ETV Bharat / state

जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में वित्तीय अनियमितता का मामला, डीजीपी ने हाई कोर्ट में पेश किया जवाब

जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में हुई वित्तीय अनियमितता मामले में दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें डीजीपी ने शपथ पत्र के माध्म से जवाब पेश (DGP Presented Answer in High Court) किया.

Jharkhand High Court
Jharkhand High Court
author img

By

Published : Nov 29, 2022, 8:47 PM IST

जमशेदपुरः जिला बार एसोसिएशन में हुई वित्तीय अनियमितता मामले (Financial Irregularities in Bar Association) में दायर जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार 29 नवंबर को झारखंड हाई कोर्ट में हुई. मामले की पूरी सुनवाई समय अभाव के कारण टल गयी. मामले पर विस्तृत सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी.

ये भी पढ़ें-हाई कोर्ट की टिप्पणी, रिम्स निदेशक से नहीं संभल रही व्यवस्था तो क्यों ना आईएएस को बना दें डायरेक्टर

डीजीपी ने पेश किया जवाबः झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में जिला बार एसोसिएशन में हुई वित्तीय अनियमितता मामले में दायर जनहित याचिका की (Public Interest Litigation) सुनवाई होनी थी. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी की ओर से अदालत में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश किया गया.

मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी हैः उन्होंने अपने जवाब में बताया है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. अब आगे की जांच चल रही है. अदालत ने इस मामले में राज्य के डीजीपी, जमशेदपुर के एसएसपी को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब पेश करने को कहा था. अदालत के उसी आदेश के आलोक में डीजीपी (Director General Of Police) की ओर से जवाब पेश किया गया है.


गृह सचिव, डीजीपी, जमशेदपुर एसएसपी को प्रतिवादी बनाया गया थाः पूर्व की सुनवाई में बताया गया था कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में हुई गड़बड़ी की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जमशेदपुर एसएसपी को पत्र लिखा था. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार से पूछा था कि इस मामले में एसएसपी की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गयी है या नहीं. कोर्ट ने मामले में गृह सचिव, डीजीपी, जमशेदपुर एसएसपी को प्रतिवादी बनाया था.

राजेश जायसवाल ने जनहित याचिका दाखिल की थीः बता दें कि राजेश जायसवाल की ओर से इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गयी थी. इस याचिका में उन्होंने जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था. उन्होंने इसकी ऑडिट कराने की मांग की थी. उनकी मांग पर ऑडिट हुआ और ऑडिट में गबन की बात सामने आई. इसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी. जिसे अदालत ने गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार के गृह सचिव डीजीपी और एसएसपी से पूछा था.

जमशेदपुरः जिला बार एसोसिएशन में हुई वित्तीय अनियमितता मामले (Financial Irregularities in Bar Association) में दायर जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार 29 नवंबर को झारखंड हाई कोर्ट में हुई. मामले की पूरी सुनवाई समय अभाव के कारण टल गयी. मामले पर विस्तृत सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी.

ये भी पढ़ें-हाई कोर्ट की टिप्पणी, रिम्स निदेशक से नहीं संभल रही व्यवस्था तो क्यों ना आईएएस को बना दें डायरेक्टर

डीजीपी ने पेश किया जवाबः झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में जिला बार एसोसिएशन में हुई वित्तीय अनियमितता मामले में दायर जनहित याचिका की (Public Interest Litigation) सुनवाई होनी थी. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी की ओर से अदालत में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश किया गया.

मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी हैः उन्होंने अपने जवाब में बताया है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. अब आगे की जांच चल रही है. अदालत ने इस मामले में राज्य के डीजीपी, जमशेदपुर के एसएसपी को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब पेश करने को कहा था. अदालत के उसी आदेश के आलोक में डीजीपी (Director General Of Police) की ओर से जवाब पेश किया गया है.


गृह सचिव, डीजीपी, जमशेदपुर एसएसपी को प्रतिवादी बनाया गया थाः पूर्व की सुनवाई में बताया गया था कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में हुई गड़बड़ी की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जमशेदपुर एसएसपी को पत्र लिखा था. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार से पूछा था कि इस मामले में एसएसपी की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गयी है या नहीं. कोर्ट ने मामले में गृह सचिव, डीजीपी, जमशेदपुर एसएसपी को प्रतिवादी बनाया था.

राजेश जायसवाल ने जनहित याचिका दाखिल की थीः बता दें कि राजेश जायसवाल की ओर से इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गयी थी. इस याचिका में उन्होंने जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था. उन्होंने इसकी ऑडिट कराने की मांग की थी. उनकी मांग पर ऑडिट हुआ और ऑडिट में गबन की बात सामने आई. इसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी. जिसे अदालत ने गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार के गृह सचिव डीजीपी और एसएसपी से पूछा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.