जमशेदपुरः जिले के प्रखंड कार्यालय में झारखंड सरकार के महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग और वर्ल्ड बैंक के सहयोग से युवा उत्प्रेरक और फील्ड कॉर्डिनेटर को बीडीओ और मुखिया के हाथों निशुल्क मोबाइल दिए गए. इसकी जानकारी देते हुए तेजस्विनी परियोजना की फील्ड कॉर्डिनेटर ने बताया है कि ग्रामीण क्षेत्र में 14 से 24 वर्ष की आयु वाली युवतियों का डाटा मोबाइल में लिया जाएगा जिसे सरकार तक पहुंचाया जाएगा और समय-समय पर युवतियों को सरकार की योजना की जानकारी के साथ उन्हें जागरूक किया जाएगा.
झारखंड में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली युवती का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा नई पहल की गई है. झारखंड सरकार के महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग और विश्व बैंक के सहयोग से तेजस्विनी परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की 14 से 24 वर्ष की आयु वाली युवतियों का पूरा डाटा संग्रह करने के लिए युवा उत्प्रेरक और क्लस्टर कोऑर्डिनेटर को जिम्मेदारी दी गई है जिसे पूर्ण रूप से धरातल पर उतारने के लिए विश्व बैंक के सहयोग से युवा उत्प्रेरक और कलस्टर कोऑर्डिनेटर को निशुल्क मोबाइल दिया जा रहा है.
इसी क्रम में जमशेदपुर के प्रखंड कार्यालय में युवा उत्प्रेरक और कलस्टर कोऑर्डिनेटर प्रखंड विकास पदाधिकारी और मुखिया द्वारा मोबाइल दिया गया. बता दें कि पूर्वी सिमरन जिला में 25 कलस्टर कोऑर्डिनेटर है और युवा उत्प्रेरक की संख्या 100 है. इस योजना को झारखंड के 17 जिलों में लागू किया गया है जिसमें रामगढ़, दुमका, खूंटी, चतरा, देवघर, बोकारो, धनबाद, पलामू, गोड्डा, लातेहार, कोडरमा, जामताड़ा, लोहरदगा, सरायकेला, खरसावां, सिमडेगा, पाकुड़ और पूर्वी सिंहभूम जिला शामिल हैं.
तेजस्विनी परियोजना की फील्ड कोऑर्डिनेटर ग्लोरिया पूर्ति ने बताया है कि कलस्टर कोऑर्डिनेटर और युवा उत्प्रेरक गांव में घर-घर जाकर 14 से 24 वर्ष की आयु वाली युवतियों का पूरा डाटा कलेक्ट करेंगे जिसमें उनका बैंक अकाउंट नंबर आधार कार्ड भी शामिल होगा.
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कलेक्ट किए गए डाटा को मोबाइल के जरिए इंडियन सोसायटी आफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल को भेजा जाएगा जहां से डाटा का निरीक्षण करने के बाद जिला कार्यक्रम क्रियान्वयन इकाई को अग्रेषित किया जाएगा. डाटा को उम्र के अनुसार क्रमवार झारखंड महिला विकास समिति को भेजा जाएगा और महिला विकास समिति उसे झारखंड सरकार को देगी.
ग्लोरिया ने बताया है कि झारखंड सरकार की योजना की जानकारी ग्रामीण क्षेत्र की युवतियों को समय-समय पर दिया जाएगा और उन्हें जागरूक भी किया जाएगा क्योंकि आज भी ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास डायन प्रथा और कई कुरीतियां हैं.
इसके खिलाफ युवतियों को जागरुक करने का काम किया जाएगा और युवतियों को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें.