घाटशिला/पूर्वी सिंहभूमः ताम्रनगरी घाटशिला की उपलब्धियों में जल्द ही एक और नगीना जुड़ सकता है. सबकुछ ठीक रहा तो अयोध्या के श्रीराम मंदिर के साथ घाटशिला के मुसाबनी का भी नाम जुड़ जाएगा. इससे इस क्षेत्र की प्रसिद्धि और बढ़ जाएगी. तांबे के लिए मशहूर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के प्लांट से अयोध्या (यूपी) के श्रीराम मंदिर के लिए 34000 किलो यानी 340 क्विंटल तांबे की मांग (copper of Ghatshila will be used in construction of Shri Ram temple in Ayodhya ) की गई है. इसके लिए निर्माण कार्य में लगी कंपनी L&T के अधिकारियों ने यहां के तांबे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है. मुसाबनी के तांबे से श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ तो दुनिया भर में घाटशिला को भी नई पहचान मिलेगा.
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बता दें कि झारखंड के घाटशिला क्षेत्र को ताम्र नगरी के रूप में जाना जाता है. घाटशिला के मुसाबनी क्षेत्र में मांउ भंडार में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड का प्लांट है.अयोध्या में श्रीराम का निर्माण कार्य करा रही कंपनी L&T (लॉर्सन एंड टुब्रो यानी एलएंडटी) के अधिकारी बीते दिन घाटशिला पहुंचे. उन्होंने हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के मांउभंडार प्लांट का दौरा किया और यहां के तांबे की शुद्धता की जांच की.इसके अलावा अधिकारियों ने तांबे के सैंपल को आगे की जांच के लिए प्लेट की कटिंग सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है.
340 क्विंटल तांबा जाएगा अयोध्या!
यदि तांबे का यह सैंपल जांच में पास हो गया तो इसका मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होगा. इसके लिए हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड से 34000 किलोग्राम यानी 340 क्विंटल तांबे की मांग की गई है. जांच के बाद कंपनी यहां से तांबा श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश में अयोध्या भेजेगी.बता दूं कि देश की सबसे पुरानी तांबे की खान घाटशिला की ही है जिसकी स्थापना 1924 में हुई थी.
स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल
इधर, घाटशिला की कंपनी के तांबे का अयोध्या के श्रीराम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल की जानकारी से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है. लोगों का कहना है कि पूर्वी सिंहभूम के लोगों का सौभाग्य है कि भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण में घाटशिला के तांबे का उपयोग होगा.