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फ्रंटलाइन वर्करों की कड़ी मेहनत से झारखंड में कोरोना संक्रमण नियंत्रितः रघुवर दास

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आ रही है. यह डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन वर्करों की कड़ी मेहनत के कारण संभव हुआ है. अब तीसरी लहर में और मुस्तैद रहने की जरूरत है.

Raghuvar Das said It is necessary to be prompt to deal with Covid third wave
फ्रंटलाईन वर्कर की कड़ी मेहनत से झारखंड में कोरोना संक्रमण को किया नियंत्रित
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Published : May 24, 2021, 6:23 AM IST

जमशेदपुरः झारखंड के पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण विदाई के करीब पहुंच गया है. डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन वर्करों की कड़ी मेहनत से कोरोना संक्रमण को नियंत्रित किया गया है. इसको लेकर फ्रंटलाइन वर्कर की जितनी सराहना की जाए, वह कम है. उन्होंने कोरोना की संभावित तीसरी लहर में और मुस्तैद रहने की आवश्यकता है.

रघुवर दास ने कहा कि कोरोना से मुकाबले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र जहां बीमारी, वहां उपचार सहायक सिद्ध हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य में संक्रमित कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है. अब तक 3,29,072 संक्रमित मरीजों में 3,01,705 ठीक हुए हैं. अब भी एक्टिव मरीजों की संख्या 22,566 है और 4,801 संक्रमितों की मौत हो गयी है.

चिकित्सकों ने किया युद्धस्तर पर काम

पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों और गैर चिकित्सा कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि वे युद्धस्तर पर अपने कर्त्तव्य पर डटे हैं. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर के अस्पतालों की प्रबंधकीय कुशलता काबिले तारीफ है, जिससे जिले में कोरोना टेस्ट की पाॅजिटिविटी रेट में कमी आ रही है और मरीजों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है.

उन्होंने कोरोना काल की दूसरी लहर के उफान की चर्चा करते हुए कहा कि अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे थे. वहीं अब बेड आसानी से मिल रहे हैं. टीएमएच और टाटा मोटर्स अस्पताल के सीसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन बेड को लेकर मारामारी की स्थिति बनी रहती था, जो अब वह नहीं है.

आगे बढ़कर टाटा ने किया काम

पूर्व मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान टाटा स्टील की ओर से झारखंड सहित पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिदिन हजारों टन लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई की गई, जो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि टाटा घराना ने देश की विपत्ति के समय हमेशा आगे बढ़कर मदद की है. इसको लेकर रतन टाटा की जितनी भी तारीफ की जाए कम है.

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की रही अहम भूमिका

उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना मामलों में आयी गिरावट पर कहा कि कोरोना नियंत्रण में पूर्वी सिंहभूम को मिल रही सफलता के लिए जिला प्रशासन की अहम भूमिका है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारी इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर जिस तरह दूसरी लहर में अपने कर्त्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं, उसी ऊर्जा और लगन के साथ कोरोना की अगली जंग का भी मुकाबला करेंगे.

पत्रकारों को मिल फ्रंटलाइन का दर्जा

रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार की ओर से राज्य के सभी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना को भी लागू नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को पांच-पांच लाख की अनुदान राशि न देना हेमंत सरकार के अन्यायपूर्ण रवैये का नमूना है.

पीड़ित परिवारों के लिए व्यक्त की संवेदना

उन्होंने सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा दे, ताकि कोरोना पीड़ित पत्रकारों को निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा के साथ साथ अन्य लाभ मिल सके. उन्होंने कोरोना काल में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.

जमशेदपुरः झारखंड के पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण विदाई के करीब पहुंच गया है. डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन वर्करों की कड़ी मेहनत से कोरोना संक्रमण को नियंत्रित किया गया है. इसको लेकर फ्रंटलाइन वर्कर की जितनी सराहना की जाए, वह कम है. उन्होंने कोरोना की संभावित तीसरी लहर में और मुस्तैद रहने की आवश्यकता है.

रघुवर दास ने कहा कि कोरोना से मुकाबले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र जहां बीमारी, वहां उपचार सहायक सिद्ध हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य में संक्रमित कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है. अब तक 3,29,072 संक्रमित मरीजों में 3,01,705 ठीक हुए हैं. अब भी एक्टिव मरीजों की संख्या 22,566 है और 4,801 संक्रमितों की मौत हो गयी है.

चिकित्सकों ने किया युद्धस्तर पर काम

पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों और गैर चिकित्सा कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि वे युद्धस्तर पर अपने कर्त्तव्य पर डटे हैं. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर के अस्पतालों की प्रबंधकीय कुशलता काबिले तारीफ है, जिससे जिले में कोरोना टेस्ट की पाॅजिटिविटी रेट में कमी आ रही है और मरीजों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है.

उन्होंने कोरोना काल की दूसरी लहर के उफान की चर्चा करते हुए कहा कि अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे थे. वहीं अब बेड आसानी से मिल रहे हैं. टीएमएच और टाटा मोटर्स अस्पताल के सीसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन बेड को लेकर मारामारी की स्थिति बनी रहती था, जो अब वह नहीं है.

आगे बढ़कर टाटा ने किया काम

पूर्व मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान टाटा स्टील की ओर से झारखंड सहित पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिदिन हजारों टन लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई की गई, जो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि टाटा घराना ने देश की विपत्ति के समय हमेशा आगे बढ़कर मदद की है. इसको लेकर रतन टाटा की जितनी भी तारीफ की जाए कम है.

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की रही अहम भूमिका

उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना मामलों में आयी गिरावट पर कहा कि कोरोना नियंत्रण में पूर्वी सिंहभूम को मिल रही सफलता के लिए जिला प्रशासन की अहम भूमिका है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारी इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर जिस तरह दूसरी लहर में अपने कर्त्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं, उसी ऊर्जा और लगन के साथ कोरोना की अगली जंग का भी मुकाबला करेंगे.

पत्रकारों को मिल फ्रंटलाइन का दर्जा

रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार की ओर से राज्य के सभी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना को भी लागू नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को पांच-पांच लाख की अनुदान राशि न देना हेमंत सरकार के अन्यायपूर्ण रवैये का नमूना है.

पीड़ित परिवारों के लिए व्यक्त की संवेदना

उन्होंने सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा दे, ताकि कोरोना पीड़ित पत्रकारों को निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा के साथ साथ अन्य लाभ मिल सके. उन्होंने कोरोना काल में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.

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