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हड़ताल पर 'भगवान', मरीजों का हाल हुआ बेहाल

कोलकाता में हुए डॉक्टरों पर हमले के विरोध में झारखंड समेत पूरे देश में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है. लौहनगरी के अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा ओपीडी की सेवाएं बंद कर दी गई है. वहीं, गढ़वा और रामगढ़ में भी डॉक्टरों की पिटाई के खिलाफ सभी नीजि अस्पतालों में डॉक्टरों का हड़ताल जारी है.

पूरे प्रदेश में हड़ताल पर डॉक्टर्स
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Published : Jun 17, 2019, 5:31 PM IST

जमशेदपुर/गढ़वा/रामगढ़: कोलकाता में हुए डॉक्टरों पर हमले के विरोध में झारखंड के कई शहरों में भी डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है. लौहनगरी के अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा ओपीडी की सेवाएं बंद कर दी गई है. यह निर्णय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिया है. वहीं, गढ़वा और रामगढ़ में भी डॉक्टरों की पिटाई के खिलाफ सभी नीजि अस्पतालों में डॉक्टरों का हड़ताल जारी है.

देखें पूरी खबर


पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद जमशेदपुर के डॉक्टरों ने भी विरोध किया है. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि 18 जून की सुबह तक ओपीडी में डॉक्टर काम नहीं करेंगे. डॉक्टरों पर हुए हमलों से वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में लौहनगरी के डॉक्टर भी सड़कों पर उतरे.

वहीं, डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद गढ़वा में भी असर दिखा जहां आईएमए की राष्ट्रीय इकाई के आह्वान पर गढ़वा के सारे निजी और सरकारी अस्पताल बंद रहे. हड़ताली चिकित्सकों ने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की. वहीं, मरीजों का इलाज नहीं होने से उनकी परेशानी और बढ़ गयी. आईएमए की गढ़वा जिला इकाई के सचिव डॉ कुमार निशांत सिंह ने कहा कि आए दिन चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना हो रही है. सरकार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करे. पश्चिम बंगाल की सीएम की कार्रवाई से हम संतुष्ट नहीं हैं.

इधर, रामगढ़ में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झांसा झारखंड राज्य इकाई के निर्देश पर जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल हड़ताल पर रहे. सुबह 6:00 बजे से ही डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हो गई थी, जिसके कारण मरीजों को खासा परेशानी हो रही है.

जमशेदपुर/गढ़वा/रामगढ़: कोलकाता में हुए डॉक्टरों पर हमले के विरोध में झारखंड के कई शहरों में भी डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है. लौहनगरी के अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा ओपीडी की सेवाएं बंद कर दी गई है. यह निर्णय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिया है. वहीं, गढ़वा और रामगढ़ में भी डॉक्टरों की पिटाई के खिलाफ सभी नीजि अस्पतालों में डॉक्टरों का हड़ताल जारी है.

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पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद जमशेदपुर के डॉक्टरों ने भी विरोध किया है. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि 18 जून की सुबह तक ओपीडी में डॉक्टर काम नहीं करेंगे. डॉक्टरों पर हुए हमलों से वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में लौहनगरी के डॉक्टर भी सड़कों पर उतरे.

वहीं, डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद गढ़वा में भी असर दिखा जहां आईएमए की राष्ट्रीय इकाई के आह्वान पर गढ़वा के सारे निजी और सरकारी अस्पताल बंद रहे. हड़ताली चिकित्सकों ने सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की. वहीं, मरीजों का इलाज नहीं होने से उनकी परेशानी और बढ़ गयी. आईएमए की गढ़वा जिला इकाई के सचिव डॉ कुमार निशांत सिंह ने कहा कि आए दिन चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना हो रही है. सरकार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करे. पश्चिम बंगाल की सीएम की कार्रवाई से हम संतुष्ट नहीं हैं.

इधर, रामगढ़ में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झांसा झारखंड राज्य इकाई के निर्देश पर जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल हड़ताल पर रहे. सुबह 6:00 बजे से ही डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हो गई थी, जिसके कारण मरीजों को खासा परेशानी हो रही है.

Intro:*हड़ताल से मरीज हुए परेशान ..
*डॉक्टरों ने नहीं किया इलाज ...
*सुभाष चौक के समीप सभी डॉक्टरों ने दिया धरना ..
*इमरजेंसी सेवा छोड़कर सभी अस्पताल व क्लीनिक बंद रहे रामगढ़ में ......



इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झांसा झारखंड राज्य इकाई के निर्देश पर रामगढ़ जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल व्हाट डॉक्टर हड़ताल पर रहे सुबह 6:00 बजे से ही डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हो गई थी जिसके कारण मरीज परेशान होते हुए दिखे केवल आपातकालीन सेवा चल रही थी


Body:कोलकाता के डॉक्टरों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार के विरोध में डॉक्टरों ने 24 घंटे के आंदोलन के तहत हड़ताल कर रहे हैं जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है सदर अस्पताल सहित सभी निजी अस्पताल में डॉक्टर नदारद रहे सभी डॉक्टर सुभाष चौक मेन रोड के समीप धरना भी दिया दूरदराज से आए सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा ...


वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर राज्य में कई वर्षों से डॉक्टर आंदोलित है लेकिन डॉक्टरों व निजी नर्सिंग होम ओं की सुरक्षा की चिंता किसी को नहीं है जिसके कारण अक्सर डॉक्टरों पर जानलेवा हमला होता रहता है और क्लिनिको में भी तोड़फोड़ होती रहती है जिसके कारण डॉक्टरों को हम जान का खतरा बना रहता है/

बाइट एसपी सिंह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष रामगढ़




सभी मरीज डॉक्टरों के ना रहने से वापस जा रहे थे मरीजों ने कहा कि डॉक्टरों के नहीं रहने से समय भी बर्बाद हुआ और इलाज भी नहीं हुआ है जिससे दिक्कत तो हुई है वहीं बच्चों को दिखाने आए एक अभिभावक ने कहा कि यहां पहुंचे तो पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर है और वे निराश होकर वापस जा रहे हैं आज भी ऑफिस से छुट्टी लेकर आए थे ताकि बच्चों का इलाज करा सके लेकिन अब कल भी छुट्टी लेनी पड़ेगी ताकि बच्चे का इलाज हो सके /

BYTE ___सुषमा देवी
BYTE____भारत सिंह


सदर अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टर ने कहा कि हम केवल इमरजेंसी सेवा के लिए बैठे हैं

वाइट डॉ suraj gupta









Conclusion:धरना स्थल पर बैठे चिकित्सकों ने 2 महीने के मासूम का इलाज इमरजेंसी सेवा के तहत धरना स्थल पर ही किया डॉक्टरों के हड़ताल से आम जनजीवन पर खासा प्रभाव पड़ा है लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा
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