जमशेदपुर: जिले के उप-विकास आयुक्त परमेश्वर भगत की तरफ से गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मनरेगा योजना, PMAY-G एवं SBM-G के तहत शौचालय निर्माण योजनाओं की प्रखंड वार समीक्षा की गई. इस दौरान डीडीसी ने संबंधित विकास पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए. उप विकास आयुक्त की तरफ से विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने तथा राज्य सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देश के मुताबिक ससमय विकास कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया.
स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण)
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा0) के अंतर्गत NOLB से निर्मित शौचालयों, Geo-tagging एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र से संबंधित प्रखंडवार समीक्षा के दौरान सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को शौचालय निर्माण के लक्ष्य को 15 आगस्त तक पूर्ण कराते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया गया. बैठक में जिला से कार्यपालक अभियंता, जमशेदपुर/आदित्यपुर प्रमंडल, जिला समन्वयक SBM(G) और सभी प्रखंड से प्रखंड विकास पदाधिकारी, सहायक अभियन्ता/कनीय अभियन्ता, प्रखंड समन्वयक एवं सोशल मोबलाइजर उपस्थित रहे.
प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण)
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत Phase-I के लंबित 915 आवासों को राज्य से माह जुलाई के अंतिम सप्ताह में पूर्ण किए जाने का निदेश था. इसके आलोक में उप विकास आयुक्त की तरफ से अविलम्ब पूर्ण कराए जाने का निदेश दिया गया. वहीं वर्ष 2019-20 में प्राप्त लक्ष्य के विरुद्ध स्वीकृति प्राप्त आवासों के शत प्रतिशत लाभुकों को प्रथम किस्त भुगतान किए जाने का निर्देश दिया गया. साथ ही वर्ष 2020-21 में प्राप्त लक्ष्य 3844 के विरुद्ध 2300 आवासों की स्वीकृति प्राप्त शेष 1544 आवासों की स्वीकृति दो दिनों के अन्दर प्रस्ताव तैयार कर जिला को भेजे जाने का निदेश दिया गया.
इसे भी पढ़ें- कोरोना पर आरजेडी ने सीएम नीतीश पर साधा निशाना, कोविड ने बिहार सरकार के विकास की खोली पोलः पूर्व मंत्री RJD
मनरेगा के कार्यो की भी समीक्षा
उप विकास आयुक्त की तरफ से मनरेगा के तहत सभी प्रखंडों में संचालित पोटो हो खेल मैदान योजना, निलांबर पीतांबर जल समृद्धि एवं बिरसा हरित ग्राम योजना में प्रत्येक पंचायत के प्रत्येक गांव में 5 योजनाओं का क्रियान्वयन प्रतिदिन करने का निर्देश दिया गया. उप विकास आयुक्त की तरफ से निदेशित किया गया कि प्रत्येक पंचायत में 200 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. साथ ही मनरेगा कार्यों में महिलाओं की भागीदारी कम से कम 60 फीसदी रखने का निर्देश दिया गया. वहीं पूर्व के लंबित योजनाओं का वर्षवार समीक्षा करते हुए, योजना को एमआईएस में क्लोज करवाने की बाच कही गई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निदेशक एनईपी ज्योत्सना सिंह मौजूद रहे.