ETV Bharat / state

कोरोना वायरस के चलते इवेंट मॉडरेटर्स और कलाकारों का नया साल रहा फीका, नहीं मिला काम - जमशेदपुर में इवेंट मॉडरेटर्स पर कोरोना का असर

कोरोना महामारी के कारण इवेंट मॉडरेटर्स और इवेंट आयोजकों को काफी झटका लगा है. इसके तहत 31 दिसबंर को होने वाले विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हो पाए. कहीं भी किसी तरह के प्रोग्राम का आयोजन नहीं किया गया, जिससे की इवेंट मॉडरेटर्स और इवेंट कलाकारों का काफी नुकसान हुआ.

corona-virus-impact-on-event-moderators-and-artists-in-jamshedpur
इवेंट मॉडरेटर्स और कलाकारों का नया साल रहा फीका
author img

By

Published : Jan 7, 2021, 1:21 PM IST

Updated : Jan 8, 2021, 1:55 PM IST

जमशेदपुर: नव वर्ष को लेकर कोविड-19 सक्रंमण को रोकने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के कारण इस बार 31 दिसंबर को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का कही भी आयोजन नहीं किया गया, जिससे एक बार फिर करीब 9 माह से आर्थिक परेशानी से जूझ रहे कालाकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कलाकार हों या डीजे वाले सभी को 31 दिसबंर का विशेष इंतजार रहता है.

31 दिसंबर के जाने और नव वर्ष के आगमन को लेकर कई जगह सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन कलाकारों की संख्या कम होती है. इसलिए इनकी डिमांड अधिक होती है, इसलिए कहा जाए कि इनके लिए बोनस का समय होता है. शहर के विभिन्न होटलों के अलावा कई जगह में सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले शकंर झा ने बताया कि कोविड-19 के सक्रंमण को रोकने के लिए लाॅकडाउन की वजह से हम कलाकारों की स्थिति वैसे ही खराब थी. 31 दिसंबर को लगा कि कार्यक्रम कर कुछ पैसा आ जाएगा, लेकिन सरकार की तरफ से कारण हमें लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. उन्होने बताया कि हर बार की तरह कुछ होटलों में कार्यक्रम के लिए बुक भी किया गया था, लेकिन गाइडलाइन अंतिम समय में आने के कारण काफी नुकसान हुआ.

देखें स्पेशल स्टोरी
31 दिसंबर को मिलने वाली दर
  • डीजे (लाईट+स्टेज+एलईडी स्क्रीन वाल +सार्फी)- दो लाख से तीन लाख
  • डांसर ग्रुप (कोलकोता)- 50 हजार से 60 हजार
  • आर्टिस्ट-10-15 हजार
  • बाहरी कालाकार- उनके अनुसार दर
  • गिटार बजाने वाला- 6,000
  • कैसियो- 7,000
  • ढोलक बजाने वाला- 5,000-6,000
  • बेस गिटार- 4,000
  • सेक्सो फोन- 15,000
  • मंच संचालन-6,000 से 10,000

इसे भी पढ़ें-गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली रवाना, टिकैत बोले- 2024 तक चलेगा आंदोलन

मंनोरजन के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित
वहीं कलाकारों की मानें तो 31 दिसबंर की रात होने वाले मंनोरजन के लिए अलग-अलग दरें होती हैं, जो आम दिनों मे होने वाले कार्यक्रम से कई गुना ज्यादा होती हैं, क्योंकि कलाकार के अनुसार यह उनका बोनस कार्यक्रम होता है और इसके लिए उनको एक साल पूरा इतंजार करना पड़ाता है.

नहीं हुई कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम
वहीं इस बार होटलों और रेस्तरां में 31 दिसंबर को कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम न होने से इन्हें भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. कहां नव वर्ष के आगमन को लेकर जगमगाने वाले होटल वीरानी छाई रही. होटल और रेस्टोरेंट्स में टेबल खाली पड़े रहे.


व्यवसाय पूरी तरह बंद
वहीं इस संबंध में एक होटल के जीएम ने बताया कि करीब 9 माह से उन लोगों का व्यवसाय पूरी तरह बंद है. उन्हें लगा था कि वह नववर्ष के आगमन में कुछ कार्यक्रम कर कुछ कमा लेंगे. इसके लिए तैयारी कर ली गई थी, लेकिन सरकार ने वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य गाइडलाइन जारी कर कोई भी कार्यक्रम नहीं करने का निर्देश दिया. इस कारण उन लोगों को एक बार फिर आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा, हालांकि उन लोगों ने सिर्फ टेबल की व्यवस्था की थी लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में 25 परसेंटेज टेबल बुक हुए.

जमशेदपुर: नव वर्ष को लेकर कोविड-19 सक्रंमण को रोकने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के कारण इस बार 31 दिसंबर को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का कही भी आयोजन नहीं किया गया, जिससे एक बार फिर करीब 9 माह से आर्थिक परेशानी से जूझ रहे कालाकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कलाकार हों या डीजे वाले सभी को 31 दिसबंर का विशेष इंतजार रहता है.

31 दिसंबर के जाने और नव वर्ष के आगमन को लेकर कई जगह सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन कलाकारों की संख्या कम होती है. इसलिए इनकी डिमांड अधिक होती है, इसलिए कहा जाए कि इनके लिए बोनस का समय होता है. शहर के विभिन्न होटलों के अलावा कई जगह में सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले शकंर झा ने बताया कि कोविड-19 के सक्रंमण को रोकने के लिए लाॅकडाउन की वजह से हम कलाकारों की स्थिति वैसे ही खराब थी. 31 दिसंबर को लगा कि कार्यक्रम कर कुछ पैसा आ जाएगा, लेकिन सरकार की तरफ से कारण हमें लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. उन्होने बताया कि हर बार की तरह कुछ होटलों में कार्यक्रम के लिए बुक भी किया गया था, लेकिन गाइडलाइन अंतिम समय में आने के कारण काफी नुकसान हुआ.

देखें स्पेशल स्टोरी
31 दिसंबर को मिलने वाली दर
  • डीजे (लाईट+स्टेज+एलईडी स्क्रीन वाल +सार्फी)- दो लाख से तीन लाख
  • डांसर ग्रुप (कोलकोता)- 50 हजार से 60 हजार
  • आर्टिस्ट-10-15 हजार
  • बाहरी कालाकार- उनके अनुसार दर
  • गिटार बजाने वाला- 6,000
  • कैसियो- 7,000
  • ढोलक बजाने वाला- 5,000-6,000
  • बेस गिटार- 4,000
  • सेक्सो फोन- 15,000
  • मंच संचालन-6,000 से 10,000

इसे भी पढ़ें-गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली रवाना, टिकैत बोले- 2024 तक चलेगा आंदोलन

मंनोरजन के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित
वहीं कलाकारों की मानें तो 31 दिसबंर की रात होने वाले मंनोरजन के लिए अलग-अलग दरें होती हैं, जो आम दिनों मे होने वाले कार्यक्रम से कई गुना ज्यादा होती हैं, क्योंकि कलाकार के अनुसार यह उनका बोनस कार्यक्रम होता है और इसके लिए उनको एक साल पूरा इतंजार करना पड़ाता है.

नहीं हुई कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम
वहीं इस बार होटलों और रेस्तरां में 31 दिसंबर को कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम न होने से इन्हें भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. कहां नव वर्ष के आगमन को लेकर जगमगाने वाले होटल वीरानी छाई रही. होटल और रेस्टोरेंट्स में टेबल खाली पड़े रहे.


व्यवसाय पूरी तरह बंद
वहीं इस संबंध में एक होटल के जीएम ने बताया कि करीब 9 माह से उन लोगों का व्यवसाय पूरी तरह बंद है. उन्हें लगा था कि वह नववर्ष के आगमन में कुछ कार्यक्रम कर कुछ कमा लेंगे. इसके लिए तैयारी कर ली गई थी, लेकिन सरकार ने वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य गाइडलाइन जारी कर कोई भी कार्यक्रम नहीं करने का निर्देश दिया. इस कारण उन लोगों को एक बार फिर आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा, हालांकि उन लोगों ने सिर्फ टेबल की व्यवस्था की थी लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में 25 परसेंटेज टेबल बुक हुए.

Last Updated : Jan 8, 2021, 1:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.