जमशेदपुरः पिछले दिनों शारदामणि स्कूल की छात्रा ने आत्महत्या का प्रयास किया. इस घटना के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है, ताकि इस तरह की घटना दुबारा नहीं हो सके. इसको लेकर बुधवार को उपायुक्त के निर्देश पर शिक्षा विभाग कार्यालय में एडीएम की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में शहर के सभी निजी विधालयों के प्राचार्यों शामिल हुए.
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एडीएम नंद किशोर लाल ने बैठक में उपस्थित प्राचार्यों को निर्देश दिया कि शिक्षक ऐसा व्यवहार कभी नहीं करें, जिससे छात्र-छात्रायें आहत हो और ग्लानि महसूस करें. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्रायें की गलती पर उन्हें सार्वजनिक रूप से डांट फटकार नहीं करें. गलती करने वाले छात्र-छात्राओं की शिकायत अभिभावक से करें और अभिभावक के समक्ष समझाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि फीस बकाया होने पर छात्रों के अभिभावक से बता रहें, विद्याथियों को परेशान नहीं करेंगे.
एडीएम ने कहा कि शिक्षकों को समय समय पर काउंसेलिंग करायें, ताकि शिक्षकों का व्यवहार छात्रों के प्रति सकारात्मक रहें. उन्होंने कहा कि सभी प्राचार्य अपने अपने स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करें. बता दें कि 14 अक्टूबर को परीक्षा के दौरान चीटिंग के शक पर शारदामणि स्कूल की कक्षा नौवीं की छात्रा को शिक्षिका ने कपड़े उतरवाकर शरीर की तलाशी की थी. इस घटना से छात्रा काफी तनाव में थी और घर पहुंच कर उसने आत्महत्या की प्रयास किया. गंभीर रूप से घायल छात्रा को इलाज के लिए टाटा मुख्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां छात्रा जिंदगी और मौत से जूझ रही है.