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साइबर ठगों ने की 50 लाख रुपए ठगी की, पुलिस ने दबोचा - साइबर ठग गिरोह के पकड़ाए सदस्य राहुल मिश्रा

जमशेदपुर में अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के पकड़ाए सदस्य राहुल मिश्रा के खाते से 2 माह में 52 लाख का ट्रांजैक्शन हुआ था. यह मामला पुलिस के जांच में सामने आया है.

साइबर ठगों ने पचास लाख रुपए की ठगी की, पुलिस ने किया गिरफ्तार
गिरफ्तार अपराधी
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Published : Jan 18, 2020, 12:10 PM IST

जमशेदपुरः अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के पकड़ाए सदस्य राहुल मिश्रा के नाम के खाते से महज दो माह में पचास लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ है. यह सारे रुपए ठगी के शिकार लोगों के हैं. बिष्टुपुर साइबर पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है, कि राहुल के खाते में रुपए आते ही उसे एक मिनट से भी कम समय में उसकी निकासी या दूसरे खाते में ट्रांजैक्शन कर दिया जाता था.

देखें पूरी खबर

और पढ़ें- शिबू सोरेन ने अपने राजनीतिक गुरु धनाय किस्कू को दी श्रद्धांजलि, आदिवासी मेला का किया उद्घाटन

ठगी के गोरखधंधे में संलिप्तता

लौहनगरी की पुलिस ने राहुल के मोबाइल और सीडीआर भी निकाल लिए हैं. उसने किससे और कब बात किए यह पूरा डिटेल्स पुलिस के पास आ गया है. इधर, शुक्रवार को राहुल मिश्रा को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया. हालांकि, अब तक की पूछताछ में उसने ठगी के गोरखधंधे में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. वह बार-बार कह रहे हैं कि महेश पोद्दार ने उसे कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के लिए रखा था. राहुल से उसने कहा था कि एक ऑफिस खोलने वाला है जिसके लिए एक कंप्यूटर ऑपरेटर की जरूरत है. इसके लिए उसने दस हजार देने की बात कही थी.

राहुल ने बताया कि महेश ने नौकरी के नाम पर उसका सारा डॉक्यूमेंट लिया और बैंक में खाता खुलवाया था पुलिस की ओर से यह पूछने पर कि उसके खाते से पचास लाख से अधिक रकम का ट्रांजैक्शन होता है. उसे इसकी जानकारी नहीं थी बड़ी सफाई से राहुल ने पुलिस को कहा है कि खाता से उसका मोबाइल नंबर लिंक नहीं था. इसलिए उसे इस बात की जानकारी नहीं थी पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि राहुल के खाते से 72 लोगों से ठगी रुपए को ट्रांसफर कराया है. इनकी गिरोह के सदस्य के खाते की जांच होगी करोड़ों तक के ट्रांजेक्शन अकाउंट ट्रांजैक्शन की बात सामने आ रही है. पुलिस ने उसके अकाउंट फ्रीज कर दिया है. उसे रिमांड पर लेने के लिए शनिवार को आवेदन दिया जाएगा.

राहुल मिश्रा को पुलिस ने 4 जनवरी की रात ही गिरफ्तार कर लिया था. उसे दूसरे दिन 5 जनवरी को जेल भेजा गया था. मामले में फरार मुख्य सरगना महेश पोद्दार ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था. शुक्रवार को महेश और राहुल की मुलाकात कुछ देर के लिए जेल में हुई. महेश ने राहुल से कहा कि उसने पकड़ आने के बाद पुलिस को उसका नाम क्यों बताया. मालूम हो कि इस मामले में चार आरोपी महेश पोद्दार, राहुल मिश्रा, धीरज शर्मा और राकेश महतो गिरफ्तार हो चुके हैं.

जमशेदपुरः अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के पकड़ाए सदस्य राहुल मिश्रा के नाम के खाते से महज दो माह में पचास लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ है. यह सारे रुपए ठगी के शिकार लोगों के हैं. बिष्टुपुर साइबर पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है, कि राहुल के खाते में रुपए आते ही उसे एक मिनट से भी कम समय में उसकी निकासी या दूसरे खाते में ट्रांजैक्शन कर दिया जाता था.

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ठगी के गोरखधंधे में संलिप्तता

लौहनगरी की पुलिस ने राहुल के मोबाइल और सीडीआर भी निकाल लिए हैं. उसने किससे और कब बात किए यह पूरा डिटेल्स पुलिस के पास आ गया है. इधर, शुक्रवार को राहुल मिश्रा को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया. हालांकि, अब तक की पूछताछ में उसने ठगी के गोरखधंधे में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. वह बार-बार कह रहे हैं कि महेश पोद्दार ने उसे कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के लिए रखा था. राहुल से उसने कहा था कि एक ऑफिस खोलने वाला है जिसके लिए एक कंप्यूटर ऑपरेटर की जरूरत है. इसके लिए उसने दस हजार देने की बात कही थी.

राहुल ने बताया कि महेश ने नौकरी के नाम पर उसका सारा डॉक्यूमेंट लिया और बैंक में खाता खुलवाया था पुलिस की ओर से यह पूछने पर कि उसके खाते से पचास लाख से अधिक रकम का ट्रांजैक्शन होता है. उसे इसकी जानकारी नहीं थी बड़ी सफाई से राहुल ने पुलिस को कहा है कि खाता से उसका मोबाइल नंबर लिंक नहीं था. इसलिए उसे इस बात की जानकारी नहीं थी पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि राहुल के खाते से 72 लोगों से ठगी रुपए को ट्रांसफर कराया है. इनकी गिरोह के सदस्य के खाते की जांच होगी करोड़ों तक के ट्रांजेक्शन अकाउंट ट्रांजैक्शन की बात सामने आ रही है. पुलिस ने उसके अकाउंट फ्रीज कर दिया है. उसे रिमांड पर लेने के लिए शनिवार को आवेदन दिया जाएगा.

राहुल मिश्रा को पुलिस ने 4 जनवरी की रात ही गिरफ्तार कर लिया था. उसे दूसरे दिन 5 जनवरी को जेल भेजा गया था. मामले में फरार मुख्य सरगना महेश पोद्दार ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था. शुक्रवार को महेश और राहुल की मुलाकात कुछ देर के लिए जेल में हुई. महेश ने राहुल से कहा कि उसने पकड़ आने के बाद पुलिस को उसका नाम क्यों बताया. मालूम हो कि इस मामले में चार आरोपी महेश पोद्दार, राहुल मिश्रा, धीरज शर्मा और राकेश महतो गिरफ्तार हो चुके हैं.

Intro:एंकर-- राहुल के खाते से 2 माह में 52 लाख का ट्रांजैक्शन हुआ. देश के हर शहर के लोग हुए ठगी के शिकार।राहुल व मुख्य सरगना महेश के पास करोड़ों की सम्पति.


Body:वीओ1--अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के पकड़ाए सदस्य राहुल मिश्रा के नाम के खाते से महज दो माह में पचास लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ है. यह सारे रुपए ठगी के शिकार लोगों के हैं बिष्टुपुर साइबर पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है. कि राहुल के खाते में रुपए आते ही उसे एक मिनट से भी कम समय में उसकी निकासी या दूसरे खाते में ट्रांजैक्शन कर दिया जाता था. पुलिस ने राहुल के मोबाइल और सीडीआर० भी निकाल लिए हैं. उसने किससे और कब बात किए यह पूरा डिटेल पुलिस के पास आ गया है. इधर शुक्रवार को राहुल मिश्रा को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.हालांकि अब तक की पूछताछ में उसने ठगी के गोरखधंधे में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. वह बार-बार एक ही बात बोल रहा है कि महेश पोद्दार ने उसे कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के लिए रखा था राहुल से उसने कहा था कि एक ऑफिस खोलने वाला है जिसके लिए एक कंप्यूटर ऑपरेटर की जरूरत है इसके लिए उसने दस हज़ार देने की बात कही थी राहुल ने बताया कि महेश ने नौकरी के नाम पर उसका सारा डॉक्यूमेंट लिया और बैंक में खाता खुलवाया था पुलिस द्वारा यह पूछने पर कि उसके खाते से पचास लाख से अधिक रकम का ट्रांजैक्शन होता है उसे इसकी जानकारी नहीं थी बड़ी सफाई से राहुल ने पुलिस को कहा है कि खाता से उसका मोबाइल नंबर लिंक नहीं था इसलिए उसे इस बात की जानकारी नहीं थी पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि राहुल के खाते से 72 लोगों से ठगी रुपए को ट्रांसफर कराया है. इनकी गिरोह के सदस्य के खाते की जांच होगी करोड़ों तक के ट्रांजेक्शन अकाउंट ट्रांजैक्शन की बात सामने आ रही है. पुलिस ने उसके अकाउंट फ्रीज कर दिया है उसे रिमांड पर लेने के लिए शनिवार को आवेदन दिया जाएगा।
जेल में महेश ने राहुल से कहा तुम मेरा नाम क्यों बताएं राहुल-- राहुल मिश्रा को पुलिस ने 4 जनवरी की रात ही गिरफ्तार कर लिया था उसे दूसरे दिन 5 जनवरी को जेल भेजा गया था मामले में फरार मुख्य सरगना महेश पोद्दार ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था शुक्रवार को महेश और राहुल की मुलाकात कुछ देर के लिए जेल में हुई महेश ने राहुल से कहा कि उसने पकड़ आने के बाद पुलिस को उसका नाम क्यों बताया मालूम हो कि इस मामले में चार आरोपी महेश पोद्दार राहुल मिश्रा धीरज शर्मा और राकेश महतो गिरफ्तार हो चुके हैं।


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