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जमशेदपुर में त्रिशूल महोत्सव का रंगारंग आगाज, राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर किया उद्धाटन

भारत सेवाश्रम के जमशेदपुर शाखा परिसर में शुक्रवार को 70वां त्रिशुल महोत्सव का शुभारंभ हुआ. सोनारी में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का उद्धाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान उन्होंने देश में विलुप्त हो रहे आदिवासियों के प्रजातियां को लेकर चिंता जताई.

Colorful opening of Trishul festival in Jamshedpur
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल
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Published : Jan 5, 2020, 8:03 AM IST

जमशेदपुर: सोनारी स्थित भारत सेवाश्रम संघ की ओर से आयोजित त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन आदिवासी संस्कृतिक सम्मेलन का उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है, जो चिंता का विषय है.

देखें पूरी खबर

विलुप्त हो रहे हैं आदिवासी

भारत सेवाश्रम के जमशेदपुर शाखा परिसर में शुक्रवार को 70वां त्रिशुल महोत्सव का शुभारंभ हुआ. सोनारी में आयोजित त्रिशूल महोत्सव इस दौरान आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत में आदिवासियों की कई प्रजातियां हैं. उनमें से कई प्रजातियां आज विलुप्त होने के कगार पर हैं. सरकार की ओर से उन्हें बचाने के लिए पर्याप्त प्रयास किए जा रहे हैं. तमाम सरकारी सुविधाएं उन्हें उपलब्ध कराई जा रही हैं. लेकिन उन्हें भी अपने विकास और समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए.

आदिवासी समाज को शिक्षित होने की जरुरत

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी की भाषा और संस्कृति बहुत ही समृद्ध है. आवश्यकता इस बात की है कि आदिवासियों की संस्कृति और भाषा का ज्यादा से ज्यादा विकास हो. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पास आयुर्वेद और जंगल में पाए जाने वाली जड़ी-बूटियां का ज्ञान है और वह इसका प्रयोग अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए भी करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. हम आदिवासियों को भी अपने स्तर से अपने विकास के लिए प्रयास करने होंगे. राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी महिलाओं, बच्चों और समाज के वरिष्ठ नागरिकों से आह्वान किया कि वे समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दें.

इसे भी पढे़ं- CM ने बासुकीनाथ मंदिर हादसे के शिकार पुरोहित के परिजनों से की मुलाकात, नौकरी और दो लाख का चेक दिया

शिक्षित समाज से ही विकास संभव

सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित समाज से ही राज्य और देश का विकास संभव है. उन्होंने आदिवासी संस्कृति सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत सेवाश्रम संघ को धन्यवाद दिया. उल्लेखनीय है कि स्वामी परमानंद जी महाराज के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष भारत सेवाश्रम संघ की ओर से तीन दिवसीय त्रिशूल महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस क्रम में इस वर्ष भी त्रिशूल महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुई.

जमशेदपुर: सोनारी स्थित भारत सेवाश्रम संघ की ओर से आयोजित त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन आदिवासी संस्कृतिक सम्मेलन का उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है, जो चिंता का विषय है.

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विलुप्त हो रहे हैं आदिवासी

भारत सेवाश्रम के जमशेदपुर शाखा परिसर में शुक्रवार को 70वां त्रिशुल महोत्सव का शुभारंभ हुआ. सोनारी में आयोजित त्रिशूल महोत्सव इस दौरान आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत में आदिवासियों की कई प्रजातियां हैं. उनमें से कई प्रजातियां आज विलुप्त होने के कगार पर हैं. सरकार की ओर से उन्हें बचाने के लिए पर्याप्त प्रयास किए जा रहे हैं. तमाम सरकारी सुविधाएं उन्हें उपलब्ध कराई जा रही हैं. लेकिन उन्हें भी अपने विकास और समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए.

आदिवासी समाज को शिक्षित होने की जरुरत

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी की भाषा और संस्कृति बहुत ही समृद्ध है. आवश्यकता इस बात की है कि आदिवासियों की संस्कृति और भाषा का ज्यादा से ज्यादा विकास हो. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पास आयुर्वेद और जंगल में पाए जाने वाली जड़ी-बूटियां का ज्ञान है और वह इसका प्रयोग अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए भी करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. हम आदिवासियों को भी अपने स्तर से अपने विकास के लिए प्रयास करने होंगे. राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी महिलाओं, बच्चों और समाज के वरिष्ठ नागरिकों से आह्वान किया कि वे समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दें.

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शिक्षित समाज से ही विकास संभव

सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित समाज से ही राज्य और देश का विकास संभव है. उन्होंने आदिवासी संस्कृति सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत सेवाश्रम संघ को धन्यवाद दिया. उल्लेखनीय है कि स्वामी परमानंद जी महाराज के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष भारत सेवाश्रम संघ की ओर से तीन दिवसीय त्रिशूल महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस क्रम में इस वर्ष भी त्रिशूल महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुई.

Intro:जमशेदपुर ।सोनारी स्थित भारत सेवाश्रम संघ द्वारा आयोजित त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन आदिवासी संस्कृतिक सम्मेलन का उद्घाटन राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर किया.। इस दौरान आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में आदिवासियों की कई प्रजातियां हैं उनमें कई प्रजाति आज विलुप्त होने के कगार पर हैं । सरकार द्वारा उन्हें बचाने के लिए पर्याप्त प्रयास किए जा रहे हैं ।तमाम सरकारी सुविधाएं उन्हें उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन उन्हें भी अपने विकास एवं समाज के मुख्यधारा में जुड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए।


Body:उन्होंने कहा कि आदिवासी की भाषा और संस्कृति बहुत ही समृद्ध है। आवश्यकता इस बात की है कि आदिवासी की संस्कृति और भाषा का ज्यादा से ज्यादा विकास हो। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पास आयुर्वेद एवं जंगल में पाए जाने वाली जड़ी बूटियां का ज्ञान है ।और वह इसका प्रयोग अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए भी करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हमें भी अपने स्तर से अपने विकास के लिए प्रयास करने होंगे ।उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है ।उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी महिलाओं बच्चों एवं समाज के वरिष्ठ नागरिकों से आह्वान किया कि वे समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दें।


Conclusion:राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित समाज से ही राज्य और देश का विकास संभव है। उन्होंने आदिवासी संस्कृति सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत सेवाश्रम संघ को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि स्वामी परमानंद जी महाराज के जन्मोत्सव के उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष भारत सेवाश्रम संघ द्वारा तीन दिवसीय त्रिशूल महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में इस वर्ष भी त्रिशूल महोत्सव का आयोजन किया गया ।जिसमें त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुई।
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