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जमशेदपुर: एंबुलेंस के इंतजार में एमरजेंसी के बाहर महिला को प्रसव, जच्चा-बच्चा सुरक्षित

पूर्वी सिंहभूम के परसुडीह खासमहल स्थित सदर अस्पताल में गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा के साथ पहुंची. जहां गर्भवती महिला को MGM अस्पताल रेफर कर दिया गया. इस दौरान महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई. इस पर नर्स और महिला ने एमरजेंसी के बाहर ही प्रसव कराया. मां बच्चे को अस्पताल के स्पेशल वार्ड में रखा गया है.

Pregnant woman
गर्भवती महिला प्रसव
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Published : May 24, 2021, 9:16 PM IST

Updated : May 24, 2021, 10:05 PM IST

जमशेदपुर: परसुडीह खासमहल स्थित सदर अस्पताल में प्रसव पीड़ा के साथ एक गर्भवती महिला पहुंची. जिसके बाद गर्भवती महिला को एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. मां बच्चे को अस्पताल के स्पेशल वार्ड में रखा गया है. जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि कोरोना वार्ड बनाए जाने के कारण गर्भवती महिलाओं को जुगसलाई उप स्वास्थ्य केंद्र या एमजीएम रेफर किया जा रहा था. इसी प्रक्रिया में गर्भवती को रेफर करने के दौरान एमरजेंसी के बाहर बच्चे का जन्म हुआ है, दोनों सुरक्षित हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- रांची पुलिस ने दिखाया मानवीय चेहरा, प्रसव पीड़ा से परेशान रही महिला को तुरंत पहुंचाया अस्पताल

एंबुलेंस के इंतजार में एमरजेंसी के बाहर बच्चे ने लिया जन्म

जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत खासमहल स्थित सदर अस्पताल में प्रसव पीड़ा में एक महिला पहुंची. एमजीएम अस्पताल रेफर किए जाने के दौरान महिला को अधिक पीड़ा होने पर अस्पताल की नर्स डॉक्टर ने घेराबंदी कर महिला का प्रसव कराया है. दरअसल, पोटका के सरबाचेड़ा गांव की रहने वाली महिला बासो टुडू अपनी मां राधे टुडू के साथ एंबुलेंस सेवा के साथ परसुडीह खासमहल स्थित सदर अस्पताल पहुंची थी. जहां चिकित्सकों ने उसका दाखिला लेने से इनकार कर दिया.

सदर अस्पताल के सभी वार्ड को बनाया गया है कोविड वार्ड
इस दौरान महिला का पति एंबुलेंस लाने के लिए बाहर गया तभी प्रसव पीड़ा बढ़ गई. इस दौरान नर्स और डॉक्टर ने घेराबंदी कर उसकी पत्नी को प्रसव कराया. उसने बच्चे को जन्म दिया. आपको बता दें कि कोरोना के दूसरे चरण में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सदर अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है. गर्भवती महिलाओं के आने पर उन्हें प्रसव के लिए जुगसलाई उप स्वाथ्य केंद्र या एमजीएम अस्पताल भेजा जा रहा है. मामले में जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एके लाल ने बताया कि कोविड के कारण सदर अस्पताल के सभी वार्ड को कोविड वार्ड बनाया गया है.

स्पेशल रूम में रखे गए जच्चा-बच्चा

डॉ. लाल ने बताया कि पोटका से आई गर्भवती महिला की प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि महिला में खून की कमी है. जिसे सुरक्षित प्रसव के लिए एमजीएम रेफर किया गया था. इस दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ने पर नर्स और महिला डॉक्टर ने घेराबंदी कर एमरजेंसी के बाहर ही महिला का प्रसव कराया. महिला और नवजात शिशु दोनों को अस्पताल के एक स्पेशल रूम में रखा गया है. महिला को ब्लड चढ़ाने की व्यवस्था की गई है. बच्चा सुरक्षित है.

जमशेदपुर: परसुडीह खासमहल स्थित सदर अस्पताल में प्रसव पीड़ा के साथ एक गर्भवती महिला पहुंची. जिसके बाद गर्भवती महिला को एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. मां बच्चे को अस्पताल के स्पेशल वार्ड में रखा गया है. जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि कोरोना वार्ड बनाए जाने के कारण गर्भवती महिलाओं को जुगसलाई उप स्वास्थ्य केंद्र या एमजीएम रेफर किया जा रहा था. इसी प्रक्रिया में गर्भवती को रेफर करने के दौरान एमरजेंसी के बाहर बच्चे का जन्म हुआ है, दोनों सुरक्षित हैं.

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एंबुलेंस के इंतजार में एमरजेंसी के बाहर बच्चे ने लिया जन्म

जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत खासमहल स्थित सदर अस्पताल में प्रसव पीड़ा में एक महिला पहुंची. एमजीएम अस्पताल रेफर किए जाने के दौरान महिला को अधिक पीड़ा होने पर अस्पताल की नर्स डॉक्टर ने घेराबंदी कर महिला का प्रसव कराया है. दरअसल, पोटका के सरबाचेड़ा गांव की रहने वाली महिला बासो टुडू अपनी मां राधे टुडू के साथ एंबुलेंस सेवा के साथ परसुडीह खासमहल स्थित सदर अस्पताल पहुंची थी. जहां चिकित्सकों ने उसका दाखिला लेने से इनकार कर दिया.

सदर अस्पताल के सभी वार्ड को बनाया गया है कोविड वार्ड
इस दौरान महिला का पति एंबुलेंस लाने के लिए बाहर गया तभी प्रसव पीड़ा बढ़ गई. इस दौरान नर्स और डॉक्टर ने घेराबंदी कर उसकी पत्नी को प्रसव कराया. उसने बच्चे को जन्म दिया. आपको बता दें कि कोरोना के दूसरे चरण में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सदर अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है. गर्भवती महिलाओं के आने पर उन्हें प्रसव के लिए जुगसलाई उप स्वाथ्य केंद्र या एमजीएम अस्पताल भेजा जा रहा है. मामले में जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एके लाल ने बताया कि कोविड के कारण सदर अस्पताल के सभी वार्ड को कोविड वार्ड बनाया गया है.

स्पेशल रूम में रखे गए जच्चा-बच्चा

डॉ. लाल ने बताया कि पोटका से आई गर्भवती महिला की प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि महिला में खून की कमी है. जिसे सुरक्षित प्रसव के लिए एमजीएम रेफर किया गया था. इस दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ने पर नर्स और महिला डॉक्टर ने घेराबंदी कर एमरजेंसी के बाहर ही महिला का प्रसव कराया. महिला और नवजात शिशु दोनों को अस्पताल के एक स्पेशल रूम में रखा गया है. महिला को ब्लड चढ़ाने की व्यवस्था की गई है. बच्चा सुरक्षित है.

Last Updated : May 24, 2021, 10:05 PM IST
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