहती कि बच्चे कैसे रहेंगे. खेलने या टहलने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता. सारी सुविधाएं सोसायटी में मौजूद हैं. बड़ी सोसायटी में स्वीमिंग पूल और मंदिर भी बनाए जाते हैं. सारी सुविधाओं के लिए हर परिवार से मेंटेनेंस टैक्स भी लिया जाता है.
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सोसायटी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी ज्यादातर लोग सोसायटी में रहना चाहते हैं. सोसायटी में फ्लैट के हिसाब से गार्ड भी रखे जाते हैं. गार्ड सोसायटी में एंट्री गेट से लेकर पूरे फ्लैट की देखभाल करते हैं. गेट पर तैनात गार्ड हर आने जाने वालों पर निगाह रखते हैं. किसी अनजान व्यक्ति को अंदर जाने की इजाजत नहीं होती है. कोई नया व्यक्ति अंदर जा रहा है तो उससे कड़ी पूछताछ की जाती है. परिवार से पूछकर ही उसे अंदर जाने दिया जाता है. बिना एंट्री किसी गाड़ी को अंदर जाने की इजाजत नहीं होती है. यहां तैनात सुरक्षा गार्ड को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. पूरी सोसायटी में सीसीटीवी से निगरानी रखी जाती है.