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जमशेदपुर मना रहा संस्थापक दिवस, क्या है जेएन टाटा के सपनों के शहर का सफर

जमशेदपुर संस्थापक दिवस मना रहा है. पूरे शहर को दुल्लहन के तरह सजाया गया है. इसे लेकर टाटा स्टील कंपनी के कर्मचारियों और यहां के लोगों में काफी उत्साह है. इस शहर में रहने वाले लोग अपने आपको खुशनसीब मानते हैं.

Founder day being celebrated in Jamshedpur
जमशेदपुर मना रहा संस्थापक दिवस
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Published : Mar 2, 2020, 9:34 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 5:03 PM IST

जमशेदपुर: इस्पात उद्योग में औद्योगिक क्रांति लाने वाले जमशेदजी नसरवान जी टाटा के सपनों का शहर जमशेदपुर संस्थापक दिवस मना रहा है. 100 साल के कालीमाटी के नाम से जमशेदपुर बना यह शहर आज न सिर्फ झारखंड में बल्कि विश्व के मानचित्र में अपनी पहचान बनाया है, जिसने अपने शताब्दी वर्ष के सफर में कई मिसाल कायम किए हैं. यहां के लोगों को अपने शहर पर गर्व है.

देखें स्पेशल स्टोरी

लोहे से मजबूत इरादों वाले इंसान जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने 1907 में इस्पात उद्योग के क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति की नीव रखी और एक छोटे से गांव साकची में इसकी शुरुआत की. साकची नाम का यह गांव, जिसकी आबादी महज सैकड़ों में थी आज वह गांव जमशेदपुर के नाम से जाना जाता है.

जमशेदपुर की कहानी एक सफर

2 जनवरी 1919 में भारत के दूसरे वायसराय चेम्सफोर्ड अपनी टीम के साथ कालीमाटी स्टेशन उतर कर टाटा इस्पात कारखाना देखने साकची आए थे. उस समय टाटा स्टील का नाम टाटा कंपनी था. वायसराय चेम्सफोर्ड ने इस कंपनी से काफी प्रभावित हुए, जिसके बाद उन्होंने साकची की पहचान संस्थापक जमशेदजी टाटा के नाम से रखने की बात कही. उनके संबोधन के बाद 2 जनवरी 1919 को साकची का नाम बदलकर जमशेदपुर रखा गया और कालीमाटी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर टाटानगर रेलवे स्टेशन रखा गया.

इसे भी पढे़ं:- समाज को आगे बढाने के लिए हर व्यक्ति की सहभागिता जरूरी: बन्ना गुप्ता

धीरे धीरे जमशेदपुर शहर की आबादी बढ़ने लगी जो आज 20 लाख के लगभग पहुंच गई है. इस बढ़ती आबादी में सभी जाति समुदाय भाषा-भाषी के लोग रहते हैं. यह शहर लघु भारत के नाम से भी जाना जाता है. इसकी रूप रेखा किसी महानगर से कम नहीं है.

आपको बताते हैं कि इस शहर में कौन से साल में क्या हुआ

  • 1911 में बिष्टुपुर प्रधान डाकघर की शुरुआत हुई.
  • 1912 में फिल्म दिखाने की शुरुआत की गई.
  • 1913 में टाउन हॉल बनकर तैयार हुआ, जिसे आज यूनाइटेड क्लब के नाम से जाना जाता है.
  • 1920 में टाटा वर्कर्स यूनियन की शुरुआत की गई.
  • 1921 में भारत का पहला टेक्निकल इंस्टीट्यूट एसएनटीआई की शुरुआत हुई.
  • 1932 में पहली बार संस्थापक दिवस मनाया गया और मुस्लिम लाइब्रेरी की स्थापना की गई.
  • 1935 में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन बनाया गया.
  • 1936 में डीएम लाइब्रेरी.
  • 1937 में जेएल कीनन, जिनकी याद को जीवंत रखने के लिए कीनन स्टेडियम बनाया गया, जिसमें 1939 में पहला क्रिकेट मैच खेला गया था.
  • 1942 में विश्व युद्ध के दौरान टाटा ने टैंक का निर्माण किया गया.
  • 1949 में उच्च शिक्षा के लिए कोऑपरेटिव कॉलेज की स्थापना की गई.
  • 1952 में विमेंस कॉलेज की शुरुआत की गई.
  • 1953 में इंडियन ट्यूब कंपनी की स्थापना की गई.
  • 1968 में टी आर एफ कंपनी को स्थापित किया गया.
  • 1975 में कैंसर अस्पताल की नींव रखी गई.
  • 1987 में टाटा फुटबॉल अकैडमी की शुरुआत की गई.

1958 में देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जुबली पार्क का उद्घाटन किया गया, जो मुगल गार्डन के तर्ज पर बना है. धीरे धीरे इस शहर में वह सारी सुविधाएं स्थापित होने लगी, जो शहरवासियों के लिए कारगर साबित हो रहा था और आज इस शहर में आने वाले यही कहते हैं कि शहर हो तो जमशेदपुर जैसा जो ना सिर्फ स्टील उत्पादन करती है, बल्कि क्लीन सिटी ग्रीन सिटी के नाम से भी अपनी पहचान बनाई हुई है.

टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने बताया कि बहुत खुश किस्मत हैं हम कि जमशेदपुर जैसे शहर में रहते हैं, यहां की हवा अन्य शहरों की अपेक्षा काफी ताजी है, यही वजह है कि जो लोग बाहर से आते हैं और यादगार लेकर जाते हैं.

वहीं टाटा जुस्को के एमडी तरुण डागा ने कहा है कि ऐसे संस्थान से जुड़ने का गर्व है, आज इस शहर की एक अलग पहचान है, अब कोशिश यह होनी चाहिए कि आने वाली पीढ़ी इस शहर को और बेहतर अंदाज में देख सके.

टाटा की सोच को कामयाबी के शिखर तक पहुंचने की बात कहते हुए रुचि नरेंद्रन का कहना है जमशेदजी टाटा की सोच सिर्फ बिजनेस से लाभ का नहीं था, बल्कि समाज की उन्नति करना भी उनका लक्ष्य था, जो आज एक मिसाल बन गया है.

जमशेदपुर: इस्पात उद्योग में औद्योगिक क्रांति लाने वाले जमशेदजी नसरवान जी टाटा के सपनों का शहर जमशेदपुर संस्थापक दिवस मना रहा है. 100 साल के कालीमाटी के नाम से जमशेदपुर बना यह शहर आज न सिर्फ झारखंड में बल्कि विश्व के मानचित्र में अपनी पहचान बनाया है, जिसने अपने शताब्दी वर्ष के सफर में कई मिसाल कायम किए हैं. यहां के लोगों को अपने शहर पर गर्व है.

देखें स्पेशल स्टोरी

लोहे से मजबूत इरादों वाले इंसान जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने 1907 में इस्पात उद्योग के क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति की नीव रखी और एक छोटे से गांव साकची में इसकी शुरुआत की. साकची नाम का यह गांव, जिसकी आबादी महज सैकड़ों में थी आज वह गांव जमशेदपुर के नाम से जाना जाता है.

जमशेदपुर की कहानी एक सफर

2 जनवरी 1919 में भारत के दूसरे वायसराय चेम्सफोर्ड अपनी टीम के साथ कालीमाटी स्टेशन उतर कर टाटा इस्पात कारखाना देखने साकची आए थे. उस समय टाटा स्टील का नाम टाटा कंपनी था. वायसराय चेम्सफोर्ड ने इस कंपनी से काफी प्रभावित हुए, जिसके बाद उन्होंने साकची की पहचान संस्थापक जमशेदजी टाटा के नाम से रखने की बात कही. उनके संबोधन के बाद 2 जनवरी 1919 को साकची का नाम बदलकर जमशेदपुर रखा गया और कालीमाटी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर टाटानगर रेलवे स्टेशन रखा गया.

इसे भी पढे़ं:- समाज को आगे बढाने के लिए हर व्यक्ति की सहभागिता जरूरी: बन्ना गुप्ता

धीरे धीरे जमशेदपुर शहर की आबादी बढ़ने लगी जो आज 20 लाख के लगभग पहुंच गई है. इस बढ़ती आबादी में सभी जाति समुदाय भाषा-भाषी के लोग रहते हैं. यह शहर लघु भारत के नाम से भी जाना जाता है. इसकी रूप रेखा किसी महानगर से कम नहीं है.

आपको बताते हैं कि इस शहर में कौन से साल में क्या हुआ

  • 1911 में बिष्टुपुर प्रधान डाकघर की शुरुआत हुई.
  • 1912 में फिल्म दिखाने की शुरुआत की गई.
  • 1913 में टाउन हॉल बनकर तैयार हुआ, जिसे आज यूनाइटेड क्लब के नाम से जाना जाता है.
  • 1920 में टाटा वर्कर्स यूनियन की शुरुआत की गई.
  • 1921 में भारत का पहला टेक्निकल इंस्टीट्यूट एसएनटीआई की शुरुआत हुई.
  • 1932 में पहली बार संस्थापक दिवस मनाया गया और मुस्लिम लाइब्रेरी की स्थापना की गई.
  • 1935 में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन बनाया गया.
  • 1936 में डीएम लाइब्रेरी.
  • 1937 में जेएल कीनन, जिनकी याद को जीवंत रखने के लिए कीनन स्टेडियम बनाया गया, जिसमें 1939 में पहला क्रिकेट मैच खेला गया था.
  • 1942 में विश्व युद्ध के दौरान टाटा ने टैंक का निर्माण किया गया.
  • 1949 में उच्च शिक्षा के लिए कोऑपरेटिव कॉलेज की स्थापना की गई.
  • 1952 में विमेंस कॉलेज की शुरुआत की गई.
  • 1953 में इंडियन ट्यूब कंपनी की स्थापना की गई.
  • 1968 में टी आर एफ कंपनी को स्थापित किया गया.
  • 1975 में कैंसर अस्पताल की नींव रखी गई.
  • 1987 में टाटा फुटबॉल अकैडमी की शुरुआत की गई.

1958 में देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जुबली पार्क का उद्घाटन किया गया, जो मुगल गार्डन के तर्ज पर बना है. धीरे धीरे इस शहर में वह सारी सुविधाएं स्थापित होने लगी, जो शहरवासियों के लिए कारगर साबित हो रहा था और आज इस शहर में आने वाले यही कहते हैं कि शहर हो तो जमशेदपुर जैसा जो ना सिर्फ स्टील उत्पादन करती है, बल्कि क्लीन सिटी ग्रीन सिटी के नाम से भी अपनी पहचान बनाई हुई है.

टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने बताया कि बहुत खुश किस्मत हैं हम कि जमशेदपुर जैसे शहर में रहते हैं, यहां की हवा अन्य शहरों की अपेक्षा काफी ताजी है, यही वजह है कि जो लोग बाहर से आते हैं और यादगार लेकर जाते हैं.

वहीं टाटा जुस्को के एमडी तरुण डागा ने कहा है कि ऐसे संस्थान से जुड़ने का गर्व है, आज इस शहर की एक अलग पहचान है, अब कोशिश यह होनी चाहिए कि आने वाली पीढ़ी इस शहर को और बेहतर अंदाज में देख सके.

टाटा की सोच को कामयाबी के शिखर तक पहुंचने की बात कहते हुए रुचि नरेंद्रन का कहना है जमशेदजी टाटा की सोच सिर्फ बिजनेस से लाभ का नहीं था, बल्कि समाज की उन्नति करना भी उनका लक्ष्य था, जो आज एक मिसाल बन गया है.

Last Updated : Mar 3, 2020, 5:03 PM IST
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