जमशेदपुर: साइबर ठगी के अंतरराज्यीय गिरोह के मुख्य सरगना महेश पोद्दार ने गुरुवार ने जमशेदपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सरेंडर के कुछ दिन पहले ही बिष्टुपुर साइबर थाना की टीम महेश पोद्दार की तलाश करने मुंबई और कोलकाता गई थी, हालांकि पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा था.
महेश इस ठगी के खेल में संचालन करने वालों का नाम बता सकता है. महेश ने अब तक कितने लोगों को किस-किस तरीके से ठगी का शिकार बनाया है. इससे भी पर्दा उठा सकता है. वहीं, दूसरी ओर इस गिरोह का खुलासा करने वाले जेल में बंद गिरोह के सदस्य राहुल मिश्रा को साइबर पुलिस शुक्रवार को रिमांड पर लेगी. गुरुवार को कोर्ट ने उसके रिमांड अर्जी को स्वीकार करते हुए रिमांड पर लेने की अनुमति दी है.
नेटवर्क से गायब हो गया था महेश
महेश के जो भी मोबाइल नंबर पुलिस के हाथ लगी थी, उसके लोकेशन के आधार पर वह मुंबई में था, उसके गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी की जानकारी होने और खेल का भंडाफोड़ होने की जानकारी मिलने के बाद से महेश ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया था. पुलिस को आशंका है कि वह कोई और नंबर रखा था जिसकी जानकारी उसके अन्य साथियों और पुलिस को नहीं थी. जिससे वह शहर में चल रही कार्रवाई की जानकारी हासिल कर रहा था.
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ऐसे आया मामला सामने
परसुडीह थाना के छोटा गोविंदपुर साईं मंदिर रोड गदड़ा के रहने वाले नीतीश कुमार सिंह को नौकरी दिलाने के बहाने उसके नाम पर तीन अलग-अलग बैंकों का खाता, एटीएम कार्ड और बैंक किट्स में नाम पर 3 सिम कार्ड जारी करवाकर हड़प लिया गया, साथ ही उसके अकाउंट से बीस लाख रुपए निकासी दिखाते हुए देश के विभिन्न लोगों के साथ ठगी करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. नीतीश की शिकायत पर 4 जनवरी की रात राहुल मिश्रा की गिरफ्तारी की गई थी, उसके बाद शहर में चल रही इस अंतर राज्यस्तर पर चल रहे इस मामले का खुलासा हुआ था.