जमशेदपुर/गढ़वा/रामगढ़: कोलकाता में हुए डॉक्टरों पर हमले के विरोध में झारखंड के कई शहरों में भी डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है. लौहनगरी के अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा ओपीडी की सेवाएं बंद कर दी गई है. यह निर्णय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिया है. वहीं, गढ़वा और रामगढ़ में भी डॉक्टरों की पिटाई के खिलाफ सभी नीजि अस्पतालों में डॉक्टरों का हड़ताल जारी है.
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद जमशेदपुर के डॉक्टरों ने भी विरोध किया है. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि 18 जून की सुबह तक ओपीडी में डॉक्टर काम नहीं करेंगे. डॉक्टरों पर हुए हमलों से वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में लौहनगरी के डॉक्टर भी सड़कों पर उतरे.
वहीं, डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद गढ़वा में भी असर दिखा जहां आईएमए की राष्ट्रीय इकाई के आह्वान पर गढ़वा के सारे निजी और सरकारी अस्पताल बंद रहे. हड़ताली चिकित्सकों ने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की. वहीं, मरीजों का इलाज नहीं होने से उनकी परेशानी और बढ़ गयी. आईएमए की गढ़वा जिला इकाई के सचिव डॉ कुमार निशांत सिंह ने कहा कि आए दिन चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना हो रही है. सरकार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करे. पश्चिम बंगाल की सीएम की कार्रवाई से हम संतुष्ट नहीं हैं.
इधर, रामगढ़ में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झांसा झारखंड राज्य इकाई के निर्देश पर जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल हड़ताल पर रहे. सुबह 6:00 बजे से ही डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हो गई थी, जिसके कारण मरीजों को खासा परेशानी हो रही है.