जमशेदपुर: कारगिल युद्ध में वीरगति प्राप्त जवानों को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के पूर्व सैनिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. जमशेदपुर गोलमुरी पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक स्थल वार मेमोरियल में तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त जांबाज सैनिकों ने बारी-बारी से कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित की. मौके पर कारगिल द्रास यात्रा से लौटे डॉक्टर कमल शुक्ला ने वहां उपस्थित लोगों को कारगिल की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दी.
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देश के लिए सदैव तत्पर हैं पूर्व सैनिक: मौके पर पूर्व सैनिकों ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद कर कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. हम अपने शहीद जवानों को कभी नहीं भूल सकते हैं. देश के लिए जो शहीद होता है वह अमर हो जाता है. पूर्व सैनिकों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर देशहित में दुश्मनों से बदला लेने के लिए वे सदैव तैयार हैं. उन्होंने कहा शहीद हुए सैनिकों को याद कर कारगिल युद्ध में विजय के लिए हम गौर्वांन्वित महसूस करते हैं.
भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर फहराया था विजय पताका: कारगिल युद्ध साल 1999 में शुरू हुआ था. नेशनल हाईवे वन (NH-1) से सटा हुआ कारगिल का वह इलाका दुर्गम चोटियों से भरा हुआ है. पाकिस्तान की सेना ने वहां चुपके से कब्जा कर लिया था. इसकी जानकारी मिलते ही भारतीय सेना ने वीरता और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना पर हमला शुरू कर दिया था. इस युद्ध में भारतीय सेना के 527 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे और लगभग 1300 सैनिक घायल हो गए थे. 26 जुलाई 1999 में भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर विजय पताका फहराया था. उस दिन से प्रत्येक साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.